जैम और जैली बनाने का बिजनेस । Jam and Jelly Manufacturing Business.

Jam and Jelly को प्रमुख तौर पर कई किस्मों के फलों से विश्व स्तर पर बनाया जाता है, कहने का आशय यह है की फलों के संरक्षण की एक नहीं बल्कि कई किस्में विश्व स्तर पर बनाई जाती रही है । इनमें सभी प्रकार के फलों जैसे की मीठे फलों जैसे स्ट्रॉबेरी और खुबानी इत्यादि फलों का संरक्षण भी शामिल है।

फलों को संरक्षित करने की पद्यति और इनमें इस्तेमाल में लायी जाने वाली सामग्री इत्यादि इस बात पर निर्भर करती है की इन्हें किस रूप में संरक्षित किया जा रहा है जैसे जैम, जैली, मुरब्बा इत्यादि इन्हें संरक्षित करने की विभिन्न शैलियाँ हैं इसलिए ये इस्तेमाल में लाये गए फल के अनुसार भिन्न भिन्न होते हैं। अंग्रेजी के शब्द ‘Preserves’ का उपयोग सभी प्रकार के जैम और जैली के वर्णन करने के लिए किया जाता है।

Jam and jelly Manufacturing Business

जैम: जैम की यदि हम बात करें तो इसमें आम तौर पर एक फल या सब्जी का रस एवं मॉस दोनों होता है यद्यपि एक कुकबुक में इसे पकाया हुआ और ज्यूल्ड प्यूरी के तौर पर परिभाषित किया गया है।

जैम की यदि हम बात करें तो इस शब्द से हमें ज्ञात होता है की इसका निर्माण पूरे फल को टुकड़ों में काटकर या फलों को कुचला गया है, और फिर इसे पानी और चीनी के साथ गर्म करके इसका निर्माण किया गया है ताकि इसका पेक्टिन सक्रीय हो सके।हालांकि यहाँ पर हम Jam and Jelly दोनों के बारे में बात कर रहे हैं तो आगे हम जैली के बारे में भी संक्षिप्त तौर पर जानने का प्रयत्न कर रहे हैं।

जैली: जैली जैम से इसलिए अलग है क्योंकि इसका निर्माण मीठे फलों या सब्जी के मांस से नहीं बल्कि उनके रस से किया जाता है। इसलिए आम तौर पर जैली को मीठे फल या सब्जी से बने स्पष्ट या पारभासी फल के तौर पर संदर्भित किया जाता है। जैली को उसके स्वभाविक रूप से होने वाले पेक्टिन का इस्तेमाल करके सेट किया जाता है। इस तरह से हम देखते हैं की Jam and Jelly एक दुसरे से भिन्न हैं।

जैम जैली का मार्किट विश्लेषण (Jam and Jelly Market Analysis):

एक पूर्वानुमान आंकड़े के मुताबिक 2019-2024 के दौरान Jam and Jelly के संरक्षण बाजार को 3.6% CAGR की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया गया है। एक आंकड़े के मुताबिक जैम और जैली वैश्विक स्तर पर बढती हुई मांग का सामना कर रहे हैं।

विकाशशील देशों की तुलना में विकसित देशों में इनका इस्तेमाल दैनिक उपभोग के तौर पर लगभग सभी आयु वर्ग के लोगों के द्वारा किया जा रहा है। कहने का आशय यह है की ये उत्पाद उनके दैनिक भोजन का एक हिस्सा बन चुके हैं। वर्तमान में बढ़ते स्वास्थ्य मुद्दे जैसे की मोटापा, मधुमेह एवं अन्य प्रसार के कारण लोग अधिक मीठा इत्यादि खाने से बचना चाह रहे हैं ।

इसके परिणाम स्वरूप उपभोक्ता ऐसे Jam and Jelly को संरक्षित करने की मांग कर रहे हैं जिसमें वसा, चीनी कम हो और अन्य स्वास्थ्यवर्धक गुणों की मौजूदगी हो। साफ़ सुथरी सामग्री की बढती मांग के कारण जैम, जैली और संरक्षण की तैयारी में प्राकृतिक और जैविक सामग्री के इस्तेमाल में काफी वृद्धि हुई है । इसलिए कहा जा सकता है की अच्छी एवं गुणवत्ता से परिपूर्ण जैम और जैली की मांग बाज़ारों में हमेशा व्याप्त रहती है।

