भारत में धार्मिक वस्तुओं की दुकान [Religious Item Shop] कैसे शुरू करें।

यदि आप भारत में खुद का कोई बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, तो आज हम आपको Religious Item Shop खोलने की प्रक्रिया और इसे क्यों खोलना चाहिए इत्यादि के बारे में विस्तार से बताने वाले हैं। हमारा देश भारत अपनी सॉफ्ट पॉवर और शांतिपूर्ण धर्म के लिए जाना जाता है । यहाँ विभिन्न धर्मों सम्प्रदायों को मानने वाले लोग अपने धर्म का अनुसरण बड़े सद्भावपूर्ण तरीके से करते हैं। यही कारण है की भारत की जनता द्वारा दैनिक पूजा पाठ और धार्मिक अनुष्ठान के लिए अनेकों वस्तुएं जैसे अगरबत्ती, धूपबत्ती, कपूर, शंख, घंटी, चित्र, दिया, रुई, कलावा, सिंदूर, चन्दन का पाउडर इत्यादि इस्तेमाल में लाए जाते हैं।

एक आंकड़े के मुताबिक भारत में केवल धूप और अगरबत्ती का बाजार ही 15000 करोड़ रूपये से अधिक का है, जो लगातार 15% की वृद्धि के साथ बढ़ रहा है। ऐसे में धूप , अगरबत्ती के अलावा Religious Item की श्रेणी में सैकड़ों उत्पाद आते हैं, जिनका इस्तेमाल दैनिक पूजा पाठ या अलग अलग धार्मिक अनुष्ठानों को पूर्ण करने में किया जाता है। आंकड़े तो यहाँ तक कहते हैं की सिर्फ धूप और अगरबत्ती की मांग ही प्रतिदिन 1500 मीट्रिक टन है, जबकि सप्लाई केवल इसके आधे के बराबर 750 मीट्रिक टन ही हो पाती है।

लेकिन यहाँ पर हमारा विषय धूप या अगरबत्ती के निर्माण बिजनेस से न होकर Religious Item Shop के बिजनेस से है। और धूप और अगरबत्ती इस धार्मिक वस्तुओं की दुकान का अहम् हिस्सा रहने वाले हैं। यह एक ऐसा बिजनेस है जो कभी खत्म होने वाला नहीं है और वर्ष के बारह महीने चलने वाले व्यापारों की लिस्ट में शामिल है । और सबसे अच्छी बात यह है की इस तरह के व्यवसाय को बेहद कम निवेश के साथ गली मोहल्ले से भी आसानी से शुरू किया जा सकता है।

religious item shop

आपने खुद महसूस किया होगा की जब आपके घर में किसी तरह की कोई पूजा या धार्मिक अनुष्ठान होता है, तो उस पूजा या अनुष्ठान में आहूत होने वाली सामग्री की लिस्ट बड़ी लम्बी होती है। ऐसे में आप यह अवश्य सोचते होंगे की यह सारा छोटा मोटा सामान एक ही दुकान पर मिल जाता तो कितना अच्छा हो जाता। ऐसे में यदि आपके आस पास कोई Religious Item Shop हो तो आप वहीँ से यह सामग्री खरीदना पसंद करेंगे। क्योंकि आपको छोटी छोटी सामग्री के लिए अलग अलग दुकानों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।

इसलिए वर्तमान में जब मनुष्य अपने जीवन को आरामदायक और सरल बनाने में लगा हुआ है। तो वह हर छोटी छोटी सामग्री के लिए अपने गली मोहल्लों की अलग अलग दुकानों में जाना पसंद नहीं करेगा । उनकी इसी आवश्यकता या समस्या को ध्यान में रखते हुए आप चाहें तो अपने स्थानीय मार्किट में Religious Item Shop शुरू कर सकते हैं । लेकिन कैसे वह हम आपको इस लेख में आगे बताने वाले हैं।

Religious Item Shop क्यों खोलनी चाहिए  

हालांकि भारतवासी ही नहीं अपितु दुनियाभर के लोग भगवान् के किसी न किसी अवतार को मानते हैं, और उन्हें मनाने, श्रधांजलि देने का सबका अपना अलग अलग तरीका है। लेकिन कुछ Religious Item ऐसी हैं जिनका उपयोग सभी धर्मों के अनुयायियों द्वारा किया जाता है। चूँकि भारत में लोग भगवान् के अलग अलग अवतारों को मानते हैं, तो यहाँ पर पूरे वर्ष भर धार्मिक त्यौहार चलते रहते हैं।

धार्मिक त्यौहारों के अलावा लोग विभिन्न ख़ुशी या दुःख के पलों में भी विभिन्न प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान या पूजा पाठ करते रहते हैं । जिससे Religious Item की माँग वर्ष भर बनी रहती है। यह लोगों की आस्था से जुड़ा हुआ मुद्दा होता है, इसलिए धार्मिक वस्तुओं की खरीदारी करते समय लोग अधिक मोलभाव करना भी पसंद नहीं करते हैं।

लेकिन चूँकि यह लोगों की भावनाओं एवं मान्यताओं से जुड़ा हुआ बिजनेस होता है, इसलिए इसमें किसी भी प्रकार की गलती उद्यमी के व्यवसाय को बर्बाद कर सकती है। इसलिए उद्यमी को धार्मिक वस्तुओं को उसी प्रकार सम्मान एवं इज्जत के साथ रखना पड़ता है, जिस प्रकार उसको खरदीने वाले ग्राहक रखने वाले हों। Religious Item Shop देश के किसी भी कोने में खोली जा सकती है, क्योंकि जहाँ मनुष्य है वहाँ किसी न किसी धर्म के अनुयायी अवश्य हैं।

हमारे देश भारत में तो हर छोटे बड़े अवसर पर पूजा पाठ एवं धार्मिक अनुष्ठान करने की परम्परा सदियों से रही है, जो आगे भी सतत जारी रहेगी। इसलिए यदि आप कम निवेश के साथ शुरू किया जाने वाला किसी बिजनेस की तलाश कर रहे हैं, तो आप Religious Item Shop खोलकर अपनी तलाश को विराम दे सकते हैं।

धार्मिक वस्तुओं की दुकान कैसे शुरू करें

व्यापार तो बहुत सारे होते हैं इनमें कुछ व्यापार ऐसे भी होते हैं जो आज हैं लेकिन कल नहीं होंगे। लेकिन Religious Item Shop खोलना एक ऐसा बिजनेस है जो हमेशा रहने वाला है। आपको भले ही हमारा यह वाक्य सुनने में सहज न लगे, लेकिन यही परम सत्य है की धर्म से जुड़ा कोई भी व्यवसाय हमेशा यही रहेगा। कोई भी व्यवसाय जिसे आप शुरू से प्रारम्भ करते हैं उसमें निवेश भी लगता है और समय भी लगता है ।

लेकिन खुद की  Religious Item Shop खोलने के लिए बहुत अधिक पैसा निवेश करने की आवश्यकता नहीं होती है । बल्कि आप 40-50 हज़ार रुपयों के साथ भी इस बिजनेस को आसानी से शुरू कर सकते हैं। हाँ इतना जरुर है की लोगों के बीच विश्वास स्थापित करने में आपको समय अवश्य लगेगा। तो आइये जानते हैं की कैसे कोई इच्छुक व्यक्ति खुद की धार्मिक वस्तुओं की दुकान शुरू कर सकता है।

1. स्थानीय बाजार में दुकान किराए पर लें

यदि आपको लगता है की आपके एरिया में इस तरह की कोई दुकान पहले से उपलब्ध नहीं है। तो आप अपने क्षेत्र की स्थानीय मार्किट में खाली दुकान देखना प्रारम्भ कर सकते हैं। शुरूआती दौर में Religious Item Shop खोलने के लिए बहुत बड़ी दुकान की आवश्यकता नहीं होती है। बल्कि उद्यमी चाहे तो शुरूआती दौर में छोटी दुकान जिसका किराया कम हो उसी को अपने बिजनेस के लिए चुन सकता है।

यह तो स्पष्ट है की धार्मिक वस्तुओं की दुकान में सारी आइटम छोटी छोटी रहने वाली है, इसलिए शुरू में ही बड़ी दुकान लेना, या अधिक किराया देना उचित नहीं है। यद्यपि दुकान का किराया शहर, लोकेशन इत्यादि पर निर्भर करेगा। लेकिन इतना जरुर है की जितनी छोटी दुकान होगी उसका किराया भी उतना ही कम होगा। इसलिए यदि आप खुद की Religious Item Shop खोलने के लिए गंभीर हैं, तो सबसे पहले आपको स्थानीय बाजार में दुकान किराए पर लेनी होगी।        

2. दुकान में फर्नीचर का काम कराएँ

अब यदि उद्यमी द्वारा दुकान किराये पर ले ली गई हो, तो अब उसे उसके अन्दर फर्नीचर का काम कराना होगा। विशेष तौर पर दीवार पर उन खांचों का निर्माण करना होगा जिनमें उद्यमी Religious Item को इस तरह से रखेगा की ग्राहक की नजर उन पर आसानी से पड़ सके। दीवार पर लकड़ी के खांचों के अलावा एक छोटा सा काउंटर जिसमें एक दो दराजें भी लगी हों, का निर्माण कराने की भी आवश्यकता हो सकती है।

जब आप दुकान में इंटीरियर का काम करा देते हैं तो आप विभिन्न सामग्री को अपने हिसाब से व्यवस्थित तरीके से रख सकते हैं। और ग्राहक के मांगने पर तुरंत निकालकर दे सकते हैं। इंटीरियर का काम न कराने की स्थिति में आपको ग्राहक को सामान देने में काफी कठिनाई हो सकती है। इसलिए Religious Item Shop में इंटीरियर का काम कराना बेहद आवश्यक हो जाता है

3. स्थानीय लोगों की माँग का आकलन करें

जैसा की हम सब जानते हैं की हमारे देश भारत में विभिन्न धर्मों, सम्प्रदायों, पंथों को मानने वाले लोग रहते हैं। इसलिए सबकी पूजा पद्यति एवं धार्मिक अनुष्ठान करने का तरीका अलग अलग हो सकता है। और इनमें इस्तेमाल में लायी जाने वाली धार्मिक सामग्री भी अलग अलग हो सकती है। इसलिए उद्यमी को चाहिए की जहाँ पर वह खुद की Religious Item Shop खोलना चाह रहा हो, वहाँ पर निवासित स्थानीय लोगों का आकलन करें की वे किस धर्म, सम्प्रदाय या पंथ को मानने वाले लोग हैं? और उनकी धार्मिक पूजा प्रतिष्ठान करने की पद्यति में किन किन धार्मिक सामग्री का इस्तेमाल किया जाता है?

क्योंकि यदि संभावित ग्राहकों की धार्मिक मान्यताओं, पद्यतियों, भावनाओं का आकलन किये बिना उद्यमी Religious Item Shop खोलता है, तो वह इस बात का निर्णय कैसे ले पाएगा की उसे सैकड़ों आइटम में से अपनी दुकान में कौन कौन सी आइटम रखनी है कौन नहीं।      

4. पूजा पाठ सामग्री का सप्लायर ढूंढें

अब यदि उद्यमी द्वारा संभावित ग्राहकों की धार्मिक सामग्री की माँग का आकलन कर लिया गया हो। तो उद्यमी का अगला कदम अपनी Religious Item Shop के लिए बेहतरीन सप्लायर ढूँढने का होना चाहिए। बेहतरीन सप्लायर की निम्नलिखित विशेषताएं हो सकती हैं।

  • ऐसा सप्लायर जिसे आपकी दुकान में दैनिक सप्लाई करने में भी कोई परेशानी न हो, क्योंकि कभी कभी कोई वस्तु अर्जेंट भी चाहिए हो सकती है ।
  • ऐसा सप्लायर जो जरुरत पड़ने पर आपको कुछ उधार देने में भी सक्षम हो।
  • वह जो आपको अन्य सप्लायर की तुलना में बेस्ट रेट ऑफर कर रहा हो ।
  • वह जो ऐसे सामान को वापस लेने में सक्षम हो जो आपकी दुकान में बिका न हो।

5. बजट या निवेश क्षमता के अनुरूप धार्मिक वस्तुएँ खरीदें

शुरूआती दौर में उद्यमी को केवल ऐसे Religious Item खरीदने चाहिए, जिनकी माँग उस एरिया में सबसे अधिक रहती हो, जिन्हें बेचने में उद्यमी को ज्यादा मशक्कत न करनी पड़े। चूँकि उद्यमी द्वारा  संभावित ग्राहकों की माँग का आकलन कर लिया होगा। इसलिए उद्यमी को उनके माँग और अपनी निवेश क्षमता के अनुरूप ही धार्मिक वस्तुओं को खरीदने का आर्डर सप्लायर को देना चाहिए।

यदि उद्यमी का बजट ज्यादा भी हो, तो भी शुरूआती दौर में उसे बहुत अधिक निवेश करके धार्मिक वस्तुओं को खरीदने की आवश्यकता नहीं है। बल्कि वह धीरे धीरे ग्राहकों की डिमांड को समझते हुए अपनी Religious Item Shop में वैरायटी और क्वांटिटी दोनों बढ़ा सकता है।   

6. सामान बेचें प्रतिष्ठा स्थापित करें

जैसा की हमने पहले भी बताया हुआ है की हर धार्मिक सामग्री को उद्यमी को उतना ही सम्मान और इज्जत देनी होगी, जितना उसे खरीदने वाले ग्राहक देने वाले हैं। तभी उस Religious Item Shop के प्रति लोगों के दिल में प्रतिष्ठा स्थापित होगी। और एक बार यह प्रतिष्ठा स्थापित हो गई तो लोग बार बार आपकी दुकान पर ही धार्मिक वस्तुओं को खरीदने आएँगे।

चूँकि इस तरह का यह व्यवसाय लोगों की धार्मिक मान्यताओं एवं धार्मिक भावनाओं से जुड़ा हुआ बिजनेस है। इसलिए Religious Item Shop कर रहे उद्यमी को इस बात का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है की किसी भी ग्राहक की धार्मिक मान्यता और भावना को गलती से भी ठेस न पहुँचे।

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