स्कूल कैसे खोलें। स्कूल खोलने के नियम और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया ।

स्कूल खोलने का बिजनेस मनुष्य की ऐसी आवश्यकता से जुड़ा हुआ है जिसमें कभी कोई मंदी नहीं आती है। शिक्षा को हमारे समाज में सबसे ऊँचा दर्जा दिया गया है क्योंकि यह शिक्षा ही है जिसकी बदौलत मानव ने इतनी तरक्की की है की वह आज चाँद तक पहुँच चूका है । शिक्षा की बदौलत ही मनुष्य प्रतिदिन अपने जीवन को सरल बनाने के लिए नई नई चीजों का अविष्कार कर रहा है।

कहते हैं की बिना शिक्षा के मनुष्य के दिमाग का विकास होना असम्भव है यही कारण है की आज के लोग शिक्षा के प्रति इतने जागरूक हैं की वे अपने बच्चों को हर हालत में शिक्षित करना चाहते हैं। इसलिए वर्तमान में कहीं अस्पताल, सड़कें, बिजली, पानी इत्यादि हो न हों लेकिन स्कूल अवश्य होने चाहिए। चूँकि शिक्षा एक ऐसा साधन है जो मनुष्य के बौद्धिक विकास में अहम् योगदान देता है इसलिए हर कोई माता पिता चाहते हैं की उनके बच्चे अच्छी शिक्षा पाकर अपना अच्छा जीवन निर्वहन करें।

यही कारण है की वे बचपन से ही अपने बच्चों को एक ऐसे स्कूल में पढ़ाना पसंद करते हैं जहाँ उनके बच्चों का चहुंमुखी विकास संभव हो सके। हालांकि देखा जाय तो चाहे शहर हो या ग्रामीण भारत हर जगह सरकारी विद्यालय तो मौजूद हैं लेकिन स्कूलों की जर्जर स्थिति एवं अध्यापकों का पारम्परिक ढंग से पढ़ाना एवं अपनी ड्यूटी के प्रति लापरवाह रहना अभिभावकों को पसंद नहीं आता है। यही कारण है की अधिकतर माता पिता अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाना पसंद करते हैं । और उनकी यही आवश्यकता उद्यमियों को स्कूल खोलने का बिजनेस शुरू करने का मौका देती है।

स्कूल खोलने की पूरी जानकारी

भारत में स्कूल खोलने के नियम 

भारत में जब भी कोई व्यक्ति स्कूल खोलने का विचार अपने अंतर्मन में लाता है तो उसके दिमाग में जो पहला प्रश्न आता है वह यही होता है की एक स्कूल खोलने के लिए उसे किन किन परमिशन, लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता हो सकती है। नहीं तो यह तो सभी को पता होता है की एक स्कूल खोलने के लिए एक बड़ी सी बिल्डिंग, उसके आगे प्रांगण, और उस बिल्डिंग में क्लासरूम स्थापित करने के लिए कई सारे कमरों की आवश्यकता होती है।

यह सब जानकारी होते हुए भी व्यक्ति इसलिए उलझन में रहता है क्योंकि उसे स्कूल खोलने के नियमों के बारे में उचित जानकारी नहीं होती है। इसी बात के मद्देनज़र हम नीचे स्कूल खोलने के लिए रजिस्ट्रेशन सम्बन्धी नियमों की लिस्ट दे रहे हैं।

  • स्कूल खोलने के नियमों के मुताबिक कोई भी निजी संगठन या निजी व्यक्ति स्कूल नहीं खोल सकता है। स्कूल खोलने के लिए व्यक्ति या संगठन को ट्रस्ट या सोसाइटी का निर्माण करने की आवश्यकता होती है। और आपने भी देखा होगा की भारत में अधिकतर स्कूल ट्रस्ट या सोसाइटी द्वारा ही चलाये जाते हैं।
  • निजी संगठन को स्कूल खोलने के लिए कंपनी अधिनियम 1956 की धारा 25 के अनुसार कंपनी स्थापित करने की आवश्यकता होती है लेकिन इस तरह के ये स्कूल गैर लाभकारी संस्थान के तौर पर ही चलाये जा सकते हैं।
  • स्कूल खोलने के नियमों के मुताबिक यदि कोई व्यक्तिगत व्यक्ति या संस्था स्कूल खोलना चाहती है तो सबसे पहले उन्हें एक सोसाइटी या ट्रस्ट का निर्माण करना होगा। जिसमें अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव इत्यादि को मिलाकर पांच से छह सदस्य होते हैं।  
  • ट्रस्ट या सोसाइटी का निर्माण के अलावा उद्यमी को सरकार के सम्बंधित विभाग से EC (Essential Certificate) या NOC (No Objection Certificate) की भी आवश्यकता होती है। नियम के मुताबिक NOC प्राप्त करने के तीन सालों के भीतर स्कूल का निर्माण कार्य शुरू हो जाना चाहिए।
  • जहाँ तक स्कूल को मान्यता प्राप्त दर्जा देने का सवाल है कक्षा पांच तक के स्कूल को मान्यता प्राप्त का दर्जा वहाँ  का स्थानीय प्राधिकरण जैसे नगर निगम या नगर पालिका दे सकते हैं।
  • कक्षा 6 से लेकर 8th तक के स्कूल को मान्यता प्राप्त दर्जा दिलाने के लिए राज्य के शिक्षा विभाग से संपर्क किया जा सकता है।
  • इसके अलावा हायर सेकण्डरी क्लास चलाने की अनुमति ट्रस्ट या सोसाइटी को दो वर्ष तक स्कूल चलाने के बाद मिलती है।
  • स्कूल का कंस्ट्रक्शन इत्यादि का काम पूर्ण हो जाने के बाद स्थायी एफ़ीलिएशन के लिए एफ़ीलिएशन अथॉरिटी द्वारा जो निरीक्षक भेजा जाता है उसकी संतुष्टि के पश्चात ही स्थायी एफ़ीलिएशन स्कूल को प्रदान किया जाता है ।   

