हैण्डमेड ज्वेलरी बनाने का बिजनेस। Handmade Jewellery Business Plan Hindi.

Handmade Jewellery जैसा की नाम से ही स्पष्ट है हाथों से निर्मित ज्वेलरी होती है, यानिकी ये ऐसे आभूषण होते हैं जिनका निर्माण मशीनों की बजाय हाथों से किया जाता है । अमेरिका में संघीय व्यापार आयोग द्वारा सिर्फ उन्हीं उत्पादों को हस्तनिर्मित उत्पादों की संज्ञा या प्रमाणिकता दी जाती है, जिन्हें मशीनों के कम से कम इस्तेमाल और हाथों के मार्गदर्शन से तैयार किया गया हो।

इसका अभिप्राय यह है की Handmade Jewellery  को कुछ मशीनरी जैसे ड्रिल, लाथ्स इत्यादि मशीनरी का इस्तेमाल करके बनाया तो जा सकता है, लेकिन इसका मानव हाथ से निर्देशित होना नितांत आवश्यक है। उत्पादों की गुणवत्ता एवं विशिष्टता की यदि हम बात करें तो हैण्डमेड नामक यह शब्द इन पर जोर देने का एक प्रभावी विवरणकों में से एक है । हालांकि इसमें भी इस बात को सुनिश्चित किया जाना जरुरी है की आवश्यक सामान का सावधानी से उपयोग हो गया हो।

कभी कभी हैण्डमेड को कारीगर हस्तकला या हेंडीक्राफ्ट भी कहा जाता है इसमें एक नहीं अपितु अनेकों तरह के काम होते हैं जहाँ इस्तेमाल में लायी जाने वाली वस्तुएं अर्थात उपयोगी वस्तुओं का निर्माण हाथों या फिर केवल कुछ सरल उपकरणों का उपयोग करके किया जाता है। यह क्राफ्ट अर्थात शिल्प का एक प्रमुख पारम्परिक क्षेत्र है और यह उन चीजों से सम्बंधित होता है जिनके निर्माण में हाथों के कौशल का इस्तेमाल होता है इसलिए यह रचनात्मक एवं डिजाईन गतिविधियों की एक विस्तृत श्रंखला है।

इनमें वस्त्रों से सम्बंधित कार्य, मोल्डेबल और कठोर कार्य, कागज़ से सम्बंधित कार्य, प्लांट फाइबर से सम्बंधित कार्य इत्यादि शामिल हैं। ढोकरा विश्व के प्राचीनतम हस्तशिल्प में से एक है यह एक प्रकार की धातु की ढलाई होती है । भारत में इसका उपयोग 4000 वर्षों से भी पूर्व से अब तक किया जा रहा है। Handmade Jewellery  का इतिहास भी बेहद पुराना है, आभूषण बनाने के लिए मशीन का इस्तेमाल तो आधुनिकता एवं तकनीक की देन है।

इसलिए हेंडीक्राफ्ट नामक यह टर्म उत्पाद बनाने की पारम्परिक तकनीकों पर लागू किया जाता है। हस्तशिल्प उद्योगों की यदि हम बात करें तो इनमें उत्पादों का निर्माण आम तौर पर हाथों से ही किया जाता है लेकिन कहीं कहीं पर सरल एवं आसान मशीनरी का भी इस्तेमाल किया जाता है।

Handmade Jewellery Business plan in hindi

हैण्डमेड ज्वेलरी का मार्किट विश्लेषण (Market Analysis of Handmade Jewellery):

एक आंकड़े के मुताबिक 2019 में Handicraft Jewellery का कुल बाजार मूल्य लगभग $ 32.9 बिलियन था और वर्ष 2020 से 2027 तक इसके 7.80% CAGR की दर से बढ़ने की संभावना है, इसलिए वर्ष 2027 तक इसके $ 59.7 बिलियन तक पहुँचने का अनुमान है। हेंडीक्राफ्ट ज्वेलरी का इस्तेमाल भी फैशन उपकरण के तौर पर बाहरी सुन्दरता के लिए किया जाता है।

लेकिन इस तरह के गहने बनाने के लिए कीमती धातु जैसे सोने, चांदी, हीरे, रत्नों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है बल्कि इनके निर्माण में कम कीमत वाली सामग्री का इस्तेमाल किया जाता है। पोशाक गहने बनाने के लिए प्रमुख तौर पर कांच, प्लास्टिक, अर्ध-कीमती पत्थरों, मोतियों, चमड़े, एल्यूमीनियम, पीतल, और अन्य कच्चे माल का इस्तेमाल किया जाता है।

