टेंट हाउस का व्यापार कैसे शुरू करें। Tent House Business Plan in Hindi.

वर्तमान जीवन में टेंट हाउस के महत्व का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की कभी कभी हम जब किसी आयोजन या शादी में जाते हैं तो हम वहां की व्यवस्था देखकर चकित हो जाते हैं। जी हाँ जब भी हम किसी आयोजन में जाते हैं तो हम वहां की सजावट, भव्यता एवं सुन्दरता को निहारने की कोशिश करते हैं। किसी भी आयोजन को भव्य एवं सुन्दर बनाने में अनेकों कारक शामिल होते हैं जिनमें से टेंट भी एक महत्वपूर्ण कारक है।

यद्यपि शादी, जन्मदिन, सालगिरह इत्यादि पार्टियों में टेंट का चलन पहले शहरों तक ही सिमित हुआ करता था। ग्रामीण इलाकों में भले ही कितना ही बड़ा आयोजन क्यों न हो सारे प्रबंध एवं काम ग्रामीणवासियों द्वारा खुद किये जाते थे । इससे पारस्परिक निर्भरता एवं प्यार बना रहता था लेकिन आज ग्रामीण इलाकों में भी सभी प्रकार के आयोजनों में टेंट का प्रबंध अवश्य किया जाता है।

इसलिए आज के समय में टेंट हाउस नामक यह व्यापार केवल शहरों तक ही सिमित नहीं रह गया है बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी इस तरह के बिजनेस के माध्यम से कमाई करने के भरपूर अवसर विद्यमान हैं। इसलिए आज हम इसी विषय पर विस्तृत तौर पर वार्तालाप करने की कोशिश कर रहे हैं ।

Steps to start tent house business in hindi टेंट हाउस

टेंट हाउस व्यापार क्या है (What is Tent house Business)

इस बात से शायद कोई इंकार नहीं कर सकता है की मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है इसलिए न चाहते हुए भी उसे बहुत सारे कार्य सिर्फ इसलिए निष्पादित करने होते हैं। क्योंकि हमारे समाज में उन कामों को सभी के द्वारा किया जाता है। यद्यपि शादी, जलसे, पार्टियाँ, आयोजन प्राचीनकाल से ही मनुष्य के जीवन का अद्वितीय हिस्सा रहे हैं। लेकिन अब इन्हें सेलिब्रेट करने का तरीका बदल गया है वर्तमान मनुष्य जीवन में लोगों को दावत देने के बहाने ढूंढे जाते हैं।

इसलिए किसी भी त्यौहार, पारिवारिक अनुष्ठान, शादी, सालगिरह, जन्मदिन, धार्मिक आयोजनों में लोगों को दावत देने का सिलसिला जारी रहता है। औद्योगिकीकरण के चलते वर्तमान में अनेकों व्यवसायिक आयोजन जैसे गेट टूगेदर, कॉर्पोरेट पार्टीयां इत्यादि भी होती रहती हैं। इस बात से हम सभी अच्छी तरह से अवगत हैं की आयोजन चाहे किसी भी प्रकार का हो उसमें मेहमानों को खाना खिलाने एवं आराम से बिठाने की व्यवस्था तो अवश्य करनी पड़ती है। इसलिए इन आयोजनों में बर्तनों एवं कुर्सियों और शेडिंग के लिए टेंट की आवश्यकता तो होती ही होती है।

वैसे देखा जाय तो कभी कभी टेंट वाला उद्यमी ही आयोजनकर्ता को साभी फैसिलिटी जैसे बर्तन, हलवाई, कुर्सियां, टेंट इत्यादि उपलब्ध कराता है लेकिन अनेकों स्थिति में कैटरिंग सर्विस अलग होती है। इसलिए जब किसी उद्यमी द्वारा व्यवसायिक तौर पर अपनी कमाई करने के लिए आयोजनों में बर्तन, कुर्सियां, टेबल, टेंट इत्यादि की सर्विस प्रदान करता है तो उसके द्वारा किया जाने वाला बिजनेस टेंट हाउस व्यापार कहलाता है।

टेंट हाउस की व्यापारिक संभाव्यता (Market Potential)

वैसे देखा जाय तो भारत में हर तरह के बिजनेस के लिए कुछ न कुछ संभावनाएं व्याप्त हैं वह इसलिए क्योंकि हमारा देश भारतवर्ष जनसँख्या की दृष्टी से चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा देश है। इसलिए भारत में हर तरह के बिजनेस के चलने की पूरी पूरी संभावना है बशर्ते उद्यमी एक अच्छी योजना एवं रणनीति के मुताबिक कार्य करता रहे। जहाँ तक टेंट हाउस की मांग का सवाल है जहाँ कुछ दशक पहले यह व्यापार केवल शहरों तक ही सिमित था।

वर्तमान में शायद भारत का ऐसा कोई हिस्सा नहीं है जहाँ टेंट हाउस की मांग नहीं है हाँ यह अलग बात है की इस तरह के व्यापार में प्रतिस्पर्धा भी बहुत आधिक है। लेकिन फिर भी यदि कोई उद्यमी अपनी बेहतर योजना एवं रणनीति से आगे बढ़ता है तो उसके इस व्यापार में सफल होने की अधिक संभावना होती है। इस बिजनेस की मांग को प्रमुख तौर पर चार भागों में विभाजित किया जा सकता है ।

पहली मांग को व्यक्तिगत मांग के तौर पर रखा जा सकता है इसमें  शादी, सालगिरह, जन्मदिन, पारिवारिक अनुष्ठान इत्यादि शामिल हैं। दूसरी मांग को धार्मिक मांग के तौर पर देखा जा सकता है इसमें रामायण पाठ, भागवत गीता पाठ, माँ का जगराता इत्यादि शामिल हैं । तीसरी मांग को कॉर्पोरेट पार्टी के तौर पर देखा जा सकता है।

इसमें कर्मचरियों का गेट टूगेदर, ब्रांड प्रमोशन, क्लाइंट अधिवेशन, कंपनी की सालगिरह इत्यादि शामिल हैं। और चौथी श्रेणी की मांग को राजनैतिक मांग के तौर पर देखा जा सकता है इसमें नेताओं की रैली, सभा, महासभा, शपथ ग्रहण समारोह इत्यादि शामिल है। इसलिए देखा जाय तो टेंट हाउस की मांग लगभग हर गाँव एवं क्षेत्र में व्याप्त है।

टेंट हाउस बिजनेस कैसे शुरू करें (How to Start a Tent House Business):

वैसे देखा जाय तो बहुत सारे लोगों को लगता है की टेंट हाउस बिजनेस शुरू करना बहुत ही आसान प्रक्रिया है। लेकिन यह अर्धसत्य है क्योंकि इस तरह का यह बिजनेस शुरू करना सिर्फ उन लोगों के लिए आसान है जो इसमें आने वाले निवेश का प्रबंध आसानी से कर सकते हैं। यद्यपि आने वाला खर्चा उद्यमी के द्वारा ग्राहकों को दी जाने वाली फैसिलिटी पर निर्भर करता है की वह कौन कौन सी फैसिलिटी अपने ग्राहकों को देना चाहता है।

लेकिन आम तौर पर बर्तन, कुर्सी, टेबल, लोहे के पाइप, झालर, टेंट इत्यादि टेंट हाउस द्वारा ही प्रदान किये जाते हैं। इसलिए उद्यमी को इस तरह का बिजनेस शुरू करने में कम से कम 6-10 लाख रूपये खर्च करने की आवश्यकता पड़ सकती है। इसके बावजूद भी जो निवेश करने में सक्षम है उसके लिए दूसरी सबसे बड़ी चुनौती समय समय पर मैनपावर का प्रबंध करना है।

क्योंकि टेंट हाउस बिजनेस में काम स्थिर नहीं रहता इसलिए मजदूरों को भी वेतन बेसिस पर रखन नुकसानदायक हो सकता है। तो आइये जानते हैं की सिलसिलेवार तरीके से कोई इस तरह का बिजनेस कैसे शुरू कर सकता है।

1. बिजनेस की योजना बनाइये (Create Business Plan for Tent House)

बिजनेस योजना को हम बिजनेस प्लान भी कह सकते हैं जो एक ऐसा दस्तावेज होता है जिसमें बिजनेस के खर्चों, कमाई, लक्ष्य, तकनीक इत्यादि सभी का समावेश होता है। इसलिए इस तरह की यह योजना लिखित रूप में तैयार करनी बेहद जरुरी हो जाती है। कहने का आशय यह है की बिजनेस प्लान नामक इस दस्तावेज में उन सारी बातों का गहराई से उल्लेख होना अति आवश्यक है।

जो वर्तमान में एवं भविष्य में भी उद्यमी के व्यापार को नकारात्मक या सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं। इनमें बिजनेस में आने वाला संभावित खर्चा, संभावित कमाई, एक निर्धारित समय में व्यापारिक लक्ष्य, व्यापारिक लक्ष्य तक पहुँचने के तरीके, व्यापार के लिए वित्त प्रबंध के स्रोत, मजबूतियाँ, कमजोरियां, कर्मचारी प्रबंधन इत्यादि सभी कुछ उल्लेखित होना नितांत आवश्यक है। यद्यपि इस योजना में व्यापारिक लक्ष्यों तक पहुँचने के लिए एक या दो साल बाद बदलाव लाये जा सकते हैं।      

2. टेंट हाउस बिजनेस के लिए वित्त का प्रबंध करें 

अब चूँकि उद्यमी द्वारा टेंट हाउस बिजनेस के लिए प्लान तैयार कर लिया होगा तो अब उसे उसके व्यापार को शुरू करने एवं ढंग से संचालित करने में आने वाले खर्चे का भी अनुमान हो गया होगा।यदि टेंट का सामान रखने के लिए उद्यमी के पास स्वयं की दुकान या जगह उपलब्ध नहीं है तो उसे किराए को भी नज़रंदाज़ नहीं करना चाहिए। और इसके अलावा कम से कम एक या दो कर्मचारी उद्यमी को स्थायी तौर पर नियुक्त करने की आवश्यकता होगी जो समय समय पर व्यापार समबन्धि छोटे मोटे कार्यों को संपन्न कर सकें।

इसलिए इनके वेतन का भी प्रबंध करना उद्यमी का परम कर्तव्य होगा। यद्यपि एक आंकड़े के मुताबिक उद्यमी को 6-10 लाख रूपये का प्रबंध इस तरह का बिजनेस शुरू करने के लिए करना पड़ सकता है। यदि उद्यमी यह अमाउंट अपनी व्यक्तिगत बचत से प्रबंध कर पाता है तो ठीक अन्यथा वह किसी पारिवारिक सदस्य या मित्र से भी पैसे उधार ले सकता है। क्योंकि अक्सर देखा गया है पारिवारिक सदस्य या रिश्तेदार बेहद कम ब्याज दरों या बिना ब्याज के भी पैसे उपलब्ध कराने में अहम् योगदान निभाते हैं। और उद्यमी चाहे तो बैंक ऋण के लिए भी आवेदन कर सकता है।      

3. जगह का प्रबंध कीजिये

टेंट हाउस का व्यापार करने वाले उद्यमी को टेंट का सामान स्टॉक करने के लिए जगह की आवश्यकता होगी। इसलिए यदि किसी स्थानीय बाजार या उसके नज़दीक उद्यमी की स्वयं की खाली दुकान है तो वह इसे इस काम के लिए आसानी से इस्तेमाल कर सकता है । लेकिन यदि उसकी जगह या दुकान नहीं है।

तो उसे स्थानीय बाजार में कोई एक दुकान किराये पर लेकर अपना टेंट का सामान रखने की व्यवस्था करनी होगी। उद्यमी को चाहिए की वह किसी बड़ी सी जगह का ही प्रबंध करे क्योंकि टेंट के सामान में बड़ी बड़ी लकड़ी की मेज, लोहे के खम्बे इत्यादि शामिल रहते हैं जिन्हें रखने के लिए उपयुक्त जगह की आवश्यकता होती है।     

4. टेंट हाउस उपकरण एवं बर्तन खरीदें (Purchase equipment utensils for Tent House)

जगह का प्रबंध करने के बाद उद्यमी को चाहिए की वह अपने टेंट हाउस व्यापार के लिए उपकरण एवं बर्तन ख़रीदे यद्यपि उद्यमी को नए बर्तन इत्यादि खरीदने में काफी पैसे खर्च करने की आवश्यकता पड़ सकती है। इसलिए उद्यमी चाहे तो अपने एरिया में ऐसे लोगों की तलाश भी कर सकता है जो टेंट का पुराना सामान बेचने के इच्छुक हों।

यद्यपि टेंट का बिजनेस करने के लिए उद्यमी के पास स्वयं का छोटा हाथी या कोई अन्य वाहन होना चाहिए जिसमें वह सामान को ईधर उधर ट्रांसपोर्ट कर सके। लेकिन शुरूआती दौर में किराये के वाहन से ही काम चलाना समझदारी है। टेंट हाउस के लिए ख़रीदे जाने वाले आइटम की लिस्ट निम्नवत है।  

  • सभी आकार के टेंट, कन्नत बंडल।
  • लोहे के खम्बे, बांस के खम्बे, कीलें, रस्सी इत्यादि ।
  • भोजन तैयार करने वाले सभी प्रकार, आकार के बर्तन, भट्टी इत्यादि सहित।
  • लोगों को खिलाने के लिए सभी प्रकार के बर्तन, प्लेट चम्मच, बैन मेरी, बुफे इत्यादि सहित।
  • लोहे की टेबल, लकड़ी की टेबल, कारपेट, स्टील एवं प्लास्टिक की कुर्सियां।
  • पानी के विभिन्न आकार के टैंक ।
  • बिस्तर जैसे रजाई, गद्दे, कम्बल, तकिये इत्यादि।
  • कुछ अन्य आइटम ।     

5. मजदूरी की चुनौती से निपटें

टेंट हाउस बिजनेस की एक सबसे महत्वपूर्ण चुनौती यह भी है की इसमें मजूदरों को स्थायी तौर पर काम पर नहीं रखा जा सकता है। इसलिए जब इनकी आवश्यकता होती है इनका दैनिक मजदूरी पर मिलना मुश्किल हो जाता है। जैसा की हम सब लोग जानते हैं की टेंट का काम वर्ष भर निरंतर चलने वाला काम नहीं है इसमें काफी अन्तराल ऐसा आता है जब टेंट हाउस के पास बिलकुल भी काम नहीं होता है।

ऐसे में यदि उद्यमी द्वारा मजदूरों की नियुक्ति स्थायी तौर पर की जाती है तो उसे नुकसान हो सकता है। यही कारण है की अक्सर उद्यमी तभी मजदूर खोजते हैं जब उन्हें कहीं से काम मिला हुआ होता है ऐसे में उन मजदूरों के लिए जहाँ वे पहले से कार्य कर रहे हों उसे छोड़ना बड़ा मुश्किल होता है।

इसलिए उद्यमी को इसकी योजना पहले ही तय करनी होगी की वह ऐसे स्थिति से किस प्रकार से निबट पायेगा। हालांकि इस बिजनेस में जो मजदूर चाहिए होते हैं वे अकुशल भी हों तो भी चलता है क्योंकि इसमें सिर्फ शारीरिक परिश्रम की आवश्यकता होती है।  लेकिन इन सबके बावजूद भी एक या दो कर्मचारी उनको दिशानिर्देश देने वाले होने ही चाहिए।        

6. टेंट हाउस का प्रचार करें और कमायें (Promote and Earn from Tent House)

अपने टेंट हाउस का प्रचार करने से पहले उद्यमी को अपने टारगेट कस्टमर के बारे में पता होना चाहिए खास तौर पर शादी ब्याह शुरू होने के एक दो महीने पहले से ही उद्यमी को अपना प्रचार शुरू कर देना चाहिए। इसके अलावा यदि उद्यमी की जान पहचान किसी स्थानीय नेता इत्यादि से हो तो वह गुज़ारिश कर सकता है की उस एरिया में होने वाले राजनैतिक सभाओं इत्यादि में टेंट लगाने का काम उसे ही मिले।

इसके अलावा धार्मिक स्थलों एवं हर वर्ष धार्मिक आयोजन कराने वाली संस्थाओं, सोसाइटी, व्यक्तिगत व्यक्तियों से भी मिलकर अपने बिजनेस का प्रचार किया जा सकता है। ध्यान रहे उद्यमी का टारगेट कस्टमर के बीच जितना प्रचार होगा उतना ही उनका ग्राहक के रूप में परिवर्तित होने की संभावना अधिक होगी और उद्यमी का प्रचार करने में लगने वाला पैसा भी बचेगा।            

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