स्कूल खोलने के लिए लोकेशन एवं जमीन खरीदारी

यद्यपि एक बार जब आपके स्कूल का नाम ब्रांड बन जाता है तो कोई फर्क नहीं पड़ता की आपके स्कूल की लोकेशन क्या है? बल्कि लोग स्कूल बसों के माध्यम से भी किसी प्रसिद्ध स्कूल में अपने बच्चों को भेजना पसंद करते हैं। लेकिन जब बात शुरूआती दौर की हो रही हो तो एक अच्छी लोकेशन का चुनाव करना बेहद जरुरी हो जाता है।

यद्यपि स्कूल की आवश्यकता तो हर जगह होती है इसलिए इन्हें कहीं भी खोला जा सकता है लेकिन एक बात का अवश्य ध्यान देन की शुराती दौर में स्कूल आवसीय क्षेत्रों से अधिक दूरी पर न हो। यद्यपि स्कूल खोलने के इच्छुक उद्यमी के पास अपनी जमीन या बिल्डिंग हो तो वह उसी में स्कूल शुरू कर सकता है।

लेकिन यदि ऐसा न हो और वह सरकार से स्कूल खोलने के लिए जमीन खरीदना चाहता हो तो शिक्षा विभाग से NOC प्राप्त करने के पश्चात ट्रस्ट या सोसाइटी स्थानीय प्राधिकरण जैसे नगर निगम , नगर पालिका इत्यादि से संपर्क कर सकता है। इस सरकारी प्रक्रिया में ट्रस्ट या सोसाइटी को नीलामी के माध्यम से जमीन मिल सकती है। इसके अलावा स्कूल खोलने वाली सोसाइटी या ट्रस्ट को भिन्न भिन्न शिक्षा बोर्डों जैसे CBSE, CISCE इत्यादि के दिशानिर्देशों एवं नियमों का कड़े तौर पर पालन करने की आवश्कता होती है।

भारत में स्कूल शुरू करने की प्रक्रिया एक नज़र में

यदि उद्यमी का स्कूल खोलने  का पूर्ण रूप से विचार बन चूका है तो उसको एक बात समझनी होगी की यहाँ स्कूल नॉन प्रॉफिट वेंचर के तहत खोले जाते हैं । लेकिन लोग या कम्पनियां स्कूल खोलकर लाभ भी कमाते हैं इसके बावजूद भी ध्यान रहे की उद्यमी का ध्यान या रूचि सिर्फ लाभ कमाने तक ही सिमित नहीं होनी चाहिए।

बल्कि स्कूल खोलने का असली एवं वास्तविक मकसद समाजसेवा होना चाहिए ताकि वे इस देश के बच्चों को शिक्षित करके एक शिक्षित समाज का निर्माण करने में अहम् भूमिका निभा पायें । यद्यपि स्कूल खोलने सम्बन्धी हम महत्वपूर्ण जानकारी उपर्युक्त वाक्यों में पहले ही दे चुके हैं तो आब आइये संक्षिप्त तौर पर जान लेते हैं की भारत में कोई व्यक्ति कैसे स्कूल खोल सकता है।

  • स्कूल खोलने के लिए सर्वप्रथम किसी भी व्यक्ति या संता को ट्रस्ट या सोसाइटी का गठन करना होगा।
  • ट्रस्ट या सोसाइटी का गठन करने के बाद शिक्षा विभाग से EC या NOC लेने की आवश्यकता हो सकती है।
  • उसके बाद स्कूल खोलने में आने वाले खर्चे के लिए फण्ड की व्यवस्था करनी होगी।
  • फण्ड की व्यवस्था करने के बाद यदि ट्रस्ट या सोसाइटी के पास खुद की जमीन या बिल्डिंग नहीं है और वह सरकार से जमीन खरीदने के इच्छुक हैं। तो इस बाबत स्थानीय प्राधिकरण से संपर्क किया जा सकता है।
  • उसके बाद जब उद्यमी को स्कूल खोलने के लिए सभी विभागों से मंजूरी मिल जाती है तो वह स्कूल का निर्माण शुरू कर सकता है।
  • स्कूल का निर्माण होने के बाद स्टाफ की भर्ती, मान्यता प्राप्त दर्जा दिलाने इत्यादि के लिए भी आवेदन कर सकता है।

अन्य लेख भी पढ़ें  

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *