विनिर्माण क्षेत्र से जुड़े बिजनेस आइडियाज। Manufacturing Business Ideas in Hindi 2022.

आम तौर पर दुनिया में जो भी व्यवसायिक गतिविधियाँ हो रही हैं उन्हें प्रमुख तौर पर दो श्रेणियों मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस एवं सर्विस बिजनेस में बांटा जा सकता है। जी हाँ यदि उद्यमी किसी वस्तु या उत्पाद का निर्माण कर रहा होता है तो इसका अभिप्राय यह है की वह मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस से जुड़ा हुआ है। जबकि वह उद्यमी जो किसी वस्तु या उत्पाद का निर्माण न करके अपने ग्राहकों को सर्विस मुहैया करा रहा होता है वह सर्विस बिजनेस से जुड़ा हुआ होता है ।

वर्ष 2022 में भी कुछ छोटे तो कुछ बड़े जिन्हें बिग मैन्युफैक्चरिंग बिज़नेस आइडियाज इन हिंदी 2022 के नाम से भी संबोधित कर सकते हैं, कमाई के लिए उपलब्ध हैं।

जहाँ तक मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की बात है इसमें छोटे छोटे उत्पादों से लेकर बड़े बड़े उत्पादों तक का निर्माण शामिल है लेकिन यहाँ पर हम कुछ ऐसे विनिर्माण क्षेत्र से जुड़े बिजनेस आइडियाज के बारे में बात कर रहे हैं। जिन्हें कम संसाधनों, लागत इत्यादि के साथ शुरू किया जा सकता है लेकिन इनकी मांग सर्वत्र रहती है।

इसमें कुछ ऐसे आइडियाज भी हो सकते हैं जो वक्त एवं परिस्थिति के साथ साथ इस लिस्ट में जुड़े हों जैसे मास्क एवं हैण्ड सैनीटाईजर बनाने के कार्य को इसमें वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए शामिल किया गया हो और हो सकता है की आने वाले समय में इनका इस्तेमाल और अधिक बढे या फिर बिलकुल ही घट जाय। लेकिन इस लेख में दिये जाने वाले अन्य विनिर्माण बिजनेस कम एवं मध्यम लागत के साथ तो शुरू किये ही जा सकते हैं, बाकी इनकी मांग भी बाज़ारों में वर्ष के बारह महीने निरंतर बनी रहती है।  

 

Manufacturing business ideas in hindi
Manufacturing business ideas in hindi

पूरा लेख एक नजर में

1. पापड़ बनाने का काम (Papad Manufacturing Business):

वैसे देखा जाय तो पापड़ बनाने का यह व्यवसाय महिलाओं के लिए सर्वोत्तम व्यवसाय के तौर पर सामने आया है। वह इसलिए क्योंकि इस व्यवसाय को बेहद कम निवेश के साथ घर से भी शुरू किया जा सकता है। वर्तमान में ऐसे कई उदाहरण मिल जायेंगे जब महिलाओं के समूह ने पापड़ बनाने का बिजनेस शुरू करके उसमें अपार सफलता हासिल की है पापड़ क्षेत्र में अपना नाम प्रसिद्ध कर चुके लिज्जत पापड़ इसका एक जीता जागता उदाहरण है।

चूँकि पापड़ को पाचक पदार्थ के तौर पर इस्तेमाल में लाया जाता है, इसलिए भारत में इसका उपयोग प्रमुख भोजन एवं स्नैक्स इत्यादि के साथ भी बड़ी मात्रा में किये जाता है।  भारत एक कृषि प्रधान देश है और पापड़ बनाने के लिए विभिन्न प्रकार की दालों का इस्तेमाल किया जाता है इसलिए इसे बनाने में इस्तेमाल होने वाला कच्चा माल भारत के किसी भी क्षेत्र में आसानी से मिल जाता है।

पापड़ बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें.  