जैम और जैली बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें (How to Start Jam and Jelly Manufacturing Business):

Jam and Jelly Manufacturing की यदि हम बात करें तो इन्हें ताजे फलों या सब्जियों से बनाया जाता है अब चूँकि ताजे फल और सब्जियाँ लगभग सभी स्थानीय बाज़ारों में उपलब्ध रहती हैं । इसलिए बहुत सारे रसोइये इन्हें अपने इस्तेमाल के लिए स्वयं के रसोई में भी बना लेते हैं। लेकिन यहाँ पर हम घरेलू तौर पर इनका निर्माण करने की बात नहीं कर रहे हैं, बल्कि हम यहाँ पर व्यवसायिक निर्माण करके बिजनेस शुरू करने की बात कर रहे हैं।

इसलिए व्यवसायिक तौर पर निर्माण करने के लिए हमें न सिर्फ मशीनरी एवं उपकरणों की आवश्यकता होती है, बल्कि इकाई स्थापित करने के लिए जमीन या बिल्डिंग, लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन, काम करने के लिए कर्मचारी, कच्चे माल इत्यादि की भी आवश्यकता होती है । इसलिए आज हम हमारे इस लेख के माध्यम से यही जानने का प्रयत्न कर रहे हैं की कैसे कोई इच्छुक उद्यमी खुद का Jam and Jelly Manufacturing Business शुरू कर सकता है।

1. जमीन और बिल्डिंग का प्रबंध

बिजनेस चाहे कोई भी हो उसे शुरू करने के लिए जगह या बिल्डिंग की आवश्यकता होती ही होती है। इसलिए Jam and Jelly बनाने का बिजनेस शुरू करने के लिए भी उद्यमी को जमीन और बिल्डिंग का प्रबंध करना होगा। यद्यपि इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए आवश्यक जमीन कितनी होगी वह इस बात पर निर्भर करेगा की उद्यमी कितनी क्षमता का प्लांट स्थापित करने की योजना बना रहा है।

लेकिन चूँकि हम सब जानते हैं की वर्कशॉप यानिकी निर्माण स्थल के अलावा, बिजली उपयोगिताओं के लिए जगह, स्टोर रूम के लिए जगह, ऑफिस के लिए जगह इत्यादि की आवश्यकता होती है इस प्रकार से उद्यमी को कम से कम 600-800 Square Feet जगह की आवश्यकता तो हो ही सकती है।

यदि उद्यमी के पास स्वयं की बिल्डिंग या जमीन है तो वह इस इकाई को वही स्थापित कर सकता है लेकिन यदि ऐसा नहीं है तो रेंट पर या लीज पर जमीन बिल्डिंग लेना ठीक रहेगा। जहाँ तक लोकेशन का सवाल है उद्यमी इसे किसी भी स्थानीय मार्किट के नज़दीक जहाँ पर सड़क, बिजली, पानी इत्यादि की उचित व्यवस्था हो शुरू कर सकता है।       

2. वित्त का प्रबंध (Fund arrangement for Jam and Jelly Business):

हालांकि वित्त का प्रबंध करने से पहले उद्यमी को एक फिजिबल एवं प्रभावशाली प्रोजेक्ट रिपोर्ट या फिर बिजनेस प्लान अपने व्यवसाय के लिए अवश्य बना लेनी चाहिए । वह इसलिए क्योंकि प्रोजेक्ट रिपोर्ट ऐसा दस्तावेज होता है जिसमें प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत से लेकर भविष्य में होने वाली अनुमानित कमाई तक का ब्यौरा होता है।

इसलिए उद्यमी उसी आधार पर वित्त का प्रबंध कर पाने में सक्षम हो पायेगा। वित्त का प्रबंध करने से पहले उद्यमी को राज्य एवं केंद्र सरकार द्वारा उद्यम एवं उद्यमिता को प्रोत्साहित करने वाली योजनाओं के बारे में भी अवश्य जानकारी जुटानी चाहिए, और यदि सब्सिडी ऋण वाली कोई योजना हो तो उसका फायदा अवश्य उठाना चाहिए। सब्सिडी योजना के अतिरिक्त, व्यक्तिगत बचत, बैंक ऋण, वेंचर कैपटील इत्यादि भी वित्त का प्रबंध करने के स्रोत हो सकते हैं ।  

