कबाड़ का बिजनेस : स्क्रैप इकठ्ठा करके भी हो सकते हैं मालामाल, जानिए कैसे।

कबाड़ के नाम से अक्सर लोगों को घृणा होने लगती है। लेकिन जब से कुछ पढ़े लिखे उद्यमियों ने कबाड़ बिजनेस में प्रवेश किया है। और न सिर्फ प्रवेश किया है बल्कि इस तरह का बिजनेस करके अच्छी खासी कमाई भी की है। तब से लोगों का इस व्यवसाय के प्रति नजरिया बदला है।

जब भी हम कबाड़ का नाम सुनते हैं, तो हमारे आँखों के सामने मैला कुचेले कपड़े पहनने साइकिल चलाये हुए एक ऐसे व्यक्ति की तस्वीर उभरकर सामने आती है, तो अपनी दो जून की रोटी के लिए गली गली कबाड़ इकट्ठा करने के लिए चक्कर लगाता रहता है।

लेकिन क्या आप जानते हैं, यदि इस प्रकार का यह बिजनेस टेक्नोलॉजी इत्यादि का इस्तेमाल करके नए तरीके से शुरू किया जाय, तो यह उद्यमी की अच्छी खासी कमाई करा पाने में भी सक्षम है।

जब हम अपनी गली मोहल्लों में टहलते कबाड़ी वाले का काम करने का तरीका और उसकी दशा देखते हैं, तो उसकी यह स्थिति में हमें कबाड़ का बिजनेस करने की ओर प्रोत्साहित नहीं करती। बल्कि हमें लगता है की यह तो छोटा सा एक काम है जिसे वह कबाड़ी वाला अपनी दो जून की रोटी जुटाने के लिए कर रहा है।

सच्चाई सिर्फ इतनी ही नहीं है, वर्तमान में सच्चाई यह है किस इस व्यवसाय में अब उच्च शिक्षित लोगों का भी प्रवेश होने लगा है । और ऐसे लोग नए तरीके एवं तकनिकी संसाधनों का इस्तेमाल करके कबाड़ के बिजनेस को नया स्वरूप प्रदान कर रहे हैं।

यही कारण है की आज हम हमारे इस लेख के माध्यम से कबाड़ का बिजनेस शुरू करने की प्रक्रिया में विस्तार से बात करने वाले हैं। लेकिन उससे पहले हमें यह जानना होगा की इस तरह का यह व्यवसाय होता क्या है।

कबाड़ की छवि
कबाड़ की छवि

कबाड़ का बिजनेस

कबाड़ नाम सुनकर इस बिजनेस को छोटा आंकने की गलती मत कर देना। क्योंकि वर्तमान में एक बेहद प्रचलित कहावत जो सोशल मीडिया में भी खूब चलती है वह यह है की बोतल खाली करने वाले कंगाल हो गए, और खाली बोतल उठाने वाले मालामाल हो गए। यहाँ पर बोतल खाली करने वालों से अभिप्राय मदिरा का सेवन करने वालों से है। जबकि खाली बोतल उठाने वालों से आशय कबाड़ का काम करने वालों से है।

यही कारण है की आज कबाड़ का बिजनेस लोग सिर्फ मजबूरी में नहीं करते, बल्कि उच्च शिक्षित MBA पढ़े लिखे लोग भी इस तरह के बिजनेस में उतर चुके हैं। जहाँ तक कबाड़ की बात है यह कई तरह का हो सकता है घरेलू, औद्यौगिक इत्यादि।

घर में हम अनेकों वस्तुओं का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन समय के साथ बहुत सारी वस्तुएं ऐसी हो जाती हैं। जो या तो खराब हो जाती हैं, या हम उसके इस्तेमाल को बंद कर देते हैं। इसके अलावा कुछ सामानों जो पैकिंग इत्यादि में आते हैं, उनकी पैकिंग में इस्तेमाल की गई सामग्री आपके लिए कबाड़ से ज्यादा कुछ नहीं होती है । और ऐसा ही उद्योगों में भी होता है।

चूँकि कबाड़ तो किसी भी व्यक्ति को घर से या किसी अन्य जगह से बाहर फेंकना ही होता है। इसलिए ऐसे में वे किसी कबाड़ी को थोड़े बहुत पैसों में इस कबाड़ को बेचना पसंद करते हैं । बहुत सारा कबाड़ ऐसा भी होता है जिसे रीसायकल प्लांट में गलाकर, पिघलाकर दुबारा वैसी ही नई वस्तुओं का इस्तेमाल किया जा सकता है।

इसलिए जब आप कबाड़ का बिजनेस कर रहे होते हैं, तो यह सिर्फ आपको फायदा नहीं पहुँचाता, बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से सम्पूर्ण वातावरण को फायदा पहुँचाता है। शायद यही कारण है की पर्यावरण प्रेमी लोग भी इस तरह का यह बिजनेस करना पसंद करते हैं।

