पेन बनाने का बिजनेस। Pen Manufacturing Business Plan Hindi.

Pen Manufacturing नामक इस व्यवसाय पर, बात करना इसलिए जरुरी हो जाता है, क्योंकि ,पेन यानिकी कलम एक ऐसा छोटा सा उपकरण है। जिसके माध्यम से लेखन या ड्राइंग कार्य को, आसानी से और सफलतापूर्वक, पूर्ण किया जा सकता है। कलम को कागज़ पर, हलके दबाव के साथ शुरू किया जाता है। जिससे यह कागज़ पर लिखना शुरू कर देता है। वास्तव में कलम में, जो स्याही भरी हुई होती है, वही स्याही कागज़ पर उपयोगकर्ता की, मर्जी के मुताबिक अंकित होती है। यह स्याही कागज़ पर लिखते लिखते, ही सूख जाती है। प्राचीनकाल में लोग, मोर के पंखों के नुकीले अग्र भाग को, किसी विशेष प्रकार की स्याही में डूबाकर लिखते थे। इसके बाद लकड़ी को, आगे से नुकीला बनाकर तैयार किया जाता था। और उसे स्याही में डुबाकर, किसी कागज़ या अन्य सामग्री में, अंकित किया जाता था।

लेकिन वर्तमान में, Pen Manufacturing की यदि हम बात करें, तो, विशेष रूप से दो प्रकार के पेन, बॉल पेन और फाउंटेन पेन चलन में हैं। वैसे देखा जाय तो, लेखन सामग्री का अविष्कार प्राचीनकाल में, मिस्रियों ने किया था। उन्होंने गोंद और कालिख का इस्तेमाल करके, काली स्याही का निर्माण किया था। उनकी कलम में ही पहली बार, निब देखने को मिली थी। जो लेखन के लिए आवश्यक स्याही के, जरुरी प्रवाह को बनाये रखने में मददगार थी। इनके द्वारा आविष्कृत कलम की यह शैली, आज भी सुलेख इत्यादि में इस्तेमाल में लायी जाती है।

Pen Manufacturing Business in Hindi

पेन निर्माण क्या है (What is Pen Manufacturing Business):

पेन निर्माण बिजनेस को समझने से पहले, हमें यह समझना होगा, की, आखिर पेन होता क्या है? एक पेन जिसे हिंदी में, कलम भी कह सकते हैं, एक लेखन उपकरण होता है। जिसमें एक रिफिल लगी होती है। और उस रिफिल में स्याही भरी हुई होती है। और इस रिफिल में अग्र भाग में, निब लगी होती है। इसी निब के माध्यम से स्याही किसी कागज़, या सतह पर दबाव के बाद अंकित होती है। इसलिए पेन का इस्तेमाल, लेखन या ड्राइंग में किया जाता है। जहाँ तक रूलिंग पेन की बात है, ये लाइन की चौड़ाई के मुताबिक, सटीक समायोजन की अनुमति प्रदान करते हैं।

इसलिए इनके कुछ विशेष, इस्तेमाल ही होते हैं। जबकि, तकनिकी पेन जैसे रैपिड़ो ग्राफ, इत्यादि का इस्तेमाल आम है। पेन के आधुनिक प्रकारों में, बॉलपॉइंट, रोलरबॉल, फाउंटेन और सिरेमिक टिप पेन शामिल हैं। जब किसी उद्यमी द्वारा, अपनी कमाई करने के लिए व्यवसायिक तौर पर, उपर्युक्त में से किसी भी प्रकार के, पेन निर्माण का कार्य किया जाता है। तो उसके द्वारा किया जाने वाला यह कार्य ही, Pen Manufacturing Business कहलाता है।  

पेन की बिक्री संभाव्यता

जैसा की हम सब जानते हैं, की, एक पेन या कलम का इस्तेमाल, लोगों को कुछ बताने, इशारा करने, समझाने, पढ़ाने, लिखाने इत्यादि के लिए किया जाता है। इसलिए सिर्फ विद्यार्थी ही नहीं, अपितु सभी आयु वर्ग लोगों द्वारा, पेन का इस्तेमाल किया जाता है। हालांकि इनके इस्तेमाल के मुताबिक, पेन या कलम का स्वरूप अलग अलग हो सकता है। लेकिन कागज़ पर लिखने के लिए, इस्तेमाल में लायी जाने वाली पेन की टिप महीन, चिकनी होती है। ताकि वह पोइंटिंग के आधार पर, लिखना या ड्राइंग करना, शुरू कर सके। वैसे देखा जाय तो पेन फिजिकल रूप से, एक लेखन उपकरण है, जो उपयोगकर्ता के उपयोग के अनुसार, कागज़, कपड़ा, कैनवास इत्यादि सतहों पर, स्याही बिखेरने का काम करता है। विद्यार्थी एवं अध्यन क्षेत्र में, पेन का इस्तेमाल, दैनिक आवश्यकता के तौर पर किया जाता है।

कहने का आशय यह है की, कोई भी विद्यार्थी बिना पेन के स्कूल, कॉलेज एवं अन्य शिक्षण संस्थानों में, विद्या ग्रहण करने के लिए, जाने की हिम्मत नहीं कर सकता। वहीँ जब किसी व्यक्ति को, किसी भी सरकारी या गैर सरकारी कार्यालय में, किसी कार्य को करने के लिए जाना पड़ता है। तो उसे भी पेन की आवश्यकता होती है। इसके अलावा लगभग सभी प्राइवेट, और पब्लिक कार्यालय, पेन के एक बहुत बड़े खरीदार हैं। इसलिए Pen Manufacturing Business शुरू करने के, इच्छुक उद्यमी को, पेन की मार्केटिंग एवं बिक्री की चिंता तो, लगभग नहीं होनी चाहिए। हाँ इतना जरुर है की, उद्यमी को इस बात पर विचार अवश्य करना चाहिए की, क्या वह इसमें कुछ और ऐसे नवीनीकरण कर सकता है, जिससे इसके उपयोगकर्ता इसको, अपने पॉकेट में और अधिक आसानी से रख पायें। 

पेन निर्माण बिजनेस कैसे शुरू करें (How to Start Pen Manufacturing Business):

वैसे वर्तमान में देखा जाय तो, बाजार में अनेकों प्रकार के पेन पहले से मौजूद हैं। इसलिए Pen Manufacturing Business शुरू करने वाले, उद्यमी को एक बात तो अवश्य जान लेनी चाहिए, की उसे बाजार में प्रतिस्पर्धा तो मिलेगी ही मिलेगी। यदि उद्यमी के पास, एक लम्बे समय तक इस प्रतिस्पर्धा में, बने रहने की कोई योजना है, और उसे उस योजना और, खुद पर पूर्ण विश्वास है, तभी उद्यमी को इस तरह का यह व्यवसाय, शुरू करने के बारे में सोचना चाहिए। वैसे देखा जाय तो, अधिकतर ग्राहक पेन खरीदते समय, और वह भी विशेष तौर पर सस्ते पेन खरीदते समय, इस बात का ध्यान नहीं रखते की, वह पेन कौन सी कंपनी का है।

इसलिए Pen Manufacturing Business शुरू करने के, इच्छुक उद्यमी के लिए, यह एक अवसर भी हो सकता है। तो आइये जानते हैं की, कैसे कोई इच्छुक व्यक्ति, खुद का पेन बनाने का व्यवसाय, शुरू कर सकता है।

1. जगह का प्रबंध करें ( Land & Building for Pen Manufacturing):

वैसे तो Pen Manufacturing Business उद्यमी कहीं से भी, किसी ऐसी लोकेशन से, शुरू कर सकता है। जहाँ से वह उत्पादित उत्पाद को, आसानी से, लोकल मार्किट में बेच सके। और आसानी से कच्चा माल खरीद सके। लेकिन इसके अलावा, उद्यमी को इस बात का भी ध्यान, रखना होगा की, वहां पर बिजली, पानी, सड़क, सस्ते मजदूर इत्यादि की भी उपलब्धता हो। जहाँ तक बात इस व्यवसाय के लिए, उद्यमी को कितनी जगह की आवश्यकता होगी? का सवाल है। यह तो इस बात पर निर्भर करता है की, उद्यमी की योजना, किस स्तर पर बिजनेस शुरू करने की है। क्योंकि यदि उद्यमी, इस व्यवसाय को बड़े स्तर पर शुरू करेगा, तो उसे अधिक जमीन, अधिक मशीनरी, अधिक मैनपावर, अधिक कच्चे माल इत्यादि की आवश्यकता होगी।

जबकि इस तरह का लघु उद्योग, स्थापित करने के लिए उद्यमी को, लगभग 700-800 square Feet जगह की, आवश्यकता हो सकती है। यदि उद्यमी के पास स्वयं की प्रॉपर्टी नहीं है, तो वह जगह या बिल्डिंग, किराये पर ले सकता है।       

2. वित्त का प्रबंध करें

वित्त का प्रबंध करने से पहले, उद्यमी को चाहिए की, वह अपने व्यवसाय की एक प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर ले। जिसमें परियोजना पर आने वाली लागत से लेकर, भविष्य में होने वाली अनुमानित कमाई तक, का सारा ब्यौरा उल्लेखित होता है। लेकिन ध्यान रहे, प्रोजेक्ट रिपोर्ट व्यवहारिक होनी चाहिए। अर्थात उसमें काल्पनिक कुछ भी, उल्लेखित नहीं होना चाहिए। परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के बाद, उद्यमी को अनुमानित लागत के बारे में, ज्ञात हो जाता है। और उसके बाद ही वह, अपने Pen Manufacturing Business के लिए, वित्त का प्रबंध कर सकता है। वित्त का प्रबंध करने के लिए वह, अपनी व्यक्तिगत बचत, सरकारी सब्सिडी ऋण योजनायें, बैंक ऋण इत्यादि की मदद ले सकता है।   

