टॉफ़ी और कैंडी बनाने का बिजनेस | Toffee and Candy Manufacturing in Hindi.

Toffee and Candy की यदि हम बात करें तो इस उत्पाद से बच्चे से लेकर बूढ़े तक सभी अच्छी तरह से वाकिफ है, क्योंकि आज भी टॉफ़ी बच्चों को मनाने, बहलाने, फुसलाने का सबसे सस्ता एवं आसान तरीका है। कहने का आशय यह है की आज भी लोग जिस घर में बच्चे होते हैं वहां टॉफ़ी एवं कैंडी लेकर जाते हैं। वैसे देखा जाय तो यह उत्पाद वर्तमान में केवल बच्चों के बीच ही नहीं बल्कि हर आयु वर्ग के लोगों के बीच काफी लोकप्रिय है शायद यही कारण है की हमें बाज़ारों में एक नहीं बल्कि अनेकों प्रकार की Toffee and Candy देखने को मिल जाती हैं।

इस तरह के ये मीठे उत्पाद कन्फेक्शनरी उत्पाद के तौर पर जाने जाते हैं और जैसा की हम सभी जानते हैं की कन्फेक्शनरी उत्पाद वैसे हैं तो सभी आयु वर्ग के बीच लोकप्रिय, लेकिन युवा पीढ़ियों के बीच ये उत्पाद सार्वभौमिक तौर पर लोकप्रिय हैं। आम तौर पर कैंडी का निर्माण फलों के फ्लेवर और दूध आधारित फ्लेवर पर आधारित होता है। इसलिए इनकी कई किस्में हैं जो दुनियाभर में उत्पादित होती हैं ।

Toffee and Candy कन्फेक्शनरी उत्पादों में से एक बेहद स्वादिष्ट उत्पाद है जिसे लगभग सभी उम्र के लोगों द्वारा पसंद किया जाता रहा है। हालंकि कुछ कन्फेक्शनरी उत्पादों को स्वास्थ्य पर फोकस करके बनाया जाता है लेकिन टॉफ़ी और कैंडी का इस्तेमाल लोगों द्वारा मजेदार एवं माउथ फ्रेशनेस के तौर पर किया जाता है।

यही कारण है एक कन्फेक्शनरी स्टोर एवं जनरल स्टोर या फिर कोई भी गली मोहल्ले की छोटी सी दुकान में भी एक नहीं बल्कि अनेकों तरह की टॉफ़ीयां बेचते हुए देखी जा सकती हैं। इसलिए आज हम हमारे इस लेख के माध्यम से टॉफ़ी और कैंडी निर्माण बिजनेस से सम्बंधित जानकारी देने का प्रयत्न कर रहे हैं।

Toffee and Candy Manufacturing Business in Hindi

टॉफ़ी और कैंडी की बिक्री संभावना

एक कन्फेक्शनरी उत्पाद के तौर पर Toffee and Candy को लगभग सभी आयु वर्ग के लोगों द्वारा पसंद किया जाता है। इसे सुचारू फ्रेशनर के तौर पर भोजन या डिनर के बाद इस्तेमाल में लाया जाता है यह मुहँ से बदबू को दूर भगाने एवं सांसों को तरोताजा रखने में सहायक होता है। कई तरह की टॉफ़ीयां ऐसी भी होती हैं जिन्हें चबाने के दौरान एक सुखद अनुभूति का एहसास होता है।

इसके अलावा आज जब जन्मदिन बनाने का रिवाज ग्रामीण इलाकों तक पहुँच चूका है और हर कोई अपने सगे, सम्बन्धियों, बच्चों और स्वयं का जन्मदिन बनाने को आतुर रहते हैं। ऐसे में टॉफी और कैंडी उपहार पैक के तौर पर वितरित भी किये जा सकते हैं। कहने का आशय यह है की वर्तमान परिदृश्य में टॉफी और कैंडी के इस्तेमाल काफी बढ़ गए हैं इसलिए इस दौर में इस तरह का यह बिजनेस शुरू करना लाभ कमाई करने का एक बेहतरीन अवसर हो सकता है।

एक विश्वसनीय आंकड़े के मुताबिक भारत में कफेक्शंरी उद्योग 12% की दर से आगे बढ़ रहा है। भारतीय कन्फेक्शनरी बाजार की कुल वैल्यू लगभग 10000 करोड़ रूपये आंकी गई है और वर्तमान में जो 12% प्रति वर्ष की दर से आगे बढ़ रही लेकिन भविष्य में इसके 15-20% प्रतिवर्ष की दर से आगे बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है वह इसलिए क्योंकि इस श्रेणी में अभी भी अवसरों की भरमार है। Toffee and Candy एक ऐसा उत्पाद है जिसकी मांग कभी ख़त्म नहीं होती और सिर्फ शहरी ही नहीं बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी इसकी मांग बराबर बनी रहती है।

