फर्नीचर बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें। 5 Steps to Start a Furniture Making Business.

Furniture Making Business पर बात करना इसलिए बेहद जरुरी हो जाता है क्योंकि वर्तमान में यदि कोई व्यक्ति उद्यमी बनने की ओर प्रयासरत रहता है। तो वह सबसे पहले कम निवेश के साथ शुरू किये जाने वाले व्यापारों के बारे में सोचता है ताकि वह कम पैसे खर्च करके इन्हें शुरू कर सके। क्योंकि किसी भी तरह का बिजनेस शुरू करने में उसमें आने वाला खर्चा एक बहुत बड़ा कारण होता है जिसके चलते व्यक्ति उद्यमी बनने की राह पर चलने का निर्णय बदल देता है।

और जहाँ तक फर्नीचर का सवाल है यद्यपि यह अनेकों प्रकार जैसे प्लास्टिक, धातु इत्यादि से निर्मित हो सकता है लेकिन आम तौर पर फर्नीचर का अर्थ लकड़ी से निर्मित फर्नीचर से ही लगाया जाता है। और लकड़ी का फर्नीचर बनाते हुए कारपेंटर हमें लगभग हर गली मोहल्ले में दिखाई दे सकते हैं। इसलिए हम यहाँ पर स्पष्ट कर देना चाहेंगे की इस लेख में हमारा फर्नीचर बनाने के बिजनेस से अभिप्राय सिर्फ लकड़ी से फर्नीचर बनाने के काम से है।

लकड़ी से फर्नीचर बनाने का काम लगभग हर छोटे बड़े स्थानीय बाजार में किया जाता है इसका मुख्य कारण यह है की वर्तमान में मनुष्य की जीवनशैली ऐसी हो गई है। की उसे अपने घर के लिए एक नहीं बल्कि अनेकों प्रकार के फर्नीचर की आवश्यकता समय समय पर पड़ती रहती है। इसलिए वर्तमान में यह व्यवसाय भारत जैसे विशालकाय देश में हजारों लाखों कारपेंटर एवं उद्यमियों की आजीविका का साधन बना हुआ है।

Furniture Making Business in Hindi

फर्नीचर बनाने का व्यापार क्या है? (What is furniture Making Business)

जैसा की हम पहले भी बता चुके हैं की फर्नीचर केवल लकड़ी से ही नहीं बनाये जाते हैं, अपितु विभिन्न प्रकार की धातुओं, प्लास्टिक, शीशे इत्यादि से भी बनाये जाते हैं । इसलिए फर्नीचर को एक ऐसा घरेलु उपकरण के तौर पर परिभाषित किया जा सकता है जिन्हें लकड़ी, धातु, प्लास्टिक, शीशे, संगमरमर इत्यादि से अलग अलग उद्देश्यों की पूर्ति के लिए बनाया जाता है।

इनमें बेड, दराज, कुर्सी, टेबल, डाइनिंग टेबल, कंप्यूटर डेस्क, दरवाजे, खिड़कियाँ इत्यादि प्रमुख फर्नीचर की लिस्ट में शामिल हैं। वैसे देखा जाय तो अभी सर्वाधिक रूप से ऑफिस एवं घरों में लकड़ी से निर्मित फर्नीचर का ही इस्तेमाल होता है। इसलिए हम यहाँ पर लकड़ी से निर्मित Furniture Making Business के बारे में ही वार्तालाप करने का प्रयत्न कर रहे हैं।

फर्नीचर के बिकने की संभावना

फर्नीचर तो हर घर की आवश्यकता होती है और वह भी खास तौर पर विभिन्न तरह की लकड़ी जैसे शाल, शीशम, सागौन, देवदार, चन्दन, अखरोट, आबनूस इत्यादि की लकड़ी से निर्मित फर्नीचर की बाजार में काफी मांग है। यद्यपि धातु एवं प्लास्टिक से निर्मित फर्नीचर की मांग भी औद्योगिक इकाइयों, स्कूल, हॉस्पिटल इत्यादि में भारी मात्रा में होती है। लेकिन धातु एवं प्लास्टिक से फर्नीचर बनाने के लिए मशीनों की आवश्यकता होती है जो काफी महंगी होती हैं ।

यही कारण है की इस तरह का बिजनेस शुरू करने में करोड़ों रूपये का निवेश करने की आवश्यकता हो सकती है। जबकि लकड़ी से फ़र्नीचर बनाने के काम को यदि उद्यमी स्वयं कारपेंटर हो तो कुछ हज़ार रुपयों से भी शुरू किया जा सकता है। जहाँ पहले घरों में मात्र कुछ जरुरी फर्नीचर से ही काम चलाया जाता था और राज मिस्त्री जब घर का निर्माण कर रहे होते थे तो उस घर की फर्नीचर सम्बन्धी आवश्यकता जैसे खिड़की, दरवाजे, रोशनदान इत्यादि वे खुद ही बना दिया करते थे।

लेकिन वर्तमान जीवनशैली में सिर्फ, खिड़की, दरवाजे, रोशनदान ही किसी घर के लिए पर्याप्त फर्नीचर नहीं हैं। बल्कि वर्तमान में डबल बेड, कैबिनेट, डाइनिंग टेबल, कुर्सी, टेबल इत्यादि किसी भी घर में आसानी से देखे जा सकते हैं। यही कारण है की लोग घर बनाने के बाद फर्नीचर का काम अलग से कराते हैं, जिसके लिए वे लाखों रूपये खर्च भी करते हैं। और उनकी यही खर्च करने की आदत इस बिजनेस के लिए कमाई के दरवाजे खोलती है।

घरों में तो फर्नीचर की संख्या एवं इनके इस्तेमाल में काफी इजाफा देखा गया है लेकिन औद्योगिक इकाइयों लगभग सभी प्रकार के छोटे बड़े कार्यालयों में भी काम को आसान एवं बेहतरीन ढंग से निबटाने के लिए वर्किंग स्टेशन का निर्माण किया हुआ होता है। एक ऑफिस इस तरह के कार्य के लिए लाखों करोड़ों रूपये का भुगतान करने के लिए तैयार रहता है। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखकर कहा जा सकता है की वर्तमान समय में फर्नीचर बनाने का व्यवसाय एक लाभकारी बिजनेस हो सकता है।

फर्नीचर बनाने का व्यापार कैसे शुरू करें (How to Start Furniture making business)

वैसे देखा जाय तो इस बिजनेस को कोई भी व्यक्ति जो खर्चा करने में सक्षम हो शुरू कर सकता है क्योंकि यदि उसे फर्नीचर बनाने का काम नहीं भी आता है तब भी वह कारपेंटर इत्यादि को नियुक्त करके इस तरह का व्यापार शुरू कर सकता है। लेकिन सवाल यह उठता है की बिना इस तरह का काम आये हुए एवं बिना किसी अनुभव के उद्यमी इस तरह का बिजनेस चला पाने में कामयाब हो पायेगा।

इसका स्पष्ट सा उत्तर यही है की यदि उद्यमी बिना किसी जानकारी या अनुभव के Furniture Making का यह काम करता है तो यह जोखिमपूर्ण हो सकता है। इसलिए केवल एक कारपेंटर जिसे इस तरह का कार्य करना स्वयं आता हो वह इस बिजनेस को आसानी से मात्र कुछ हज़ार रुपयों में शुरू कर सकता है।

1. फर्नीचर बनाने का काम सीखें (get Training of Furniture Making)

कोई भी व्यक्ति जो खुद का फर्नीचर बनाने का बिजनेस शुरू करने की सोच रहा हो उसे सर्वप्रथम फर्नीचर बनाने का काम सीखना होगा। हालांकि बहुत सारे उद्यमी जिनका सपना इस बिजनेस में बड़ा मुकाम हासिल करने का होता है। उनके द्वारा फर्नीचर डिजाइनिंग एवं मैन्युफैक्चरिंग में डिग्री प्राप्त कर उसके बाद व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त करके भी इस बिजनेस को शुरू किया जा सकता है। लेकिन यदि व्यक्ति यह सब कुछ करने में असमर्थ है तो वह अपने नजदीकी किसी फर्नीचर बनाने वाले व्यक्ति के साथ काम करके Furniture Making का काम सीख सकता है।

और यदि इस तरह का यह बिजनेस शुरू करने वाला व्यक्ति खुद ही एक कारपेंटर है तो फिर वह इस तरह का यह बिजनेस आसानी से शुरू कर सकता है। लेकिन चूँकि यह एक कौशलयुक्त कार्य है इसलिए बिना कौशल प्राप्त किये इस व्यापार को शुरू करना व्यवसायिक दृष्टी से उचित नहीं होगा। हालांकि यदि उद्यमी को मार्केटिंग, बिजनेस मैनेजमेंट इत्यादि का उचित ज्ञान है तो वह कारपेंटरों को नौकरी पर रखकर भी इस तरह का यह बिजनेस शुरू कर सकता है।       

