रेनकोट निर्माण बिजनेस कैसे शुरू करें? Raincoats Manufacturing Business in Hindi.

Raincoat Manufacturing की महत्वता उन लोगों को अच्छी तरह से विदित होगी जो अपनी ड्यूटी पर या ईधर उधर जाने के लिए दोपहिये वाहन जैसे बाइक, स्कूटी इत्यादि का इस्तेमाल करते हैं। जी हाँ दोस्तों आपने अक्सर लोगों को बरसात में भी अपने दुपहिये वाहन में निकलते हुए देखा होगा लेकिन जब वे अपनी मंजिल पर पहुंच जाते हैं तो उन्हें बिना भीगे हुए अपने ऑफिस या कार्यालय में जाते हुए भी देखा होगा।

क्या आप जानते हैं यह सब कैसे संभव हो पाया यदि नहीं तो आपको बता देना चाहेंगे की यह तब संभव हुआ जब उन्होंने घर से निकलते समय Raincoat पहन लिया हो। हम सब अच्छी तरह से जानते हैं की जुलाई से लेकर अक्टूबर तक लगभग बारीश का मौसम ही होता है और इन दिनों कब बारीश आ जाए कोई नहीं जानता।

ऐसे में बरसात के डर से सारे काम धाम छोड़कर घर में भी बैठे नहीं रहा जा सकता है, ऐसे में लोग खासकर जो लोग दुपहिये वाहनों से अपने कार्यालय पहुँचते हैं रेनकोट का इस्तेमाल करते हैं ताकि वे बिना भीगे हुए अपने ऑफिस या कार्यालय आसानी से पहुँच पायें। इसलिए वर्तमान में Raincoat Manufacturing Business शुरू करना भी कमाई की दृष्टी से काफी लाभकारी साबित हो सकता है क्योंकि भारत में दुपहिया वाहनों को इस्तेमाल करने वालों की संख्या और कामकाजी लोगों की भी संख्या निरंतर बढती जा रही है।

Rain Coats Banane ka business

यही कारण है की रेनकोट की भी मांग बाजार में बढती जा रही है इसलिए एक ऐसा इच्छुक व्यक्ति जो खुद का बिजनेस करने की इच्छा रखता है उसके लिए Raincoat Manufacturing Business शुरू करना उपयुक्त हो सकता है। इससे पहले की हम इस विषय पर और विस्तृत तौर पर बात करें आइये जानते हैं की यह रेनकोट होता क्या है?

रेनकोट निर्माण क्या है? (What is Raincoat Manufacturing):

रेनकोट की यदि हम बात करें तो यह पानी प्रतिरोधी और वाटर प्रूफिंग सामग्री से बना एक कोट है इसलिए इसका इस्तेमाल कपड़ों के ऊपर किया जाता है ताकि बरसात का पानी अन्दर कपड़ों को गिला न कर सके। कहने का आशय यह है की रेनकोट वाटर प्रूफिंग सामग्री से निर्मित एक ऐसा कोट है जो कपड़ों को बरसात के पानी से बचाता है।

यह सिर्फ कपड़ों को नहीं बल्कि हमारे शरीर को भी बारीश से बचाने में मददगार होते हैं। वह इसलिए क्योंकि Raincoat Manufacturing में ऐसे फैब्रिक का इस्तेमाल किया जाता है जो पानी को अपने आप टिकने नहीं देता है अर्थात जैसे ही इस सामग्री पर पानी गिरता है यह सामग्री उसे पीछे धकेल देती है। बहुत सारे रेनकोट में फैब्रिक के तौर पर कपास, पॉलिएस्टर, नायलॉन, पीवीसी, या रेयान  इस्तेमाल में लाया जाता है भीगी हुई स्थिति में लम्बे समय तक सर्वाइवल के लिए रेनकोट एक परफेक्ट वस्तु है क्योंकि भीगने से व्यक्तियों को अनेकों छोटी छोटी स्वास्थ्य समस्याएं और थकान हो सकती है।

यही कारण है की लोगों द्वारा रेनकोट का इस्तेमाल बड़ी मात्रा में बरसात के दिनों किया जाता है । व्यवसायिक तौर पर जब किसी उद्यमी द्वारा इस तरह का यह काम किया जाता है तो उस उद्यमी द्वारा किया जाने वाला यह काम ही Raincoat Manufacturing कहलाता है।