जैसा की हम सब जानते हैं की कीमती धातु से निर्मित आभूषणों को खरीदना हर आय वर्ग के बस की बात नहीं है, और वैसे भी इन्हें लोग अधिक इस्तेमाल करने से कतराते हैं। यही कारण है की लोगों का ध्यान फैशनेबल और किफायती आभूषण ढूँढने का होता है और लोगों द्वारा इन्हें वरीयता भी दी जा रही है। इसलिए इन सब कारणों से Handmade Jewellery की मांग में वृद्धि की और अधिक संभावनाएं हैं।

हैण्डमेड आभूषणों के प्रकार

जैसा की हम सब अच्छी तरह से जानते हैं की बीतते समय के साथ हम आधुनिक होते जा रहे हैं और यह आधुनिकता हमारे रहन सहन, पहनावे, चाल चलन इत्यादि सभी कुछ बदल रही है। इसलिए Handmade Jewellery  में भी तरह तरह की फैशनेबल आभूषणों की मांग बढती जा रही है इन आभूषणों का क्रेज वर्तमान परिदृश्य में कई गुना बढ़ चूका है। भारत में महिलाओं द्वारा पसंद की जाने वाली कुछ प्रमुख हेंडीक्राफ्ट ज्वेलरी के प्रकारों की लिस्ट इस प्रकार से है।

एंटीक ज्वेलरी

जैसा की नाम से ही स्पष्ट है की इस तरह की यह ज्वेलरी वर्तमान में मुख्यधारा से बाहर हो गई है अर्थात इस तरह की ज्वेलरी का निर्माण इसकी लोकप्रियता के खोने की वजह से बंद हो चूका है। अब चूँकि लोकप्रियता खोने की वजह से इनका निर्माण तो बंद हो चूका है लेकिन इनकी उपलब्धता आज भी है। इसलिए इसी प्राचीन आभूषणों को एंटीक ज्वेलरी कहा जाता है।

माला वाले आभूषण

Handmade Jewellery का यह प्रकार सिंधु घाटी सभ्यता से सम्बंधित है और यह पांच हज़ार साल से पुरानी हस्तकला है, इसे सिंधु घाटी के लोग बेहद पसंद करते हैं। सिंधु घाटी के लोगों ने सोने, तांबे, चांदी, मिट्टी, हाथी दांत और लकड़ी इत्यादि से सुन्दर मालाएं बनाई। सिंधु घाटी सभ्यता के बारे में जानने के लिए होने वाले उत्खनन में जगह जगह से विभिन्न प्रकार के अधूरे एवं तैयार किये हुए मोतियों से इसका प्रमाण मिलता है।

कस्टम ज्वेलरी

कस्टम ज्वेलरी से आशय ऐसे आभूषणों से है जो ग्राहकों की व्यक्तिगत पसंद के अनुसार बनाई जाती हैं। इस तरह के इन आभूषणों की मांग उन लोगों या ग्राहकों द्वारा की जाती है जिन्हें बाजार में उनकी पसंद के आभूषण मिलते नहीं हैं। इस प्रकार की ज्वेलरी का निर्माण ग्राहक के पसंद के अनुसार किया जाता है इसलिए ग्राहक को अपनी पसंद के मुताबिक धातु, डिजाईन एवं अन्य विशिष्टताएँ चुनने की पूरी स्वतंत्रता होती है।

फिलाग्री ज्वेलरी

फिलाग्री आभूषणों के आधार बनाने के लिए चाँदी धातु का इस्तेमाल किया जाता है इस तरह के आभूषणों को तैयार करने में कुशलता की आवश्यकता तो होती ही होती है। साथ में इसके निर्माण के समय विशेष तौर पर एकाग्रचित एवं पूरी नज़र निर्माण प्रक्रिया पर रखने की आवश्यकता होती है क्योंकि इसके निर्माण में बहुत सारी तकनीकी और सटीकता शामिल होती है। तभी इनक निर्माण अच्छे ढंग से संभव हो पाता है।

हैण्डमेड ज्वेलरी निर्माण बिजनेस कैसे शुरू करें? (How to Start Handmade Jewellery Making Business):

Handmade Jewellery जैसा की नाम से ही स्पष्ट है की इस व्यवसाय में आभूषणों को हाथों से तैयार किया जाता है। और इससे आपको लग रहा होगा की इस तरह का व्यवसाय शुरू करने के लिए आपको किसी प्रकार के मशीनरी एवं उपकरणों की आवश्यकता नहीं होगी। लेकिन यह सच्चाई नहीं है उद्यमी चाहे तो सरल एवं सहज मशीनरी का इस्तेमाल कर सकता है बशर्ते की आभूषणों का निर्माण हाथों द्वारा निर्देशित करके ही किया जाय। इस तरह के व्यवसाय को शुरू करने के लिए भी अनेकों कदम उठाने की आवश्यकता हो सकती है।   

