Oil Filter बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें?

जैसा की नाम से ही स्पष्ट है की Oil Filter का काम तेल को फ़िल्टर करने का होता है, इसे खास तौर पर वाहनों में इस्तेमाल इंजन आयल, हाइड्रोलिक आयल, ट्रांसमिशन आयल, लुब्रिकेंट आयल इत्यादि से दूषित पदार्थों को हटाने के लिए किया जाता है । होता क्या है की समय व्यतीत होने के साथ साथ इंजन आयल में कुछ दूषित पदार्थ जमा हो सकते हैं, इसलिए Oil Filter का काम इंजन आयल से दूषित पदार्थों को हटाने के होता है।

क्योंकि यदि इंजन आयल दूषित होगा तो वह वाहन के इंजन को भी दूषित करेगा, जिससे इंजन में अनेकों कमियाँ आ सकती हैं। यही कारण है की साफ़ इंजन आयल इंजन को भी साफ़ रखने में काफी मददगार साबित होता है।

हालांकि सभी oil filter एक जैसे दिखते हैं, लेकिन ये आकार में भिन्न होते हैं। आपके वाहन पर कौन सा फ़िल्टर काम करेगा यह थ्रेड और गास्केट पर निर्भर करेगा। कहने का आशय यह है की भले ही आयल फ़िल्टर दिखने में एक सामान लगते हों, लेकिन अलग अलग वाहनों में अलग अलग Oil Filter इस्तेमाल में लाये जाते हैं ।

ऐसे फ़िल्टर जिनमें सोखने वाले या चारकोल उत्प्रेरक लगे होते हैं वे भी इंजन आयल इत्यादि से वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों या गैसीय प्रदूषकों को हटाने में मददगार साबित होते हैं।

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आयल फ़िल्टर का उपयोग और बिक्री संभाव्यता   

यहाँ पर ध्यान देने वाली बात यह है की Oil Filter का इस्तेमाल केवल वाहनों में ही नहीं किया जाता है, बल्कि कई ऐसी मशीनरी हैं जिनमें आयल फ़िल्टर का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन यहाँ पर हम वाहनों में इस्तेमाल में लाये जाने वाले आयल फ़िल्टर के बारे में बात कर रहे हैं। वैसे देखा जाय तो वाहनों के अलावा अन्य मशीनरी जिनमें हाइड्रोलिक सिस्टम, स्वचालित ट्रांसमिशन, पॉवर स्टीयरिंग  इत्यादि लगे होते हैं उनमें भी कोई न कोई आयल फ़िल्टर अवश्य इस्तेमाल में लाया जाता है।

Oil Filter की माँग बढती जा रही है वह इसलिए क्योंकि देश में दुपहिया वाहनों की माँग भी लगातार बढती जा रही है और यह कहने में कोई परहेज नहीं की, आयल फ़िल्टर की माँग दुपहिया वाहनों की माँग से घनिष्ठ रूप से जुड़ी हुई है। नई नई दुपहिया वाहनों की खरीदारी से तो इनकी माँग बढती ही है, इसके अलावा स्पेयर पार्ट की दुकानों में भी Oil Filter काफी बिकते हैं। क्योंकि यह ऐसा स्पेयर पार्ट नहीं है की जिसे एक बार लगा दिया तो उसे बदलने की जरुरत नहीं पड़ेगी।

बल्कि आयल फ़िल्टर एक ऐसा स्पेयर पार्ट है जो कुछ सालों या महीनों में ही बदलना पड़ता है। इसलिए इस उत्पाद की माँग ऑटो मार्किट में हमेशा बनी रहती है। एक आंकड़े के मुताबिक भारत में वाहनों में इस्तेमाल में लाये जाने वाले फ़िल्टर की मार्किट की 2017 से 2023 के बीच प्रति वर्ष 10% CAGR की दर से बढ़ने की उम्मीद लगाईं गई थी।

लेकिन कोरोना नामक महामारी के कारण यह आंकड़ा प्रभावित हुआ। अब फिर से इस बाज़ार की वही रफ़्तार पकड़ने की उम्मीद लगाईं जा सकती है। क्योंकि लोगों की क्रय शक्ति में हो रही वृद्धि के कारण ऑटोमोबाइल बिक्री में भी वृद्धि हो रही है।

आयल फ़िल्टर बनाने का बिजनेस शुरू करने के लिए कितनी जगह चाहिए    

यदि आप एक औद्योगिक सेटअप करना चाहते हैं तो आपको इन्वेंटरी के लिए जगह, वर्कशॉप या निर्माण क्षेत्र के लिए जगह, बिजली आपूर्ति उपयोगिताओं के लिए जगह एवं जनरेटर इत्यादि के लिए जगह की आवश्यकता होती है। इसके अलावा ऑफिस बनाने के लिए भी जगह की आवश्यकता होती है जिसमें एडमिन, अकाउंट एवं अन्य स्टाफ सुविधाओं के लिए जगह का प्रबंध करना होता है।

इस तरह से देखा जाय तो उद्यमी को Oil Filter बनाने की इकाई स्थापित करने के लिए लगभग 1000 से 1400 वर्ग फुट जगह की आवश्यकता हो सकती है। जिसकी कंस्ट्रक्शन कास्ट 8 से 12 लाख रूपये हो सकती है।

कितने स्टाफ की आवश्यकता होती है

Oil Filter बनाने का बिजनेस शुरू करने के लिए आपको मशीन ऑपरेटर की आवश्यकता होती है। यदि उद्यमी का सैलरी का बजट अच्छा है तो वह अनुभवी और कुशल मशीन ऑपरेटर को नियुक्त कर सकता है। अन्यथा नए योग्य उम्मीदवारों को नियुक्त करके उन्हें मशीन चलाने का प्रशिक्षण देकर भी वह मशीन ऑपरेटर्स की नियुक्ति कर सकता है। Oil Filter की गुणवत्ता बनाये रखने और चेक करने के लिए गुणवत्ता इंजिनियर को भी नियुक्त करना होगा।

