दवाइयों का थोक व्यापार कैसे शुरू करें? Wholesale Medicine Business in Hindi.

लाभकारी व्यापारों की लिस्ट में दवाइयों का व्यापार हमेशा से ही सर्वोपरी रहा है लेकिन आज हम Wholesale Medicine Business की बात करने वाले हैं। जिसके तहत उद्यमी को दवाइयां रिटेल में न बेचकर थोक में मेडिकल स्टोर इत्यादि को बेचनी होती हैं। इस तरह का यह व्यापार एक ऐसा बिजनेस है जिसे शुरू करना तो लगभग सभी चाहते हैं लेकिन शुरू केवल कुछ ही लोग कर पाते हैं।

यद्यपि इसमें कोई दो राय नहीं की इस तरह के इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए ड्रग लाइसेंस की आवश्यकता होती है और इस प्रकार का लाइसेंस सिर्फ अनुभवी एवं रजिस्टर्ड फार्मेसिस्ट को ही प्रदान किया जाता है। लेकिन कुछ राज्यों में जिन्हें दवाइयों एवं इससे जुड़े क्षेत्र में कम से कम एक दो साल का अनुभव हो वे भी इस तरह के लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकते हैं।

और होलसेल मेडिसिन बिजनेस करने का यह भी फायदा है की जिस फार्मा कंपनी की दवाइयां या फ्रैंचाइज़ी उद्यमी खरीद रहा होता है वह भी उसे लाइसेंस इत्यादि लेने में मदद करती है। हो सकता है की वे खुद के नाम से ड्रग लाइसेंस लेकर नॉन फार्मेसिस्ट उद्यमी को व्यापार करने की स्वीकृत दे दे।

चूँकि दवाइयों का थोक का व्यापार अधिकतम मार्जिन वाले बिजनेस की लिस्ट में शामिल है शायद यही कारण है की लोग अक्सर इस तरह का बिजनेस कैसे शुरू करें? विषय पर विस्तृत जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं।

इसलिए यदि आप भी दवाइयों का थोक बिजनेस शुरू करने की सोच रहे हैं तो आज का हमारा यह लेख आपके लिए बेहद उपयोगी साबित हो सकता है। इसलिए इसे अंत तक अवश्य पढ़ें।

Wholesale Medicine Business in hindi
Wholesale Medicine Business

दवाइयों का थोक व्यापार क्या है (What is Wholesale Medicine Business):

जैसा की हम सब अच्छी तरह से जानते हैं की भारत में ही नहीं अपितु वैश्विक स्तर पर किसी भी वस्तु को ग्राहकों तक विभिन्न वितरण प्रणालियों द्वारा भेजा जाता है। इनमें से लगभग दो वितरण प्रणाली थोक एवं फुटकर काफी प्रसिद्ध हैं वैसे आप इन्हें वितरण प्रणाली न कहकर विक्रय प्रणाली भी कह सकते हैं। जी हाँ आम तौर पर हम अधिकतर चीजें रिटेल स्टोर यानिकी फुटकर विक्रेताओं से खरीदते हैं और फुटकर विक्रेता उस वस्तु को थोक विक्रेता से खरीदते हैं।

ऐसा ही दवाइयों को अंतिम उपभोक्ता तक पहुँचाने के लिए भी होता है। आम तौर पर एक मेडिकल स्टोर से ग्राहक रिटेल में दवाइयां खरीदता है और जबकि मेडिकल स्टोर होलसेल दवाइयों का बिजनेस करने वाले उद्यमी से दवाइयां खरीदता है। इसलिए दवाइयों के थोक व्यापार से हमारा आशय व्यवसाय की उसी प्रक्रिया से है जब उद्यमी के ग्राहक के तौर पर अंतिम उपभोक्ता न होकर मेडिकल स्टोर बिजनेस करने वाले होते हैं।

ड्रग लाइसेंस के लिए पात्रता (Eligibility Criteria for Drug License)