जब किसी उद्यमी द्वारा लोगों के घरों से या औद्यौगिक संस्थानों से कबाड़ एकत्रित करके उसे उचित दामों में रीसाइक्लिंग सेण्टर को बेचने का काम किया जाता है। तो उसके द्वारा किया जाने वाला यह काम ही कबाड़ का बिजनेस कहलाता है।

कबाड़ का बिजनेस कैसे शुरू करें

Kabad Ka Business Kaise Shuru Kare : यदि आप कबाड़ का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, तो इसके लिए सबसे पहले आपको यह पता होना चाहिए, की जो कबाड़ आप लोगों से इकट्ठा करने वाले हैं। उसको आप बेचेंगे कहाँ? हालांकि बहुत सारे कबाड़ी घर या उद्योगों से कुछ भी पुराना सामान खरीद देते हैं। इनमें कुछ सामान ऐसा भी होता है, जो ठीक ठाक होता है।

तो कुछ सामान ऐसा होता है जिसे थोड़े बहुत रिपेयर की आवश्यकता होती है। इस सामान को आप चाहें तो किसी अन्य जरूरतमंद को भी लाभकारी दामों में बेच सकते हैं। मान लीजिये की किसी घर से आपने कबाड़ी के दाम पर उनकी पुरानी अलमारी ले ली। इस अलमारी को आप चाहें तो साफ़ सुथरा या रंग पेंट करके लाभकारी दामों में किसी और को भी बेच सकते हैं।

लेकिन आपके पास अधिकतर जो सामान लोगों के घरों से कबाड़ के रूप में आने वाला है, वह टूटा, फूटा और खराब स्थिति में आने वाला है। इसलिए ऐसे सामान को कोई भी अन्य व्यक्ति अपने इस्तेमाल के लिए नहीं खरीदेगा, इसके लिए आपको उस एरिया में स्थित रीसाइक्लिंग सेण्टर का पता करना होगा।

मान लीजिये की एक प्लास्टिक की बाल्टी जिसके तले पर एक बड़ा सा छेद होने के कारण घर में उसे किसी इस्तेमाल में नहीं लाया जाता है। और उसे कबाड़ के तौर पर खरीद लेते हैं, तो उस बाल्टी को आप किसी अन्य को नहीं बेच पाएंगे। बल्कि उसे आप रीसाइक्लिंग सेण्टर में ही बेच पाएंगे।

सबसे पहले नजदीकी रीसाइक्लिंग सेण्टर के बारे में जानें

अब आप ही बताइए जब तक आपको यह पता नहीं होगा, की जो कबाड़ आपके द्वारा एकत्रित किया जाएगा। उसे लेगा कौन? यानिकी आप उसे बेचेंगे कहाँ? तो भला क्या आप कबाड़ का बिजनेस सफलतापूर्वक चला पाएँगे।

यही नहीं आपको यह भी पता होना चाहिए की किस तरह का कबाड़ आप कितने रूपये किलो तक आगे बेच सकते हैं। तभी आप उची दामों में लोगों से कबाड़ खरीद पाएँगे। नहीं तो यदि आपने कबाड़ महंगे दामों में खरीद लिया और आप उसे उससे अधिक दामों में नहीं बेच पाए। तो आपको इस बिजनेस से कोई फायदा नहीं होने वाला है।

इन सबसे बचने के लिए आप सबसे पहले अपने एरिया में स्थित उस रीसाइक्लिंग सेण्टर का पता कर सकते हैं, जहाँ पर आप अपने द्वारा एकत्रित किये गए कबाड़ को बेच सकते हैं। इसके अलावा आपको यह भी पता करना होगा की, क्या वह रीसाइक्लिंग सेण्टर आपके द्वारा एकत्रित सभी प्रकार के कबाड़ को खरीदने के लिए तैयार है या नहीं।

सभी प्रकार के कबाड़ से आशय कागजी कबाड़, प्लास्टिक कबाड़, धातु कबाड़, शीशा कबाड़ इत्यादि से है। किस प्रकार के कबाड़ को आपसे वह किस कीमत पर खरीदेगा यह भी तय कर लीजिये, ताकि जब आप या आपके कर्मचारी लोगों या छोटे कबाड़ियों से कबाड़ खरीदें, तो बेचे जाने वाले दामों से कम में ही खरीदें।

कोशिश करें की आप और रीसाइक्लिंग सेण्टर के बीच जो कोई भी कीमत एवं अन्य शर्तें लागू हों, वे लिखित रूप में हों।    