इसके अलावा विभिन्न सामग्री को एक स्थान से दुसरे स्थान पर ले जाने के लिए हेल्पर इत्यादि की भी आवश्यकता होती है। गार्ड और श्रमिकों को मिलाकर देखा जाय तो उद्यमी को 13 से 15 लोगों को काम पर रखने की आवश्यकता हो सकती है।

Oil Filter बिजनेस के लिए आवश्यक लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन  

उद्यमी को Oil Filter बनाने का बिजनेस शुरू करने के लिए निम्नलिखित लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता हो सकती है।

  • व्यवसाय का प्रोप्राइटरशिप, वन पर्सन कंपनी, प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में से किसी एक के तहत रजिस्ट्रेशन ।
  • जीएसटी रजिस्ट्रेशन यानिक कर पंजीकरण।
  • व्यवसाय के नाम से बैंक में चालू खाता खोलना।
  • यदि उद्यमी चाहे तो उद्यम रजिस्ट्रेशन भी करा सकता है।
  • खुद का ब्रांड स्थापित करने और उसे सुरक्षित करने के लिए ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन की भी आवश्यकता हो सकती है।
  • फायर डिपार्टमेंट से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट की भी आवश्यकता हो सकती है।   

क्या क्या मशीनरी और उपकरण चाहिए?

हालांकि यहाँ पर यह स्पष्ट कर देना जरुरी है की Oil Filter बनाने के व्यवसाय में इस्तेमाल में आने वाली मशीनरी और उपकरणों की लिस्ट इकाई के आकार और कार्यप्रणाली पर निर्भर करती है। लेकिन एक औसतन उत्पादन क्षमता वाली इकाई स्थापित करने में निम्नलिखित मशीनरी और उपकरण इस्तेमाल में लाए जा सकते हैं।

  • ब्लेंकिंग प्रेस
  • छिद्रण उपकरणों के साथ पंचिंग प्रेस
  • फोर्मिंग डाई और प्रोग्रेसिव पंचिंग के साथ पॉवर प्रेस
  • वेल्डिंग मशीन और शीट मेटल रोलिंग मशीन
  • हॉट प्लेट प्रेस
  • ग्लू स्प्रेडिंग मशीन
  • स्टील क्लिपिंग मशीन
  • कन्वेयर
  • अन्य मशीन और उपकरण      

क्या क्या कच्चा माल चाहिए?

Oil Filter बनाने के लिए निम्नलिखित कच्चे माल की आवश्यकता हो सकती है ।

  • विभिन्न आकार में माइल्ड स्टील शीट
  • सिंथेटिक फ़िल्टर फैब्रिक
  • ग्लू यानिकी गोंद
  • पैकेजिंग सामग्री

Oil Filter का निर्माण कैसे किया जाता है

जैसा की हम उपर्युक्त वाक्य में बता चुके हैं की Oil Filter बनाने में इस्तेमाल होने वाला प्रमुख कच्चा माल माइल्ड स्टील शीट के साथ साथ फ़िल्टर फैब्रिक गोंद इत्यादि है। सबसे पहले आवश्यक कच्चे माल को खरीदकर फैक्ट्री में लाकर स्टोर में रखा जाता है। ध्यान रहे कच्चे माल की खरीदारी प्रोडक्शन के अनुरूप की जाती है, ताकि कच्चे माल की कमी भी न हो, और कच्चा माल ज्यादा भी न हो।

विभिन्न प्रकार के शीट मेटल के रोल को सम्बंधित मशीन के पास लाया जाता है, ताकि उससे Oil Filter के लिए जरुरी अवयव बनाये जा सकें। इस मेटल शीट रोल को शुरुआत में स्थित अनवाईडिंग स्टेशन में डाला जाता है। धातु के अवयव बनाने वाली दो इकाइयाँ पहली कोर और दूसरी कैपिंग डिस्क होती है।

पहला मेटल पार्ट कोर होता है जो अनवाईन्डिंग स्टेशन में शीट मेटल रोल को अन्वाईन्डिंग करता है और उसके बाद छेद करने वाले उपकरणों और डाई के साथ इसे पंचिंग प्रेस में भेजता है। शीट मेटल में छेद होने के बाद शीयारिंग स्टेशन में इसे आवश्यक लम्बाई में काट दिया जाता है। लेकिन यह ध्यान रखा जाता है की मेटल शीट सिलिंडर वाली आकार में तब्दील हो।

Oil Filter Manufacturing process का दूसरा भाग कैपिंग डिस्क है इस प्रक्रिया में अनवाईन्डिंग स्टेशन मेटल की शीट को अनवाइंड करता है और फिर इसे बब्लेंकिंग प्रेस में भेजता है, और यह ब्लेंकिंग मशीन मेटल शीट को डिस्क के रूप में बदलकर बाहर करती है।

इस प्रक्रिया का अंतिम भाग फ़िल्टर है जिसे सिंथेटिक फैब्रिक फ़िल्टर से बनाया जाता है, Oil Filter बनाने में सिंथेटिक फ़िल्टर फैब्रिक को मैन्युअली फोल्ड किया जाता है और उसके अंत में एक स्टील की क्लिप लगाईं जाती है। उसके बाद इस असेंबल्ड Oil Filter को हॉट प्रेस में डाला जाता है ताकि गोंद इत्यादि अच्छी से चिपकर एक फिनिश्ड फ़िल्टर का निर्माण हो सके। उसके बाद सफाई करके इस आयल फ़िल्टर को पैकिंग किया जाता है।

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