1. आवश्यक जमीन का प्रबंध

Handmade Jewellery बनाने के बिजनेस के लिए यदि हम जमीन या बिल्डिंग की बात करें तो उद्यमी यदि स्वयं हस्तशिल्प कला का जानकार है तो वह अपने घर के किसी एक खाली कमरे से भी इस तरह का यह व्यवसाय शुरू कर सकता है। लेकिन यदि उद्यमी की योजना विभिन्न शिल्पकारों को काम पर रखकर इस व्यवसाय को शुरू करने की है तो उसे 400-500 वर्ग फीट जगह की आवश्यकता हो सकती है। 

क्योंकि इस स्थिति में उद्यमी को न सिर्फ कार्यक्षेत्र के लिए जगह चाहिए होती है, बल्कि इन्वेंटरी एवं ऑफिस के लिए जगह की भी आवश्यकता हो सकती है। यदि उद्यमी के पास स्वयं की जमीन या दुकान है तो वह वहीँ पर अपनी इस तरह की इकाई स्थापित कर सकता है। लेकिन यदि ऐसा नहीं है तो उद्यमी जमीन या दुकान किराये पर ले सकता है और दुकान या जमीन का रेंट एग्रीमेंट या लीज एग्रीमेंट अवश्य बनवा लेना चाहिए।     

2. मशीनरी एवं कच्चे माल की खरीदारी (Machinery for Handmade Jewellery Making)

जैसा की हम पहले भी बता चुके हैं की Handmade Jewellery से आशय यह बिलकुल नहीं है की इसके निर्माण में मशीनरी एवं उपकरणों का बिलकुल भी इस्तेमाल न हो। बल्कि हेंडीक्राफ्ट ज्वेलरी के निर्माण में सहज एवं सरल मशीनरी का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसलिए इस व्यवसाय में इस्तेमाल में लायी जाने वाली कुछ प्रमुख मशीनरी की लिस्ट इस प्रकार से है।

  • ज्वेलरी इलेक्ट्रिक ट्यूब फोर्मिंग मशीन
  • ज्वेलरी वाटर जेट मशीन
  • बेंजल रिंग टर्निंग मशीन
  • विभिन्न प्रकार के प्लायर्स
  • कटर, रूलर, कैंची एवं अन्य उपकरण

Handmade Jewellery बनाने में इस्तेमाल में लायी जाने वाली कच्चे माल की लिस्ट इस प्रकार से है।

  • लकड़ी
  • स्टोन
  • क्लॉथ पीस
  • धागा
  • जॉइनिंग हुक
  • ब्रास, कॉपर इत्यादि धातु
  • पैकिंग सामग्री  

यह समस्त सामग्री सभी प्रसिद्ध बाज़ारों में आसानी से उपलब्ध है इसलिए इस तरह का व्यवसाय शुरू करने के लिए इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल की उपलब्धता लगभग हर जगह व्याप्त है।    

3. शिल्पकारों को काम पर रखना

वैसे तो Handmade Jewellery बनाने का बिजनेस छोटे स्तर पर शुरू करने के लिए किसी प्रकार के लाइसेंस की अनिवार्यता नहीं है। लेकिन इसके बावजूद उद्यमी को स्थानीय स्तर पर इस बारे में अवश्य पता करना चाहिए। यदि उद्यमी स्वयं आभूषणों की शिल्पकारिता में पारंगत है तो वह कुछ हेल्पर को कार्य पर रखते हुए भी इस व्यवसाय को शुरू कर सकता है। लेकिन यदि ऐसा नहीं है तो उसे ज्वेलरी बनाने वाले शिल्पकारों को नियुक्त करना होगा।    

4. हैण्ड मेड ज्वेलरी का निर्माण करना (Start Handmade Jewellery Making)

Handmade Jewellery Making Process को शुरू करने से पहले आवश्यक कच्चा माल स्टोर से निकाल लिया जाता है और उसे क्वालिटी मानकों के आधार पर चेक कर लिया जाता है। उसके बाद ग्राहकों की पसंद या उद्यमी जिस भी आकार, प्रकार एवं डिजाईन में आभूषण तैयार करना चाहता है के लिए डिजाईनिंग की जाती है। उसके बाद उत्पाद को कलर एवं उचित शेप दिया जाता है उसके बाद धागों के माध्यम से ज्वाइन किया जाता है। उत्पाद के सभी भागों को असेम्बल किया जाता है और प्रोडक्ट की फिनिशिंग की जाती है। उसके बाद पैकिंग करके इन्हें बाजार में बेचने के लिए भेज दिया जाता है।

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