बिक्री की संभाव्यता

जैसा की हम पहले भी बता चुके हैं की रेनकोट का इस्तेमाल कपड़े और शरीर को गिला होने से बचाने के लिए किया जाता है। और हम यह भी अच्छी तरह से जानते हैं की बरसात के मौसम में तो बरसात होती ही है लेकिन अन्य महीनों में भी बरसात होती रहती है। इसलिए अक्सर जो दुपहिये वाहनों से ड्यूटी, ऑफिस जाते हैं वे अपने साथ रेनकोट रखना पसंद करते हैं ताकि बरसात आने पर वे अपने शरीर और कपड़ों को पानी से सुरक्षित रख सकें।

और सिर्फ यही नहीं चूँकि इसमें तापमान प्रतिरोधी गुण भी विद्यमान होता है इसलिए कभी कभी लोगों द्वारा तापमान इत्यादि से बचने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। वर्तमान परिदृश्य की बात करें तो Raincoat Manufacturing Business करने वाले उद्यमी इन्हें विभिन्न डिजाईन, आकार इत्यादि के साथ बनाकर बाज़ारों में बेचने के लिए उतार रहे हैं और सिर्फ भारत में ही नहीं अपितु वैश्वीकरण के इस दौर में अपने उत्पादों को विदेशी बाज़ारों तक में बेचकर पैसे की कमाई कर रहे हैं ।

रेनकोट के बाजार को प्रोडक्ट टाइप, डिस्ट्रीब्यूशन चैनल, अंतिम उपयोग और भौगौलिक आधार पर बांटा जा सकता है जहाँ तक उत्पाद के प्रकार की बात है इसे तीन प्रमुख भागों प्लास्टिक, नायलॉन और विनाइल में विभाजित किया जा सकता है।

रेनकोट निर्माण बिजनेस कैसे शुरू करें? ( Raincoat Manufacturing Business in Hindi):

Raincoat Manufacturing Business शुरू करने के लिए भी उद्यमी को जमीन और बिल्डिंग का प्रबंध, वित्त का प्रबंध, मशीनरी और उपकरणों की खरीदारी, लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन, कर्मचारियों की नियुक्ति इत्यादि जैसे बेहद महत्वपूर्ण कदम उठाने की आवश्यकता होती है। तो आइये जानते हैं की कैसे कोई इच्छुक व्यक्ति खुद का रेनकोट निर्माण बिजनेस शुरू कर सकता है।

1. जमीन और बिल्डिंग का प्रबंध करें

जमीन और बिल्डिंग का प्रबंध करना किसी भी विनिर्माण बिजनेस के लिए एक बेहद ही महत्वपूर्ण कार्य होता है क्योंकि जमीन और बिल्डिंग का प्रबंध करते समय उद्यमी को अनेकों बातों जैसे उस लोकेशन पर बिजली, पानी, सड़क इत्यादि की आसान उपलब्धता के साथ साथ कर्मचारियों, श्रमिकों की उपलब्धता का भी ध्यान रखना होता है।कहने का आशय यह है की यदि Raincoat Manufacturing Business शुरू करने वाले उद्यमी के पास स्वयं की कोई गैर कृषि योग्य भूमि है तो वह उसी जमीन पर इस तरह की इकाई स्थापित करने के बारे में विचार कर सकता है।

यदि ऐसा नहीं है तो बेहतर होगा की उद्यमी कोई पहले से बनी बनाई बिल्डिंग किराये पर लेकर इस तरह का यह व्यापार शुरू करे। चूँकि इस बिजनेस को शुरू करने के लिए भी उद्यमी को विनिर्माण स्थल, स्टोर रूम के लिए जगह, बिजली उपयोगिताओं इत्यादि के लिए जगह के अलावा एक छोटा सा ऑफिस स्थापित करने के लिए भी जगह की आवश्यकता होती है। इसलिए इस तरह से देखें तो उद्यमी को 800-1000 वर्ग फीट जगह की आवश्यकता हो सकती है।     

2. वित्त का प्रबंध करें

वित्त का प्रबंध करने से पहले एक प्रभावी बिजनेस प्लान या प्रोजेक्ट रिपोर्ट अवश्य बनवा लें, यह व्यवसाय का एक अहम् दस्तावेज होता है क्योंकि इसमें शुरू करने से लेकर व्यवसाय की सफलता तक का सारा प्लान निहित होता है। प्रोजेक्ट रिपोर्ट के माध्यम से Raincoat Manufacturing Business शुरू करने वाले उद्यमी को ज्ञात हो पायेगा की उसके व्यवसाय को शुरू करने में आने वाली लागत क्या होगी?