टॉफ़ी और कैंडी बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें? (How to Start Toffee and Candy Manufacturing): 

Toffee and Candy Manufacturing बिजनेस की यदि हम बात करें तो इसे शुरू करने के लिए भी उद्यमी को वह सभी प्रक्रियाएं पूर्ण करनी होती हैं। जो किसी अन्य बिजनेस को शुरू करने के लिए करनी पड़ती हैं। इनमें जमीन एवं बिल्डिंग का प्रबंध से लेकर, कमर्शियल विद्युत् एवं पानी का कनेक्शन, वित्त का प्रबंध, लाइसेंस एवं पंजीकरण, मशीनरी एवं कच्चे माल का प्रबंध, कर्मचारियों की नियुक्ति इत्यादि शामिल हैं। तो आइये जानते हैं की कैसे कोई व्यक्ति खुद का टॉफ़ी और कैंडी बनाने का बिजनेस शुरू कर सकता है।

1. बिजनेस प्लान तैयार करें

Toffee and Candy निर्माण बिजनेस शुरू करने से पहले उद्यमी को अपने व्यवसाय की योजना बनाने की आवश्यकता होती है। और ध्यान रहे यह योजना केवल उद्यमी अपने मष्तिष्क में नहीं, बल्कि अपने मष्तिष्क के विचारों को कागज़ पर उतारकर करेगा इस तरह से यह एक दस्तावेज का स्वरूप ले पायेगा। कहने का आशय यह है की उद्यमी अपने इस व्यवसाय को किस स्तर से शुरू करना चाहता है, वह बिजनेस शुरू करने में आने वाली लागत का प्रबंध कहाँ से करेगा?

व्यवसाय को सफलतापूर्वक चलाने के लिए वह क्या क्या करेगा इत्यादि सभी जानकारियों को दस्तावेज का स्वरूप प्रदान करना होता है। इस प्रकार से बिजनेस प्लान के तहत तैयार की गई प्रोजेक्ट रिपोर्ट से उद्यमी को न सिर्फ व्यवसाय में आने वाली अनुमानित लागत का पता चलता है, बल्कि होने वाली अनुमानित कमाई का भी ज्ञात हो जाता है।

और उद्यमी को बिजनेस के लक्ष्य भी निर्धारित करने होते हैं और उन लक्ष्यों तक उस निश्चित समय में कैसे पहुंचा जायेगा इसकी योजना भी उल्लेखित करनी होती है । यही कारण है की एक प्रभावी बिजनेस प्लान को व्यवसाय का रोडमैप भी कहा जाता है ।    

2. वित्त का प्रबंध करें (Fund Arrangement for Toffee and Candy manufacturing)

यद्यपि Toffee and Candy निर्माण बिजनेस शुरू करने में क्या लागत आएगी वह इस बात पर निर्भर करता है की उद्यमी कितनी क्षमता वाली इकाई स्थापित करना चाहता है। यदि उद्यमी कम उत्पादन क्षमता वाली इकाई स्थापित करना चाहता है तो कम लागत, और यदि उद्यमी अधिक उत्पादन क्षमता वाली इकाई स्थापित करना चाहता है तो अधिक लागत आ सकती है।

अब चूँकि उद्यमी ने अपने व्यवसाय के लिए बिजनेस प्लान तैयार कर दिया है और उसे प्रोजेक्ट रिपोर्ट के माध्यम से विदित हो गया है की उसे इस व्यवसाय को शुरू करने में लगभग कितना खर्चा करना पड़ सकता है। इसलिए अब उद्यमी का अगला कदम वित्त का प्रबंध करने का होना चाहिए यदि उद्यमी को लगता है की वह अपनी व्यक्तिगत बचत या ऋण के अनौपचारिक स्रोतों से वित्त का प्रबंध नहीं कर पायेगा। तो वह चाहे तो बैंक या अन्य वित्तीय संस्थाओं से ऋण लेने के लिए भी आवेदन कर सकता है।      

3. जमीन एवं बिल्डिंग

जहाँ पर उद्यमी Toffee and Candy Manufacturing Unit स्थापित करने की सोच रहा है वह कोई भी गैर कृषि योग्य भूमि हो सकती है। यदि उद्यमी के पास स्वयं की कोई गैर कृषि योग्य भूमि है तो वह उस भूमि में अपनी इकाई स्थापित करने का विचार कर सकता है। यदि ऐसा नहीं है तो उद्यमी रेंट या लीज पर जमीन, दुकान इत्यादि ले सकता है।

लेकिन जमीन या दुकान इत्यादि किराये पर लेते समय उद्यमी को ध्यान रखना होगा की उसे इन्वेंट्री के लिए, मैन्युफैक्चरिंग एरिया के लिए, पॉवर सप्लाई यूटिलिटीज के लिए, जनरेटर सेटअप और ऑफिस इत्यादि के लिए भी जगह की आवश्यकता होती है । इसलिए इस तरह के व्यवसाय को शुरू करने में उद्यमी को 800-1200 वर्गफीट जगह की आवश्यकता हो सकती है।    

4. लाइसेंस एवं पंजीकरण

छोटे स्तर परToffee and Candy Manufacturing Unit स्थापित करने के लिए उद्यमी चाहे तो अपने व्यवसाय को सर्वप्रथम प्रोप्राइटरशिप के तहत रजिस्टर कर सकता है ताकि उसके व्यवसाय को एक वैधानिक रूप मिल जाए। उसके बाद उद्यमी को बिलिंग इत्यादि कराने के लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन की भी आवश्यकता होती है । और स्थापित इकाई में निर्माण कार्य बिना किसी व्यवधान के हो सके इसके लिए फायर और पोल्यूशन डिपार्टमेंट से नों ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट की भी आवश्यकता हो सकती है।

स्थानीय प्राधिकरण जैसे नगर निगम, नगर पालिका इत्यादि से फैक्ट्री लाइसेंस या ट्रेड लाइसेंस की भी आवश्यकता हो सकती है। इसके अलावा उद्यमी चाहे तो उद्योग आधार एवं एमएसएमई डाटा बैंक रजिस्ट्रेशन भी करवा सकता है। खान –पान से जुड़ा हुआ व्यवसाय होने के कारण FSSAI License की भी आश्यकता हो सकती है।      

5. मशीनरी एवं कच्चा माल

Toffee and Candy Manufacturing बिजनेस में इस्तेमाल में लायी जाने वाली कुछ प्रमुख मशीनरी की लिस्ट इस प्रकार से है।

  • रैपिंग मशीन
  • वाटर स्टोरेज टैंक
  • नीडिंग मशीन
  • कैंडी वैक्यूम कुकर
  • रोप साइज़र
  • कुलिंग कन्वेयर
  • सरक्युलेटिंग वाटर टेबल
  • कैंडी बैच फोर्मर
  • रोटेटरी मौल्डिंग मशीन

इस्तेमाल में लाये जाने वाले प्रमुख कच्चे माल की लिस्ट कुछ इस प्रकार से है।

  • चीनी
  • लिक्विड ग्लूकोज
  • मिल्क पाउडर
  • पानी
  • फ़ूड फ्लेवर और एडीटिव
  • सिट्रिक एसिड 

Toffee and Candy Manufacturing के लिए मशीनरी एवं कच्चा माल खरीदने से पहले किसी अच्छे सप्लायर का चुनाव अवश्य करें। जहाँ तक कर्मचारियों की बात है उद्यमी को उसके बिजनेस के आकार के आधार पर कर्मचारियों को नियुक्त करने की आवश्यकता हो सकती है। लेकिन छोटे स्तर पर इस तरह के व्यवसाय के लिए शुरूआती दौर में 6-7 कर्मचारी उपयुक्त रहेंगे।

 6. टॉफ़ी और कैंडी का निर्माण (Start Manufacturing Process of Toffee and Candy):

Toffee and Candy Manufacturing एक बेहद ही आसान प्रक्रिया है इस प्रक्रिया में कैंडी द्रव्यमान को वैक्यूम बैच कुकर या निरंतर वैक्यूम कुकर के माध्यम से पकाया जाता है। और पके हुए द्रव्यमान को सरक्युलेटिंग वाटर कुलिंग टेबल पर कुलिंग करने के लिए एकत्र किया जाता है। इसी समय यानिकी टॉफ़ी निर्माण के इसी स्तर पर इसमें रंग, स्वाद एवं अन्य सामग्री को जोड़ा जाता है।

उसके बाद कैंडी के इस द्रव्यमान को रोटरी नीडिंग मशीन से पास कराया जाता है ताकि स्वच्छ तरीके से सामग्री के वितरण को सुनिश्चित किया जा सके। उसके बाद जब कैंडी का द्रव्यमान अच्छी तरह से मिक्स होकर ठंडा हो जाता है उसके बाद इसे बैच फोर्मर मशीन में ट्रान्सफर किया जाता है। जो इस मिश्रित द्रव्यमान को रोल में परिवर्तित करने का कार्य करती है, उसके बाद Toffee and Candy Manufacturing प्रक्रिया में इन रोल को रोप साइजर मशीन में डाला जाता है ताकि आवश्यक आकार के रोप तैयार किये जा सकें।

उसके बाद इन रोप को कैंडी मौल्डिंग मशीन में डाला जाता है जहाँ आवश्यक आकार, शेप एवं भार की कैंडी बनाई जाती हैं। बनाई गई कैंडी को कुलिंग कन्वेयर में डिस्चार्ज किया जाता है ताकि इन्हें ठंडा किया जा सके। उसके बाद इनमें रैपिंग की जाती है। और फिर इनकी पैकिंग करके इन्हें बाजार में बेचने के लिए भेज दिया जाता है।

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