फर्मास्यूटिकल सेक्टर में थोक का व्यापार शुरू करने के लिए ड्रग लाइसेंस अनिवार्य होता है जी हाँ दोस्तों कहने का अभिप्राय यह है की मेडिसिन का होलसेल बिजनेस शुरू करने के लिए ड्रग लाइसेंस बेहद आवश्यक होता है । यानिकी कोई भी व्यक्ति बिना ड्रग लाइसेंस के इस तरह का व्यापार शुरू नहीं कर सकता है।

यदि कोई ऐसा करता है तो इसे गैरकानूनी माना जायेगा और उसके खिलाफ क़ानूनी कार्यवाही की जाएगी। इसलिए भारत में इस तरह के व्यापार को ड्रग लाइसेंस लेकर शुरू करना ही उचित है तो आइये जानते हैं की इस तरह का लाइसेंस लेने के लिए पात्रता सम्बन्धी नियम क्या हैं।

  • आवेदनकर्ता राज्य फार्मेसी परिषद् के तहत एक रजिस्टर्ड फार्मेसिस्ट होना चाहिए हालांकि कुछ राज्यों में नियम अलग भी हो सकते हैं।
  • यदि आवेदनकर्ता ग्रेजुएट है और वह एक पंजीकृत फार्मेसिस्ट नहीं है तो इस स्थिति में उसके पास कम से कम इस फिल्ड का एक वर्ष का अनुभव होना अनिवार्य है। यह अनुभव वह किसी भी रजिस्टर्ड ड्रग लाइसेंस फर्म से प्राप्त कर सकता है।
  • इसके अलावा यदि आवेदनकर्ता बारहवीं पास है और वह एक पंजीकृत फार्मेसिस्ट नहीं है तो इस स्थिति में उसके पास इस फिल्ड का कम से कम चार वर्षों का अनुभव होना अनिवार्य है।

जैसा की हम पहले भी बता चुके है की दवाइयों का थोक बिजनेस शुरू करने के लिए ड्रग लाइसेंस प्रदान करने सम्बन्धी नियम अलग अलग राज्यों में अलग अलग भी हो सकते हैं। लेकिन उपर्युक्त नियम अधिकतर राज्यों में लागू हैं इसलिए इससे एक बात स्पष्ट है की पंजीकृत फार्मेसिस्ट के अलावा भी कोई अन्य व्यक्ति इस व्यवसाय को शुरू कर सकता है बशर्ते उसके पास इस फिल्ड का आवश्यक अनुभव हो ।  

दवाइयों का थोक व्यापार कैसे शुरू करें? (How to Start Wholesale Medicine Business)

दवाइयों का थोक का व्यापार बेहद ही लाभकारी बिजनेस है इसमें कोई दो राय नहीं है इसके लाभकारी होने के अनेकों कारण हैं। पहला कारण यही है की दवाइयां मनुष्य को हर हाल में चाहिए ही चाहिए होती हैं यदि कोई बीमार है और उसे डॉक्टर ने दवाइयां खाने को बोला है तो शायद ही ऐसा कोई व्यक्ति होगा जो डॉक्टर की बात न मानकर अपने जीवन को संकट में डालेगा।

दूसरा यह की इस तरह के व्यवसाय में मार्जिन बहुत अधिक रहता है कुछ दवा बनाने वाली नई कम्पनियां तो 60% तक का मार्जिन ऑफर करती हैं। यही कारण है की होलसेल मेडिसिन बिजनेस लोगों के बीच काफी प्रचलित तो है लेकिन इस तरह के व्यवसाय को कैसे शुरू किया जा सकता है। इसकी सही से जानकारी किसी के पास उपलब्ध नहीं है।

कुछ लोग मानते हैं की केवल एक रजिस्टर्ड फार्मेसिस्ट ही इस तरह का व्यवसाय शुरू करने के लिए पात्र होता है क्योंकि इस बिजनेस के लिए ड्रग लाइसेंस आवश्यक होता है और यह केवल रजिस्टर्ड फार्मेसिस्ट को ही प्रदान किया जा सकता है।

