गुड़ बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें? Jaggery Manufacturing Business.

भारत में गुड़ चीनी की तरह ही एक प्रमुख स्वीट एजेंट है इसलिए Jaggery Manufacturing व्यवसाय के बारे में बात करना बेहद जरुरी हो जाता है। भारत में यदि हम चीनी उद्योग की बात करें तो यह एक बेहद अच्छे ढंग से विकसित एक उद्योग है और वस्त्र उद्योग के बाद सबसे बड़ा उद्योग है। इसलिए यह ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर प्रदान करता है और भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

जैसा की हम सब अच्छी तरह से जानते हैं की चीनी का उत्पादन गन्ने के रस को कच्चे माल के तौर पर इस्तेमाल में लाकर किया जाता है इसी प्रकार Jaggery Manufacturing में भी कच्चे माल के तौर पर गन्ने के रस को ही इस्तेमाल में लाया जाता है अर्थात गुड़ का उत्पादन भी गन्ने के रस से ही किया जाता है। और गुड़ को न केवल व्यक्तिगत घरों में ही इस्तेमाल में लाया जाता है बल्कि भोजनालयों, रेस्तरां, क्लबों और छात्रावासों में भी इसका व्यापक इस्तेमाल देखा गया है।

इन सबके अलावा इसके कुछ औदयौगिक अनुप्रयोग भी होते हैं। जहाँ तक बात चीनी निर्माण की है इसमें कई तकनिकी पहलू शामिल होते हैं इसलिए चीनी निर्माण करने के लिए बहुत अधिक निवेश की आवश्यकता होती है। जबकि इसकी तुलना में Jaggery Manufacturing यानिकी गुड़ का उत्पादन करना काफी सरल है और पूंजी निवेश भी कम है और गुड़ के व्यापक अनुप्रयोगों के कारण इसके लिए बाजार लगातार बढ़ते जा रहा है। इसलिए आज हम इस लेख में गुड़ बनाने का बिजनेस कैसे शुरू किया जा सकता है विषय पर जानकारी देने का प्रयत्न कर रहे हैं।

Jaggery Manufacturing Business plan hindi

गुड़ बनाने का बिजनेस क्या है? (What is Jaggery Manufacturing)

गुड़ की यदि हम बात करें तो यह एक विशिष्ट भारतीय उत्पाद है इसका इस्तेमाल दैनिक भोजन की तयारी में कई उपयोगों के साथ किया जाता रहा है। और इसका इस्तेमाल चीनी के विकल्प के तौर पर स्वीट एजेंट के तौर पर भी किया जाता है इसलिए इसे अनेकों मीठे पकवान बनाने में भी इस्तेमाल में लाया जाता है।

यद्यपि भारत में गुड़ का बाजार बिखरा हुआ है क्योंकि इस व्यवसाय में अधिकतर छोटी इकाइयाँ ही शामिल हैं। इसलिए Jaggery Manufacturing Business से आशय व्यवसायिक तौर पर गुड़ का उत्पादन करने से है और इस व्यवसाय को उन राज्यों में आसानी से शुरू किया जा सकता है जहाँ गन्ने की अच्छी फसल होती हो। इन राज्यों में प्रमुख तौर पर महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, गुजरात, बिहार, झारखंड इत्यादि शामिल हैं।

गुड़ की बिक्री संभावना  

गुड़ की बिक्री की यदि हम बात करें तो इसकी बिक्री शहरी क्षेत्रों, ग्रामीण एवं अर्ध शहरी क्षेत्रों में लगातार कई गुना तक बढती जा रही है। वर्तमान में इसका इस्तेमाल लगभग हर घर में किसी न किसी रूप में अवश्य होता होगा घरेलु उपयोग के अलावा इस उत्पाद के कुछ औद्योगिक इस्तेमाल होने के कारण भी इसकी मांग में तीव्र गति से वृद्धि आंकी गई है। गुड़ की यदि हम बात करें तो इसकी माँग तो बाज़ारों में वर्ष भर बनी रहती है लेकिन जब बात Jaggery Manufacturing यानिकी गुड़ उत्पादन की आती है तो इसका उत्पादन केवल गन्ने के मौसम के दौरान ही होता है।

अर्थात जब खेतों में गन्ने की खेती होती है इसी दौरान गुड़ का उत्पादन किया जाता है यही कारण है की इस तरह के कारखानों में पूरे वर्ष में केवल 6-7 महीने ही कार्य होता है। जैसा की हम पहले भी बता चुके हैं की गुड़ का इस्तेमाल केवल घरों में ही नहीं किया जाता है अपितु रेस्तरां, सड़क के किनारे ढाबों, भोजनालयों, हॉस्टलों, क्लबों और कैटरर्स द्वारा भी बड़े पैमाने पर गुड़ इस्तेमाल में लाया जाता है शायद यही कारण है की इसकी मांग पूरे वर्ष बाज़ारों में लगातार बनी रहती है।

गुड़ के खराब होने की बात करें तो इसे कुछ महीनों तक कुछ नहीं होता है अर्थात कुछ महीनों तक इसे सुरक्षित तौर पर स्टोर करके भी रखा जा सकता है। और भारत में Jaggery Manufacturing Business वैसे तो कई राज्यों में किया जाता है लेकिन इसके उत्पादन में महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार और तमिलनाडु का अग्रणी स्थान है। इसलिए इस तरह के उत्पाद के बढ़ते बाजार को देखते हुए यही कहा जा सकता है की इस व्यवसाय में नए निर्माताओं के लिए भी पर्याप्त अवसर विद्यमान हैं।

गुड़ बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें? (How to Start Jaggery Manufacturing)

यद्यपि Jaggery Manufacturing Business शुरू करना चीनी निर्माण इकाई शुरू करने से काफी सरल एवं कम लागत वाला व्यवसाय है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है की इस व्यवसाय को शुरू करने में बिलकुल ही लागत की आवश्यकता नहीं होती बल्कि सच्चाई यह है की इस तरह के व्यवसाय को शुरू करने के लिए भी लाखों रूपये निवेश करने की आवश्यकता होती है।

क्योंकि इस तरह का यह व्यवसाय शुरू करने के लिए भी उद्यमी को जमीन, बिल्डिंग, लाइसेंस एवं पंजीकरण, मशीनरी, कच्चा माल, कर्मचारी इत्यादि सभी की आवश्यकता होती है। इसलिए आइये जानते हैं की कैसे कोई व्यक्ति खुद का गुड़ बनाने का बिजनेस शुरू कर सकता है।

1. कच्चे माल की उपलब्धता का जायजा लें

यदि आप Jaggery Manufacturing Business शुरू करने के लिए गंभीर हैं तो सबसे पहले आपको यह बात समझनी होगी की इस व्यवसाय के लिए उद्यमी को केवल कुछ महीनों के लिए ही कच्चे माल की उपलब्धता हो पाती है।अर्थात गन्ने के सीजन में ही इस व्यवसाय में संलिप्त कारखानों को कच्चा माल मिल पाता है जिससे वे वर्ष भर केवल छह सात महीने ही कार्यान्वित रह पाते हैं।

शायद यही कारण है की इस व्यवसाय में अब तक कोई बड़ा खिलाड़ी प्रवेश करने की हिम्मत नहीं जुटा पाया है और गुड़ की मांग की आपूर्ति बेहद छोटे छोटे निर्माताओं द्वारा स्थानीय स्तर पर ही की जा रही है।

हालांकि भारत के हर राज्य में गन्ने की खेती की जाती है इसलिए उद्यमी इस तरह के व्यवसाय को कहीं से भी शुरू कर सकता है लेकिन इन सबके बावजूद भी उद्यमी को चाहिए की जिस क्षेत्र में वह Jaggery Manufacturing Unit स्थापित करने की योजना बना रहा है उस एरिया में गन्ने का उत्पादन कितना होता है इस बात का वह जायजा अवश्य ले ले। ताकि वह अपने व्यवसाय के लिए उचित दामों में कच्चा माल खरीद पाने में सक्षम हो पाए।     

2. जमीन एवं बिल्डिंग का प्रबंध (Land & Building for Jaggery Manufacturing)

इस तरह का व्यवसाय शुरू करने के लिए उद्यमी को कच्चे माल एवं उत्पादित माल को स्टोर करने की जगह के अलावा, विनिर्माण स्थल के लिए जगह, इन्वेंटरी के लिए जगह, ऑफिस इत्यादि के लिए भी जगह की आवश्यकता हो सकती है। इसलिए Jaggery Manufacturing Business के लिए 600-800 वर्ग फीट जगह की आवश्यकता हो सकती है शुरूआती दौर में उद्यमी को चाहिए की वह कोई पहले से निर्मित बिल्डिंग को ही किराये पर ले, और इस व्यवसाय के लिए जगह एवं बिल्डिंग ख़रीदे नहीं।