3. लाइसेंस और पंजीकरण (Required Registration for pen Manufacturing):

शुरूआती दौर में उद्यमी, अपने Pen Manufacturing व्यवसाय को, प्रोप्राइटरशिप के तौर पर रजिस्टर कर सकता है। जब उद्यमी के व्यवसाय को, एक वैधानिक स्वरूप प्रदान हो जाता है। तो उसके बाद वह जीएसटी रजिस्ट्रेशन भी कर सकता है। ताकि वह बिलिंग और इनवॉइस प्रक्रिया को, सुचारू ढंग से चला पाने में समर्थ हो। उद्यमी को, स्थानीय प्राधिकरण जैसे नगर निगम, नगर पालिका इत्यादि से ट्रेड लाइसेंस, की भी आवश्यकता हो सकती है। इसके अलावा उद्योग आधार रजिस्ट्रेशन, एवं एमएसएमई डाटा बैंक रजिस्ट्रेशन भी उद्यमी द्वारा, विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए, किया जा सकता है।  

4. मशीनरी और कच्चा माल

मशीनरी की लागत, किसी भी बिजनेस में आने वाला एक अहम् निवेश होता है। इसलिए Pen Manufacturing Business शुरू कर रहे उद्यमी को, चाहिए की वह मशीनरी, और कच्चे माल की खरीदारी से पहले, एक अच्छे एवं उपयुक्त सप्लायर का चुनाव करे। अच्छे एवं उपयुक्त सप्लायर का चुनाव करने के लिए, उद्यमी को, विभिन्न सप्लायर द्वारा ऑफर की जाने वाली कीमतें, सर्विसेज, एवं मेंटेनेंस सम्बन्धी अन्य नियम, और शर्तों का, तुलनात्मक विश्लेषण करना होगा। इस व्यवसाय में इस्तेमाल में लायी जाने वाली, प्रमुख मशीनरी की लिस्ट कुछ इस प्रकार से है।

  • रिफिल फिलिंग मशीन
  • निब अस्सेम्ब्लिंग मशीन
  • पेन सेन्ट्रीफ्यूगल
  • अन्य हैण्ड टूल्स

Pen Manufacturing Business में इस्तेमाल में लाये जाने वाले, कच्चे माल की लिस्ट कुछ इस प्रकार से है।

  • बॉल पेन इंक
  • बाल पेन टिप
  • पेन कैप्स
  • पेन बैरल
  • फ्रंट और बेक कवर
  • रिफिल ट्यूब
  • पैकेजिंग सामग्री      

5. निर्माण कार्य शुरू करें (Start Pen Manufacturing Process):

पेन या कलम की यदि हम बात करें, तो यह एक मूलभूत पुस्तकालय उपकरण है। जिसे तीन प्रमुख घटकों, पेन, रिफिल और कैप से बनाया जाता है। Pen Manufacturing Process में, रिफिल का निर्माण किया जाता है। और फिर एक्सट्रूडर और सेंट्रीफ्यूगल इंक फिलिंग मशीन की मदद से, इसमें इंक भरी जाती है। पेन रिफिल निर्माण के लिए, कच्चे माल के तौर पर पॉलीमर और प्लास्टिक की आवश्यकता होती है। जो हूपर और फीडर व्यवस्था के माध्यम से, एक्सट्रूडर मशीन में डाला जाता है। जहाँ इन्हें उचित तापमान पर पिघलाकर, अर्ध ठोस में परिवर्तित कर दिया जाता है। जिसके बाद इस अर्ध ठोस पॉलीमर को, एक डाई के माध्यम से, बाहर निकलने के लिए निर्देशित किया जाता है। इस डाई में रिफिल के आकार का, एक पूरा सेक्शन होता है। जिससे इस मशीन अर्थात एक्सट्रूजर से, रिफिल ट्यूब का निरन्तर निर्माण होता रहता है।

Pen Manufacturing Process में रिफिल का निर्माण करते वक्त, इसे उच्च गति कटर का इस्तेमाल करके, आवश्यक लम्बाई में काटा जाता है। उसके बाद इस रिफिल से, निब को जोड़ा जाता है। और इन रिफिल को Centrifugal Ink Filling Machine में, डुबो दिया जाता है। जो इनमें इंक भरने का काम करता है। उसके बाद, इन रिफिल का एकत्रीकरण किया जाता है। और उन्हें अलग अलग डिब्बे में रखा जाता है। इन सभी को, असेंबली सेक्शन में लाया जाता है। जहाँ पेन के अन्दर रिफिल डालने का काम, पूर्ण किया जाता है। उसके बाद तैयार पेन को, बेचने के लिए बाजार में उतारा जाता है। 

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