कुछ लोगों का मानना है की दवाइयों का होलसेल बिजनेस करने के लिए रजिस्टर्ड फार्मेसिस्ट होना जरुरी नहीं है। यदि किसी व्यक्ति को इस क्षेत्र में जैसे मेडिकल स्टोर, फार्मा कंपनी इत्यादि में काम करने का कम से कम एक साल का अनुभव हो तो वह भी इस तरह के इस व्यापार को शुरू कर सकते हैं। तो कुछ लोग तो केवल बारहवीं पास व्यक्तियों को इस तरह का व्यवसाय शुरू करने के लिए पात्र बताते हैं।

शायद यह सब इसलिए संभव है क्योंकि अलग अलग राज्यों में ड्रग लाइसेंस प्रदान करने सम्बन्धी अलग अलग नियम हो सकते हैं। लेकिन आम तौर पर देखा गया है की एक पंजीकृत फार्मेसिस्ट को ही ड्रग लाइसेंस प्रदान किया जाता है लेकिन कई राज्य इस फिल्ड में अनुभवी व्यक्ति को भी लाइसेंस प्रदान करते हैं। तो आइये जानते हैं की कैसे कोई व्यक्ति खुद का दवाइयों का थोक का कारोबार (Wholesale Medicine business) शुरू कर सकता है।

1. दुकान या जगह का प्रबंध

दवाइयों का थोक व्यापार करने के लिए उद्यमी को एक खाली दुकान या जगह की आवश्यकता होती है। चूँकि इस तरह के व्यवसाय में उद्यमी दवाइयां रिटेल में न बेचकर थोक में मेडिकल स्टोर इत्यादि को सप्लाई कर रहा होता है। इसलिए यह जरुरी नहीं है की उद्यमी इस तरह के व्यवसाय के लिए जगह या दुकान का प्रबंध किसी प्राइम लोकेशन का भीड़ भाड़ वाली जगह पर ही करे।

बल्कि उद्यमी किसी सुनसान जगह से भी होलसेल मेडिसिन बिजनेस को संचालित कर सकता है बशर्ते वहां पर आधारभूत सुविधाओं जैसे सड़क, बिजली, पानी इत्यादि की उचित व्यवस्था हो। और इसके लिए कम से कम दो सौ स्क्वायर फीट जगह उपयुक्त रहेगी। दुकान या जगह किराये पर लेते वक्त रेंट एग्रीमेंट अवश्य बनवा लें। ताकि इस दस्तावेज को पता प्रमाण के तौर पर इस्तेमाल में लाया जा सके।

2. वित्त का प्रबंध करें (Arrange finance for Wholesale Medicine Business)

वैसे देखा जाय तो दवाइयों का थोक व्यापार शुरू करने में उद्यमी को जो सबसे अधिक बात चिंतित करती है वह यही की वह ड्रग लाइसेंस कैसे प्राप्त कर सकता है।

बाकी जहाँ तक दवाइयों के थोक बिजनेस को शुरू करने में आने वाली लागत की बात है तो उद्यमी लगभग 4-5 लाख या फिर इससे भी कम निवेश के साथ इस तरह के बिजनेस को आसानी से शुरू कर सकता है। इस व्यवसाय को शुरू करने में आने वाली कुछ प्रमुख लागतों का विवरण इस प्रकार से है।

  • ड्रग लाइसेंस रजिस्ट्रेशन शुल्क एवं अन्य लाइसेंस को मिलाकर इन कार्यों में लगभग 25-30 हज़ार रुपयों तक का खर्चा हो सकता है।
  • फर्नीचर इत्यादि पर बीस हज़ार रूपये तक खर्च हो सकते हैं।
  • रेफ्रीजिरेटर यानिकी फ्रिज पर 9-15 हज़ार रूपये तक खर्च हो सकते हैं ।
  • दुकान का किराया लोकेशन एवं एरिया पर निर्भर करेगा लेकिन इसमें हम इसे 8000 प्रति महीने मान के चल सकते हैं।
  • इसके अलावा दवाई डिलीवर करने वाले कर्मचारियों की सैलरी इत्यादि पर शुरूआती दौर में 30000 रूपये प्रति महीने मान के चल सकते हैं।
  • यद्यपि दवाइयां उद्यमी अपने पास उपलब्ध संसाधनों को देखते हुए खरीद सकता है लेकिन 2-3 लाख की दवाइयां खरीदकर शुरुआत की जा सकती है।