और यह जरुरी नहीं है की उद्यमी किसी भीड़ भाड़ या स्थानीय बाजार में ही इसके लिए जगह या दुकान किराये पर ले बल्कि उद्यमी कहीं भी जहाँ सड़क, पानी, बिजली, श्रमिकों की अच्छी व्यवस्था हो वहीँ पर इस बिजनेस को शुरू करने की योजना बना सकता है।  

3. आवश्यक लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन

Jaggery Manufacturing Business प्रमुख तौर पर अंसगठित क्षेत्रों द्वारा किया जा रहा है लेकिन यदि उद्यमी चाहे तो अपने व्यवसाय को प्रोप्राइटरशिप के तौर पर रजिस्टर कर सकता है।

जहाँ तक टैक्स रजिस्ट्रेशन की बात है जीएसटी रजिस्ट्रेशन एक निश्चित टर्नओवर की सीमा तक अनिवार्य नहीं है, लेकिन उद्यमी चाहे तो वोलंटरी जीएसटी रजिस्ट्रेशन करवा सकता है। इसके अलावा स्थानीय प्राधिकरण जैसे नगर निगम, नगर पालिका इत्यादि से ट्रेड लाइसेंस लेने की भी आवश्यकता हो सकती है। और यह खाद्य से जुड़ा हुआ बिजनेस होने के कारण उद्यमी को फ़ूड लाइसेंस की भी आवश्यकता हो सकती है।     

4. मशीनरी एवं कच्चा माल

Jaggery Manufacturing व्यवसाय की बात करें तो इस व्यवसाय में इस्तेमाल में लाया जाने वाला प्रमुख कच्चा माल गन्ना ही है क्योंकि गन्ने के रस से ही गुड़ का निर्माण किया जाता है । कुछ प्रमुख मशीनरी एवं उपकरणों की लिस्ट निम्नवत है।

  • मोटर के साथ डबल रोलर सुगर केन क्रेशर
  • प्लास्टिक का जूस स्टोरेज टैंक
  • लोहे का बड़ा बर्तन हैंडल इत्यादि सहित
  • स्टोरेज टैंक
  • लम्बे हैंडल के साथ लोहे का मजबूत स्क्रेपर
  • सीलिंग, पैकिंग एवं फिलिंग मशीन
  • मापक यंत्र
  • अन्य टूल एवं उपकरण  

7. गुड़ का निर्माण (Jaggery Manufacturing Process)   

Jaggery Manufacturing Process की यदि हम बात करें तो किसानों के समूहों द्वारा बेहद छोटे स्तर पर गुड़ का उत्पादन किया जाता है । इस पद्यति में किसानों द्वारा पहले गन्ने का रस निकाला जाता है और फिर इस रस को छाना या फ़िल्टर किया जाता है । उसके बाद फिल्टर्ड गन्ने के रस को लोहे के बड़े बर्तनों में उबालने के लिए रख दिया जाता है, और इसी उबालने की प्रक्रिया के दौरान उसमें सोडा या फिर भिन्डी का रस आवश्यक मात्रा में मिला दिया जाता है।

और इस उबालने की प्रक्रिया के दौरान इस रस से भूरे रंग का झाग ऊपर की तरफ आता रहता है जिसे गुड़ का सुनहरा पीला रंग प्राप्त करने के लिए लगातार हटाया जाता है । जब उबलते उबलते रस की स्थिरता में मोटापन आ जाता है तो इसे माध्यम आकार के एल्युमीनियम के डिब्बों में डाला जाता है जहाँ ठंडा होने के बाद इस गुड़ के ब्लॉक बनाये जाते हैं।

हालांकि गुड़ के ब्लाक के आकार 1 किलो से लेकर 12 किलो तक के कुछ भी हो सकते हैं और अंत में गुड़ को गनी बैग में पैक करके मार्किट में बेचने के लिए भेज दिया जाता है।  Jaggery Manufacturing Process में लगभग सौ किलो गन्ने से दस किलो गुड़ बनाया जा सकता है।  

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