2. आचार बनाने का काम (Pickle Manufacturing Business):

भले ही ग्रामीण क्षेत्रों में लोग खुद की आचार की आवश्यकता की पूर्ति के लिए खुद ही आचार बना देते हों। लेकिन शहरी इलाकों में निवासित अधिकतर जनसँख्या अपनी आचार सम्बन्धी जरूरतों के लिए बाज़ारों पर ही निर्भर रहती हैं। इसके अलावा आचार का इस्तेमाल खाने पीने की रेहड़ी से लेकर पांच सितारा होटलों तक में किया जाता है यही कारण है की बाजार में इसकी मांग हमेशा बनी रहती है।

आचार बनाने का बिजनेस भी एक ऐसा बिजनेस है जिसको बेहद कम लागत के साथ शुरू किया जा सकता है। और चूँकि इसके लिए कोई भारी भरकम मशीनरी इत्यादि की भी आवश्यकता नहीं होती इसलिए इसे कोई भी महिला या पुरुष उद्यमी अपने घर से भी शुरू कर सकता है।

आचार बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें.       

3. मास्क बनाने का काम (Mask Manufacturing Business )

हालांकि सर्जिकल मास्क का इस्तेमाल हमेशा से ही हॉस्पिटल इत्यादि में डॉक्टर एवं अन्य स्वास्थ्यकर्मी मरीजों का ऑपरेशन, सर्जरी एवं ईलाज के दौरान करते आये हैं। लेकिन जब से कोरोना नामक महामारी पूरे विश्व में फ़ैल चुकी है तब से मास्क की बहुत अधिक मांग बाज़ारों में दिखने लगी है।

और इस काल में बहुत सारी इकाइयों ने अपने मूल उत्पाद का उत्पादन न करके मास्क बनाने का काम शुरू भी किया है। लेकिन इसके बावजूद देश एवं विदेशी बाज़ारों में गुणवत्तायुक्त मास्क की काफी डिमांड है इसलिए मास्क बनाने का व्यापार करना भी एक लाभकारी बिजनेस के तौर पर सामने आ सकता है।

मास्क बनाने के व्यापार की पूरी जानकारी.   

4. हैण्ड सैनीटाईजर बनाने का काम (Hand Sanitizer Manufacturing )

जब तक देश में कोरोना नामक महामारी का आगमन नहीं हुआ था तब तक कुछ संभ्रांत एवं शिक्षित लोगों द्वारा ही हैण्ड सैनीटाईजर का इस्तेमाल किया जाता था। और भारत की एक बहुत बड़ी आबादी ऐसी थी जिसे इसका नाम भी पता नहीं था। लेकिन कोरोना महामारी को फैलने से रोकने के उपायों में मास्क लगाने के साथ साथ हैण्ड सैनीटाईजर के इस्तेमाल को भी प्रभावी बताया गया।

और दूरस्थ एवं ग्रामीण इलाकों में मास्क एवं हैण्ड सैनीटाईजर सरकारों ने मुफ्त में बंटवाए यही कारण है की वर्तमान में हर कोई इसकी महत्वता जानता है। और सरकारी विभाग, एनजीओ एवं व्यक्तिगत व्यक्ति इसके प्रमुख ग्राहकों के तौर पर सामने आये हैं।  इसकी बढती मांग को देखते हुए हैण्ड सैनीटाईजर विनिर्माण करना लाभकारी हो सकता है।     

5. आयुर्वेदिक एवं हर्बल मेडिसिन बनाना

आयुर्वेदिक एवं हर्बल दवाइयों का इस्तेमाल भारत में प्राचीनकाल से होता आ रहा है बीच में एक समय ऐसा था जब लोग आयुर्वेद एवं हर्बल दवाइयों को कोई महत्व नहीं देते थे। लेकिन आज जब केमिकल से बनी दवाइयों के अनेकों दुष्प्रभाव सामने आ रहे हैं तो ऐसे में एक बार फिर से लोगों का ध्यान आयुर्वेदिक एवं हर्बल दवाइयों की तरफ गया है।

चूँकि इन्हें पेड़, पौंधों, जड़ी, बूटियों, पशु उत्पादों इत्यादि प्राकृतिक उत्पादों से बनाया जाता है इसलिए इस तरह का व्यवसाय शुरु करना भी कमाई की दृष्टी से लाभकारी है। लेकिन इस व्यवसाय को करने के लिए उद्यमी को ड्रग लाइसेंस लेने की आवश्यकता हो सकती है। उद्यमी चाहे तो शुरुआत में अपना कोई एक ही उत्पाद बनाकर उसे प्रसिद्ध कर सकता है और उसके बाद धीरे धीरे अपने व्यापार को बढ़ा सकता है।    