और एक निश्चित समय के बाद उसकी अनुमानित कमाई भी क्या होगी यह सब आंकड़े प्रोजेक्ट रिपोर्ट में पहले ही दर्शाए जाते हैं। इसलिए उद्यमी तभी अपने व्यवसाय के लिए वित्त का प्रबंध कर पाने में सक्षम हो पायेगा जब उसे यह ज्ञात होगा की उसके व्यवसाय को शुरू करने में स्थिर लागत और कार्यशील लागत को मिलाकर कुल कितनी लागत आएगी। उद्यमी किसी सरकारी योजना के तहत सब्सिडी ऋण, बैंक ऋण या फिर अपनी व्यक्तिगत बचत से वित्त का प्रबंध करने का प्रयत्न कर सकता है।   

3. आवश्यक लाइसेंस और पंजीकरण कराएँ

वैसे इस तरह के व्यवसाय को शुरू करने के लिए उद्यमी को किसी प्रकार के लाइसेंस और पंजीकरण को कराने की अनिवार्यता तो नहीं है। लेकिन यदि उद्यमी चाहे तो अपने Raincoat Manufacturing इकाई के लिए निम्नलिखित लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन करवा सकता है।

  • प्रोप्राइटरशिप रजिस्ट्रेशन.
  • जीएसटी रजिस्ट्रेशन.
  • फैक्ट्री लाइसेंस और ट्रेड लाइसेंस.
  • पोल्यूशन डिपार्टमेंट से एनओसी
  • उद्योग आधार रजिस्ट्रेशन
  • खुद का ब्रांड स्थापित और उसकी सुरक्षा के लिए ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन.  

4. मशीनरी और कच्चा माल खरीदें

Raincoat Manufacturing Business में इस्तेमाल में लायी जाने वाली प्रमुख मशीनरी की लिस्ट इस प्रकार से है।

  • पीवीसी वेल्डिंग मशीन
  • बटन स्नेप मशीन
  • कटिंग मशीन
  • डाई, हैण्ड टूल्स और अन्य उपकरण

आवश्यक कच्चे माल की लिस्ट इस प्रकार से है।

  • फैब्रिक शीट (प्लास्टिक, नायलॉन, विनाइल इत्यादि)
  • बटन और चैन
  • पैकिंग सामग्री  

5. निर्माण प्रक्रिया को जानें

Raincoat Manufacturing Process शुरू करने से पहले कच्चे माल को स्थानीय अधिकृत विक्रेता या सप्लायर से खरीद लिया जाता है और इसे स्टोर रूम में संग्रहित करने के लिए रख दिया जाता है।

उसके बाद ग्राहक की आवश्यकता, बाजारों के रुझान और विशिष्ट आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए रेनकोट का डिजाईन तैयार किया जाता है। डिजाईन डिपार्टमेंट से डिजाईन पर अप्रूवल मिलने के बाद इस डिजाईन को कुशल मशीन ऑपरेटर के पास फेब्रिकेशन करने के लिए भेज दिया जाता है।

और इसके अगले चरण में कटिंग मशीन की मदद लेकर फैब्रिक को डिजाईन के अनुसार आवश्यक लम्बाई चौड़ाई में काट लिया जाता है हालांकि मशीन के माध्यम से फैब्रिक कटिंग के इस प्रक्रिया में भी एक कुशल ऑपरेटर की आवश्यकता होती है। जो मशीन के कार्य पर नज़र बनाये रखता है उसके बाद पीवीसी या अन्य फैब्रिक को आवश्यक आयामों के अनुसार वेल्ड करने के लिए पीवीसी वेल्डिंग मशीन में डाला जाता है।

आवश्यक डिजाईन का निर्माण करने के लिए ऑपरेटर द्वारा दोनों खुले हुए छोरों को वेल्ड कर दिया जाता है। Raincoat Manufacturing Process में इस्तेमाल में लायी जाने वाली या पीवीसी वेल्डिंग मशीन हाई फ्रीक्वेंसी वेल्डिंग या रेडियो फ्रीक्वेंसी वेल्डिंग तकनीक इस्तेमाल करती है ।

इसमें सामग्री के दोनों टुकड़े एक मेज पर रखे जाते हैं और इस सतह पर प्रेशर बनाया जाता है और इस प्रक्रिया को निर्देशित करने के लिए डाई का इस्तेमाल किया जाता है। हाई फ्रीक्वेंसी वेल्डिंग का इस्तेमाल अनेकों उद्योगों में किया जाता है जहाँ भी मजबूत सुसंगत लीक प्रूफ सील की आवश्यकता होती है।

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