इसलिए उद्यमी चाहे तो अपनी व्यक्तिगत बचत, पारिवारिक मित्रों दोस्तों से उधार लेकर भी वित्त का प्रबंध कर सकता है। या फिर ऋण के औपचारिक साधनों जैसे बैंक, वित्तीय संस्थानों से ऋण के लिए आवेदन कर सकता है।              

3. ड्रग लाइसेंस एवं अन्य रजिस्ट्रेशन

इसमें कोई दो राय नहीं की कोई भी व्यक्ति मेडिसिन के होलसेल बिजनेस को बिना ड्रग लाइसेंस के शुरू नहीं कर सकता क्योंकि इसके लिए ड्रग लाइसेंस लेना अनिवार्य होता है। बिना लाइसेंस के इस तरह की गतिविधि को शुरू करना गैरकानूनी है।

ड्रग लाइसेंस के लिए उद्यमी स्थानीय ड्रग इंस्पेक्टर के कार्यालय में जाकर आवेदन कर सकता है बहुत सारे राज्यों में यह प्रक्रिया ऑनलाइन भी होगी। लेकिन ऑनलाइन आवेदन करने से पहले भी उद्यमी को बहुत सारे दस्तावेजों को स्कैन करने एवं तैयार रखने की आवश्यकता हो सकती है।

  • अनुभव प्रमाण पत्र या फिर योग्य व्यक्ति की नियुक्ति का पत्र
  • पता प्रमाण पत्र
  • शैक्षणिक योग्यता प्रमाण पत्र
  • जन्म प्रमाण पत्र
  • बिजनेस का ब्लू प्रिंट सिग्नेचर के साथ
  • पासपोर्ट साइज़ फोटोग्राफ

दवाइयों का थोक व्यापार करने के लिए उद्यमी को ड्रग लाइसेंस के अलावा जीएसटी रजिस्ट्रेशन, शॉप्स एंड एस्टाब्लिश्मेंट एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन, फ़ूड सप्लीमेंट बेचने के लिए FSSAI License इत्यादि लेने की भी आवश्यकता होती है ।    

4. फार्मा कम्पनियों से संपर्क करें

उद्यमी का अब अगला कदम दवाइयां खरीदने के लिए फार्मा कम्पनियों से संपर्क करने का होना चाहिए लेकिन इससे पहले उद्यमी को इस बात का भी पता लगाना चाहिए की उस एरिया में डॉक्टर द्वारा आम तौर पर किस श्रेणी में किस कम्पनी की दवाएं प्रीस्क्राइब की जाती हैं। ध्यान रहे लोग अक्सर उसी कम्पनी की दवाइयां खरीदना पसंद करते हैं जो उन्हें डॉक्टर ने अपनी पर्ची में लिख कर दी हो।

इसके लिए उद्यमी चाहे तो मेडिकल स्टोरों में विजिट करके पहले उनका आर्डर ले सकता है और फिर उसी आधार पर अपने थोक बिजनेस के लिए दवाइयां खरीदने हेतु फार्मा कम्पनियों से संपर्क कर सकता है। शुरू में उद्यमी को केवल उन्हीं कम्पनियों की दवाइयों का थोक व्यापार करना चाहिए जो उस एरिया में मेडिकल स्टोर चाहते हों।

हाँ बाद में जब उद्यमी की उस एरिया में डॉक्टर एवं मेडिकल स्टोर इत्यादि चलाने वालों से जान पहचान होना शुरू हो जाय उसके बाद उद्यमी कुछ नई कम्पनियां जो उसे बहुत अधिक मार्जिन दे रही हों आजमा सकता है। उद्यमी चाहे तो कुछ प्रसिद्ध फार्मा कंपनियों की डिस्ट्रीब्यूटरशिप भी ले सकता है ।     

5. कर्मचारी नियुक्त करें  (Appoint Staff for Wholesale Medicine Business)

देखिये इस बिजनेस को उद्यमी चाहकर भी अकेले शुरू नहीं कर सकता है बल्कि उसे मेडिकल स्टोर एवं डॉक्टर से संपर्क बनाने एवं उन्हें टाइम से दवाइयां पहुँचाने के लिए स्टाफ की आवश्यकता होती है। शुरू में उद्यमी को कम से कम दो स्टाफ तो रखने ही पड़ेंगे वे भी ऐसे स्टाफ जिनके पास खुद का दुपहिया वाहन हो ताकि उन्हें मेडिकल स्टोर एवं डॉक्टर से संपर्क करने में किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो। 

यदि स्टाफ फार्मेसी इत्यादि में डिग्री या डिप्लोमा किया हुआ हो तो बेहद बढ़िया है लेकिन उद्यमी बारहवीं पास लोगों को भी स्टाफ के तौर पर नियुक्त कर सकता है। या फिर ऐसे लोग जो किसी मेडिकल स्टोर इत्यादि में पहले भी काम कर चुके हों।   

6. मेडिकल स्टोरों से संपर्क करें

जैसा की हम पहले भी बता चुके हैं की इस बिजनेस में उद्यमी को अपनी दवाइयों को लोगों को न बेचकर मेडिकल स्टोरों को बेचना होता है। इसलिए अब उद्यमी ने जिन कर्मचारियों को नियुक्त किया हो उन्हें उस एरिया में स्थित मेडिकल स्टोरों से संपर्क साधने का काम देना चाहिए।

अगर उद्यमी इस बात का पता लगा पाता है की किसी मेडिकल स्टोर में कौन सी दवा की कमी है और उस समय वह वही दवा उस मेडिकल स्टोर पर लेकर चले जाता है तो हो सकता है की वह मेडिकल स्टोर अपने पुराने सप्लायर को भुलाकर उसी से दवाइयां खरीदना शुरू कर दे।

उद्यमी मेडिकल स्टोरों को आकर्षित करने के लिए शुरू में अपना मार्जिन कम कर सकता है या फिर उनके लिए कोई विशेष स्कीम चलाकर उन्हें दवाइयां खरीदने पर विवश कर सकता है।    

7. मार्केटिंग करें बेचें कमायें

ध्यान रहे उद्यमी को एक विशेष एरिया में ही दवाइयों की सप्लाई करने की आवश्यकता होती है इसलिए इसमें कोई दो राय नहीं की उस विशेष एरिया में अपने होलसेल मेडिसिन बिजनेस को उद्यमी को अनेकों ऑनलाइन एवं ऑफलाइन माध्यमों से प्रमोट करना होगा। विशेषकर उद्यमी को इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा की जो मेडिकल स्टोर उससे दवाइयां खरीदते हैं उन्हें की भी दवाई की आवश्यकता होने पर तुरंत डिलीवरी कराये।

यदि Wholesale Medicine business शुरू करने वाले उद्यमी द्वारा ऑफर किये जाने वाले दाम एवं सर्विस दोनों बेहतर होंगी, तो उसका नाम उस एरिया में फैलता जाएगा और उससे अधिक से अधिक मेडिकल स्टोर दवाइयां खरीद पाने में सक्षम हो पाएंगे। इसके अलावा फार्मा कम्पनी के बताये दिशानिर्देशों के अनुसार उद्यमी को अपने कर्मचारियों को उस एरिया में उपलब्ध डॉक्टरों के पास भी भेजना होता है ताकि वे उसी दवाई को अपने मरीजों को प्रीस्क्राइब करें।

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9 thoughts on “दवाइयों का थोक व्यापार कैसे शुरू करें? Wholesale Medicine Business in Hindi.”

  1. My name is Sachin Porwal, im 23 years
    How to make a wholesale business in medical line,, because I have no experience nd no d farma degee.

  2. sir,
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    thanks
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