6. साबुन बनाने का काम (Soap Manufacturing Business):

साबुन चाहे कपड़े धोने का हो, नहाने का हो, हाथ धोने का हो या फिर कोई अन्य इसकी आवश्यकता लगभग हर घर एवं व्यवसायिक परिसर में होती ही होती है। साबुन एक ऐसी वस्तु है जिसकी मांग हर जगह हमेशा रहती है इसलिए साबुन बनाने का बिजनेस शुरू करना फायदे की बात तो हो ही सकती है।

साबुन को भी मैन्युअल एवं मशीन दोनों विधियों से बनाया जा सकता है यही कारण है की इस तरह के बिजनेस को शुरू करने के लिए भी भरी भरकम निवेश की आवश्यकता नहीं होती है। उद्यमी किसी भी तरह का साबुन बनाये लेकिन यदि उसकी क्वालिटी एवं कीमत अच्छी हो तो उसके लिए भारत एक बहुत बड़ा बाजार है जिसका वह भरपूर फायदा उठा सकता है।

साबुन बनाने के व्यवसाय की पूरी जानकारी.    

 7. सेनेटरी पैड बनाने का काम (Sanitary Pad Manufacturing):

सेनेटरी पैड नामक यह उत्पाद विशेष तौर पर महिलाओं के स्वास्थ्य एवं गरिमा से जुड़ा हुआ उत्पाद है। जी हाँ महिलाएं एवं लड़कियां मासिक स्राव के दौरान इस बात के लिए काफी चिंतित रहती हैं की कहीं रक्त स्राव कपड़ों में न हो जाय जिससे उन्हें शर्मिंदगी उठानी पड़े।

सेनेटरी पैड का काम उन मासिक स्राव के दिनों में उस रक्त स्राव को रोकने का होता है ताकि उन दिनों महिलाओं एवं लड़कियों को किसी प्रकार की कोई शर्मिंदगी एवं परेशानी न हो। सेनेटरी पैड बनाने का काम भी एक ऐसा व्यवसाय है जिसे महिला उद्यमी भी आसानी से शुरू कर सकती है। 

सेनेटरी नैपकिन बनाने का व्यापार कैसे शुरू करें.   

8. मोमबत्ती बनाने का काम (Candle Manufacturing Business):

हालांकि यहाँ पर हम यह बिलकुल भी कहना नहीं चाहेंगे की परम्परागत मोमबत्ती बनाने का काम काफी लाभकारी हो सकता है। बल्कि जहाँ पहले मोमबत्ती का इस्तेमाल घरों में उजाले इत्यादि के लिए भी किया जाता था वर्तमान में रैलियों, त्योहारों, जन्मदिवस इत्यादि में इनका इस्तेमाल किया जाने लगा है। 

इसलिए इसमें कोई दो राय नहीं की वक्त के साथ इनका भी आकार एवं स्वरूप बदल गया हो जी हाँ दोस्तों बर्थ डे के मौकों पर उपयोग में लायी जाने वाली मोमबत्ती अलग होती है। घरों में डेकोरेशन के तौर पर इस्तेमाल में लायी जाने वाली मोमबत्ती अलग होती है और केवल प्रकाश के लिए इस्तेमाल में लायी जाने वाली मोमबत्ती अलग होती है । इसलिए यह व्यापार तभी सफल एवं लाभकारी हो सकता है जब उद्यमी सभी प्रकार के मोमबत्तियों का उत्पादन करे।  

मोमबत्ती बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें.   