3. लाइसेंस और पंजीकरण

शुरूआती दौर में उद्यमी अपने Jam and Jelly व्यवसाय को प्रोप्राइटरशिप के तौर पर रजिस्टर कर सकता है वह इसलिए क्योंकि इस रजिस्ट्रेशन में कम से कम औपचारिकतायें होती हैं जिसके कारण उद्यमी को एक ऑफिस से दुसरे ऑफिस के चक्कर नहीं काटने पड़ते। और उद्यमी का समय और उर्जा दोनों बच जाते हैं। इसके अलावा उद्यमी को बिल और इनवॉइस जनरेट करने के लिए टैक्स रजिस्ट्रेशन यानिकी जीएसटी रजिस्ट्रेशन भी करा ही लेना चाहिए।

व्यवसाय के नाम से बैंक में चालू खाता यदि स्वयं का ब्रांड स्थापित करना हो तो ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन, स्थानीय प्राधिकरण से ट्रेड लाइसेंस इत्यादि की भी आवश्यकता हो सकती है। यदि उद्यमी एमएसएमई सेक्टर के लिए सरकार द्वारा शुरू की गई विभिन्न योजनाओं का लाभ लेना चाहता है तो उसे उद्योग आधार रजिस्ट्रेशन और एमएसएमई डाटा बैंक रजिस्ट्रेशन कराने की भी आवश्यकता हो सकती है ।    

4. मशीनरी, उपकरण और कच्चा माल

Jam and Jelly Manufacturing Business में विभिन्न प्रकार की मशीनरी और उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए उद्यमी को जमीन और बिल्डिंग के बाद सबसे अधिक निवेश मशीनरी और उपकरणों को खरीदने में ही करना पड़ सकता है।

यही कारण है की मशीनरी, उपकरणों एवं कच्चा माल खरीदने से पहले उद्यमी को विभिन्न सप्लायर से कोटेशन मंगाकर उनका तुलनात्मक विश्लेषण करना अत्यंत आवश्यक हो जाता है। ताकि उद्यमी एक अच्छे सप्लायर का चुनाव कर पाने में सफल हो पाय। इस व्यवसाय में इस्तेमाल में लाये जाने वाले प्रमुख मशीनरी एवं उपकरणों की लिस्ट इस प्रकार से है।

  • पल्पर मशीन
  • स्लाइसर मशीन
  • जूस एक्सट्रैक्टर
  • स्टीम जैकेटेड कैटल
  • मिक्सर/ग्राइंडर
  • बोतल वाशिंग और फिलिंग मशीन
  • बेबी बायलर
  • कैप सीलिंग मशीन
  • छलनी, स्टेनलेस स्टील के बर्तन, बर्नर, मापक मशीन, हैण्ड ग्लव्स  

जहाँ तक कच्चे माल की बात है Jam and Jelly Manufacturing में प्रमुख कच्चा माल फल, चीनी, पेक्टिन, संरक्षक, एडीटिव, फ़ूड कलर इत्यादि हैं।    

5. निर्माण प्रक्रिया (Start Jam and Jelly Manufacturing process):  

Jam and Jelly का निर्माण उबाले गए फलों, फलों के गुदे, फलों के रस इत्यादि के साथ मीठा तत्व इस्तेमाल में लाकर बनाया जाता है। कनाडा में जैम बनाने के लिए जो मानक निर्धारित हैं उनके अनुसार जैम में कम से कम 45% जिस फल से जैम बनाया जा रहा हो उसका तत्व होना अति आवश्यक है ।

और बाकी लगभग 55% पानी में घुलनशील ठोस पदार्थ होने चाहिए। यदि जैम बनाते समय प्राकृतिक पेक्टिन की कमी हो गई हो तो इस स्थिति में जैम में पेक्टिन, पेक्टिनस तैयारी या एसिड सामग्री की थोड़ी मात्रा मिलाई जा सकती है । जैम और जैली बनाने की प्रक्रिया बेहद ही आसान है फर्क सिर्फ इतना है की जैम को फलों के मांस से बनाया जाता है तो जैली को ताजे फलों के रस से बनाया जाता है।

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