किन किन जगहों से कबाड़ एकत्रित करना है

अपनी टारगेट जगह निर्धारित कीजिये। जब आपको यह पता लग जाता है की आप अपने द्वारा एकत्रित या ख़रीदे गए कबाड़ को लाभकारी दामों में कहाँ बेच सकते हैं। तो उसके बाद आपको कबाड़ एकत्रित करने के स्रोतों को चिन्हित करना होता है। आप रिहायशी कॉलोनी, औद्योगिक परिसर, शिक्षण संस्थान, हॉस्पिटल इत्यादि से कबाड़ एकत्रित करने के बारे में विचार कर सकते हैं।

कबाड़ एकत्रित करने के लिए जगह का प्रबंध करें

यह संभव नहीं है की आप एक ही दिन में एक ट्रक या इतना कबाड़ इकट्ठा करने में सफल हो जाएँगे जितना एक वाहन की क्षमता होती है। इसलिए आपको स्थानीय मार्किट या उससे थोड़ी दूर भी चलेगा एक कमरा या दुकान किराये पर लेने की आवश्यकता हो सकती है।

जहाँ पर आप घरों, फैक्ट्रियों इत्यादि से एकत्रित किये गए कबाड़ को इकठ्ठा कर सकें। और जब कबाड़ इतना हो जाय की उसे आप एक ट्रक या अन्य वाहन में अच्छी तरह लोड कर सकें, तो आप उसे रीसाइक्लिंग सेण्टर को भेज सकते हैं।

आधा ट्रक या वाहन की क्षमता से कम कबाड़ लेकर बार बार रीसाइक्लिंग सेण्टर जाना आपको काफी महंगा पड़ सकता है । और इससे आपका कबाड़ का बिजनेस नुकसान में जा सकता है। इसलिए यदि आपको बार बार आने वाली ट्रांसपोर्टेशन लागत बचानी है, तो आपको सुनिश्चित करना होगा की किसी भी वाहन में वाहन की क्षमता से कम कबाड़ की ढुलाई न हो।

ध्यान रहे आपको कबाड़ एकत्रित करने के लिए जगह ऐसी लोकेशन पर लेनी चाहिए, जहाँ भारी से भारी वाहन भी आसानी से चला जाय। और कबाड़ को लोडिंग, अनलोडिंग करने के दौरान मार्ग पर जाम की स्थिति न बने। इसके अलावा वहाँ पर रहने वाले अड़ोसी पडोसी को आपकी कबाड़ की दुकान से कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।         

जरुरी मशीनरी और वाहन खरीदें

कबाड़ एकत्रित करने से लेकर उसको ट्रक इत्यादि में लोडिंग, अनलोडिंग करने के लिए कई मशीनरी और उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है। जहाँ तक वाहन का सवाल है शुरूआती दौर में जब उद्यमी को कभी कभी वाहन की आवश्यकता हो वह वाहन किराये पर लेकर अपना काम चला सकता है।

लेकिन जैसे जैसे उद्यमी का कबाड़ का बिजनेस बढ़ता जाएगा उसे एक नहीं बल्कि कई वाहन खरीदने या किराये पर लेने की आवश्यकता हो सकती है।    

छोटे छोटे अन्य कबाड़ियों से टाई अप करें

यह जरुरी नहीं की आप लोगों के घर घर जाकर कबाड़ इकट्ठा करके ही कबाड़ का बिजनेस शुरू कर सकते हैं। आप चाहें तो छोटे छोटे कबाड़ियों और रीसाइक्लिंग सेण्टर के बीच की कड़ी बनकर भी काम कर सकते हैं।

आप उन छोटे छोटे कबाड़ियों से संपर्क कर सकते हैं, जो लोगों के घरों से सीधे कबाड़ इत्यादि उठाते हैं। कहने का आशय यह है की आप कबाड़ एकत्रित करने वाले कबाड़ियों को काम पर रखने की बजाय, छोटे छोटे कबाड़ियों से कबाड़ खरीदकर उसे लाभकारी दामों में रीसाइक्लिंग सेण्टर को बेच सकते हैं।     

कानून एवं नियमों का पालन करें

Kabad Ke Business Ke liye Niyam: वैसे तो छोटे स्तर पर इस तरह का व्यवसाय शुरू करने के लिए किसी प्रकार के लाइसेंस एवं पंजीकरण की आवश्यकता नहीं होती। लेकिन यदि आप छोटे छोटे कबाड़ियों से कबाड़ खरीदकर इसे लाभकारी दामों में बेचना चाहते हैं, तो आप अपने बिजनेस को प्रोप्राइटर्शिप या वन पर्सन कंपनी के तौर पर रजिस्टर कर सकते हैं।

इसके अलावा स्थानीय प्रशासन जैसे जिला प्रसाशन इत्यादि पर्यावरण एवं पर्यावरण को प्रभावित करने वाले कारकों से सम्बंधित नियम कानूनों में बदलाव करते रहते हैं। इसलिए स्थानीय निकाय जैसे नगर निगम/नगर पालिका इत्यादि से लाइसेंस लेना भी आवश्यक हो जाता है।

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