9. बिस्कुट बनाने का काम (Biscuit Manufacturing):

यदि उद्यमी बड़े पैमाने पर बिस्कुट उत्पादन करके उन्हें बेचना चाहता है तो इसमें कोई दो राय नहीं की उसे इन्हें बनाने के लिए मशीनों की आवश्यकता होगी। वर्तमान में बिस्कुट बनाने की आटोमेटिक, सेमी आटोमेटिक, मैन्युअल सभी प्रकार की मशीन बाजार में उपलब्ध हैं।

शुरूआती दौर में बिस्कुट निर्माण कर रहे उद्यमी को मैन्युअल मशीन का उपयोग करके ही उत्पादन शुरू करना चाहिए वह इसलिए क्योंकि इस प्रकार की मशीन उसे सस्ती दरों पर आसानी से उपलब्ध हो जाएँगी। इसके अलावा उद्यमी चाहे तो स्थानीय मार्किट की माँग का विश्लेषण करने के पश्चात हैण्ड मेड बिस्कुट बनाने का बिजनेस भी शुरू कर सकता है।     

10. अगरबत्ती बनाने का काम (Agarabtti Manufacturing)

शायद हमें यह बताने की आवश्यकता नहीं है की अगरबत्ती की मांग एवं उपयोगिता इस देश में कितनी है। अगरबत्ती की मांग सिर्फ हमारे देश में होई नहीं अपितु बाहरी देशों में भी बड़े पैमाने पर है। हालांकि देश एवं विदेश की बड़ी बड़ी कम्पनियां भी अगरबत्ती के निर्माण में पहले से लगी हैं।

लेकिन इसका मतलब यह बिलकुल नहीं है की कोई नया उद्यमी अगरबत्ती बनाने का बिजनेस शुरू नहीं कर सकता। बल्कि सच्चाई यह है की यदि उद्यमी अपने ग्राहकों को खुशबूदार एवं अच्छी क्वालिटी की अगरबत्ती देने में सफल हो गया तो फिर उसे इस व्यवसाय में सफल होने में कोई नहीं रोक सकता।

अगरबत्ती बनाने के व्यवसाय की पूरी जानकारी.      

11. पेपर कप प्लेट बनाने का काम (Disposable Paper plate and cup manufacturing)

डिस्पोजेबल कप प्लेट का इस्तेमाल हमसे छुपा हुआ नहीं है जी हाँ दोस्तों कोई फंक्शन हो, आयोजन हो, वर्षगाँठ हो, जन्मदिन हो, शादी हो या फिर कोई अन्य आयोजन किसी न किसी कारणवश डिस्पोजेबल कप प्लेट का इस्तेमाल होता रहता है। जहाँ पहले प्लास्टिक से निर्मित डिस्पोजेबल कप प्लेट काफी प्रचलित थे वहीँ पर्यावरण पर इनके दुष्प्रभावों को देखते हुए अधिकतर राज्यों में इनके उत्पादन खरीद फरोख्त इत्यादि पर रोक है। इसलिए अब इनका स्थान पेपर से निर्मित डिस्पोजेबल कप प्लेटों ने लेना शुरू कर दिया है।

यही कारण है की वर्तमान में इस तरह का यह बिजनेस शुरू करना उचित हो सकता है। क्योंकि इस तरह के बिजनेस को शुरू करने में आने वाली लागत भी कम ही होती है वह इसलिए क्योंकि कप प्लेट बनाने वाली मशीन को कुछ हज़ार रुपयों में आसानी से ख़रीदा जा सकता है।

पेपर कप बनाने का व्यवसाय कैसे शुरू करें.   

12. सीमेंट की ईट बनाने का काम (Cemented Brick Manufacturing)

सीमेंट की ईट का इस्तेमाल भी कंस्ट्रक्शन के कार्यों में किया जाता है अर्थात घर बनाने, बिल्डिंग बनाने, पुल बनाने, सड़कों के किनारे इत्यादि में सीमेंट से बनी ईट का इस्तेमाल किया जाता है। Cemented Brick Manufacturing Business करना इसलिए लाभकारी हो सकता है क्योंकि constrcution का काम लगभग देश के हर कोने में चलते रहता है । और इस बिजनेस का सबसे बड़ा फायदा यह है की उद्यमी चाहे तो इसे बिना किसी मशीन के भी शुरू कर सकता है।

वह इसलिए क्योंकि सीमेंट की ईट बनाने के लिए सीमेंट पाउडर, रेता, बजरी एवं पानी की आवश्यकता होती है और इन्हें सिर्फ सांचों एवं मजदूरों की मदद से तैयार किया जा सकता है। सबसे पहले सीमेंट पाउडर, रेता, बजरी एवं पानी मिलाकर लोई तैयार करनी होती है और इस लोई को सांचों में डालकर सुखाने के लिए जमीन पर रख देना होता है लेकिन इस प्रक्रिया में इस बात का ध्यान देना आवश्यक है की ईट जमीन से चिपक न जाय।      

13. मसाले पाउडर बनाने का काम (Spice Powder Manufacturing):

भारतीय खाने में मसालों का अहम् योगदान है भारतीय मसाले अनेक रोगों से मनुष्य को बचाते भी हैं यही कारण है की वर्तमान में लगभग हर रसोईघर में एक से अधिक मसाले मिलना स्वभाविक है। भारतीय मसालों की मांग घरेलू बाजार में तो है ही है अंतराष्ट्रीय बाज़ारों में भी इसकी अच्छी खासी मांग है। और चूँकि इसमें उद्यमी द्वारा किसानों से कच्चा माल लेकर उन्हें पीसकर खुद का ब्रांड देकर बाजार में उतारना होता है

इसलिए इस व्यवसाय से लाभ कमाने की तो अपार संभावनाएं हैं ही। साथ में इसे शुरू करने में भी काफी अधिक लागत आने की संभावना नहीं है और चूँकि भारत एक कृषि प्रधान देश है इसलिए इस बिजनेस को ग्रामीण इलाकों से आसानी से शुरू किया जा सकता है क्योंकि वहां पर कच्चे माल की उपलब्धता एवं मजदूरी सस्ती दरों पर उपलब्ध हो जाएगी।

मसाले बनाने का व्यापार कैसे शुरू करें.  

14. आटा चक्की (Flour Manufacturing Business)

ग्रामीण इलाकों में जहाँ गेहूं की पैदावार अच्छी होती है वहां के लोग आज भी पास की आटा चक्की से गेहूं पिसाकर अपनी आटे सम्बन्धी आवश्यकता की पूर्ति करते हैं। जबकि जहाँ लोग गेहूं की पैदावार नहीं करते हैं और गेहूं भी नहीं खरीद पाते हैं वे बाजार से सीधे आटा लेना ही पसंद करते हैं। इसलिए यह भी बेहद लाभकारी व्यवसाय साबित हो सकता है बशर्ते उद्यमी आटे की गुणवत्ता से कोई समझौता न करे।

जनसँख्या की दृष्टी से भारत एक विशालकाय राष्ट्र है और वैसे देखा जाय तो आटे का इस्तेमाल भारत के हर एक राज्य में खाने के तौर पर किया जाता है लेकिन उत्तर भारत में इसका सर्वाधिक इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए आटा एक ऐसे खाद्य वस्तु है जिसकी मांग हर क्षेत्र में हर मौसम में बराबर बनी रहती है। 

आटा चक्की का व्यवसाय कैसे शुरू करें.   

15. फर्नीचर बनाने का काम (Furniture Making)

फर्नीचर वर्तमान जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा बन गया है जी हाँ आज शायद ही भारत या दुनिया में कोई ऐसा घर या प्रतिष्ठान हो जहाँ फर्नीचर न हो । फर्नीचर ने मनुष्य के जीवन को सरल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है यही कारण है की फर्नीचर की बदौलत ही मनुष्य अपने घर को सजाने एवं व्यवस्थित करने का कार्य कर पाता है। फर्नीचर बनाने के बिजनेस की बात करें तो यह उनके लिए एक लाभकारी बिजनेस हो सकता है जो स्वयं कारपेंटर इत्यादि का कम जानते हों।  

फर्नीचर बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें. 

16. कपड़े बनाने का काम (Cloth Manufacturing Business)

मनुष्य की तीन अत्यंत आवश्यकताओं में कपड़ा भी शामिल है इसलिए कपड़े की आवश्यकता भी हर मनुष्य को होती ही होती है। हालांकि कपड़े बनाने का काम करने वाला उद्यमी या तो खुद टेलरिंग का कार्य जानने वाला हो या फिर कोई फैशन डिजाइनिंग का कोर्स कम्पलीट किया हुआ होना चाहिए।

इस बिजनेस को शुरू करने के लिए यह इसलिए जरुरी होता है। क्योंकि समय के साथ फैशन बदलता रहता है और फैशन के साथ लोगों की कपड़े पहनने की आदतें एवं पसंद भी बदलती रहती है और यदि उद्यमी को फैशन एवं टेलरिंग की उचित जानकारी होगी तभी वह अपने कपड़ों को लेटेस्ट फैशन एवं लोगों की पसंद के मुताबिक बदल पाने में सक्षम होगा।

रेडीमेड गारमेंट बिजनेस कैसे शुरू करें.   

17. कॉटन बड बनाने का काम (Cotton Bud Making Business):

यह एक साधारण सा बिजनेस है और यह केवल उनके लिए है जो बेहद कम निवेश के साथ अपना बिजनेस शुरू करना चाहते हैं। क्योंकि इस तरह का यह काम शुरू करने के लिए कच्चे माल के तौर पर उद्यमी को कुछ प्लास्टिक या लकड़ी की छड़ियों एवं रुई की आवश्यकता होती है।

वैसे तो इनके निर्माण के लिए मशीन भी आती हैं लेकिन उद्यमी चाहे तो बिना मशीन के भी इनका निर्माण कर सकता है। कॉटन बड का इस्तेमाल आम तौर पर कानों की सफाई एवं हॉस्पिटल, चिकित्सालयों इत्यादि में अन्य कार्यों के लिए भी किया जाता है।

कॉटन बड बनाने का व्यवसाय शुरू करने की प्रक्रिया.    

18. डायपर बनाने का काम (Diaper Manufacturing Business):

जैसा की हम सब अच्छी तरह से जानते हैं की एक डिस्पोजेबल डायपर में शोषक पैड कपड़े की दो शीटों के बीच लगाया जाता है। इसे विशेष रूप से शरीर से निकलने वाले तरल पदार्थ जैसे मूत्र इत्यादि को अवशोषित करने के उद्देश्य से बनाया गया होता है।

वर्तमान में कुछ ग्रामीण इलाकों को छोड़कर जब तक बच्चा खुद बोलने वाला नहीं हो जाता उसे डायपर पहनाया ही जाता है। ताकि आस पास स्वच्छता बनी रहे। और एक डायपर को एक बार इस्तेमाल में लाकर फेंक दिया जाता है जिसका अभिप्राय यह है की यदि सही रणनीति बनाकर यह बिजनेस किया जाय तो यह एक बेहद बड़ा साम्राज्य भी बन सकता है।     

19. जूते बनाने का काम (Shoe Manufacturing Business):

जूते बनाने का काम भी एक ऐसा काम है जिसे मशीन एवं मैन्युअल दोनों तरीकों से अंजाम तक पहुँचाया जा सकता है। आपने अपने गली मोहल्लों में देखे भी होंगे की सड़क के किसी चौराहे पर बैठा वह मोची खुद जूते भी बनाता है जबकि वहां पर उसके पास कुछ उपकरणों के अलावा और कोई मशीनरी उपलब्ध नहीं होती है।

कहने का आशय यह है की यदि इस मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस को शुरू करने का इच्छुक उद्यमी बिना मशीन के भी जूते बनाने का व्यवसाय शुरू करना चाहता है तो वह कर सकता है बशर्ते उसे कुछ मोची को अपने कर्मचारी के तौर पर नियुक्त करना होगा। और चाहे तो मशीन इत्यादि के माध्यम से भी जूते बनाने का काम शुरू कर सकता है जूतों के व्यवसाय में सफलता भी इनकी गुणवत्ता एवं कीमत पर निर्भर करती है।

मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस में कौन कौन से काम आते हैं?

ऐसे कोई भी काम जिसमें कोई प्रोडक्ट बनाया जा रहा हो, Manufacturing Business में आता है।  जैसे जूते बनाना, कपड़े बनाना, साबुन बनाना, धूप अगरबत्ती बनाना इत्यादि।

मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस किसे कहते हैं?

कोई भी बिजनेस जिसमें उद्यमी किसी प्रोडक्ट का उत्पादन कर रहा हो, मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस कहलाता है।     

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