2. काम का अनुभव प्राप्त करें

यदि आप किसी फर्नीचर मेकिंग हाउस या फिर किसी कारपेंटर से सिर्फ प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं यानिकी आप इस तरह के कोर्स के तहत Furniture Making का काम सीख रहे हैं।  तो ध्यान रहे इस तरह के काम को सिर्फ सैद्धांतिक तौर पर ही सीख लेना इसके लिए पर्याप्त नहीं है। बल्कि इस विषय पर पाठयक्रम पूरा कर लेने के बाद उद्यमी को व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए किसी फर्नीचर बनाने वाली कंपनी इत्यादि में नौकरी करने की आवश्यकता हो सकती है।

यह नौकरी करना इसलिए आवश्यक है, ताकि उद्यमी इस बिजनेस में आने वाली चुनौतियों के बारे में तो जान ही पाए साथ में इसका व्यवहारिक ज्ञान भी प्राप्त कर सके। और हमारे हिसाब से व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त करने का नौकरी से अच्छा दूसरा विकल्प शायद ही कोई हो सकता है। क्योंकि नौकरी में यदि व्यक्ति द्वारा अच्छा फर्नीचर नहीं बनता है तो वह डांट खाने का भी पात्र होता है जिसके कारण उसकी फर्नीचर बनाने वाली कला में दिन प्रतिदिन सुधार होता जाता है।      

3. दुकान किराये पर लें (Rent a Shop for furniture Making)

अब जब इच्छुक व्यक्ति द्वारा प्रशिक्षण एवं अनुभव दोनों पप्राप्त कर लिए हों। तो अब उसका अगला कदम एक ऐसी दुकान किराये पर लेने का होना चाहिए जहाँ से वह अपने इस बिजनेस को संचालित कर सके। इस तरह की यह दुकान उद्यमी अपन्बे स्थानीय बाजार में कहीं भी किराये पे ले सकता है। लेकिन ध्यान रहे दुकान किराये पर लेते वक्त उद्यमी को रेंट एग्रीमेंट अवश्य बना लेना चाहिए ताकि उसे पता प्रमाण के तौर पर इस्तेमाल में लाया जा सके।

जहाँ तक दुकान के लिए आवश्यक जगह का सवाल है वह इस बात पर निर्भर करेगा की उद्यमी फर्नीचर ग्राहक के आर्डर से पहले ही बना कर रखकर बेचेगा। या फिर जब ग्राहक का आर्डर आएगा उसके अनुरूप उसे बनाकर उसे बेचेगा। यदि उद्यमी पहले वाला मॉडल अपनाएगा तो उद्यमी को तुलनात्मक तौर पर बड़ी जगह की आवश्यकता हो सकती है। जबकि दुसरे मॉडल में फर्नीचर तैयार होने के बाद सीधे ग्राहक को भेज दिया जायेगा इसलिए कम जगह की आवश्यकता हो सकती है।       

4. टूल एवं उपकरण खरीदें

यद्यपि टूल एवं उपकरणों की लिस्ट भी इस बात पर निर्भर करती है की उद्यमी पने ग्राहकों को कौन कौन सा फर्नीचर बनाकर बेचने वाला है। और इन टूल और उपकरणों को लगभग हर स्थानीय बाजार से आसानी से ख़रीदा जा सकता है इसलिए किसी सप्लायर से कोटेशन इत्यादि मंगाने की आवश्यकता नहीं होती है। इस बिजनेस के लिए उद्यमी को जो टूल एवं उपकरण खरीदने की आवश्यकता होती है उनमें से कुछ प्रमुख टूल एवं उपकरणों की लिस्ट निम्नवत है।

  • वृत्तीय आरा (Circular saw)
  • हाथ आरी, एक राउटर और दो राउटर बिट्स।
  • आरा (Jigsaw)
  • चैन अल आरा
  • पॉवर ड्रिल   
  • छेनी और एक लकड़ी का मैलेट
  • हथौड़ा और कुछ पेचकश
  • सैंडर्स
  • बैंड सॉ
  • डबल साइड प्लानर
  • टिम्बर Sizer
  • रेडियल आर्म सॉ
  • स्पिंडल मोल्डर
  • Tenoner

कच्चे माल की लिस्ट

जैसा की हम सबको विदित है की फर्नीचर बनाने में प्रमुख तौर पर इस्तेमाल में लाया जाने वाला कच्चा माल विभिन्न प्रकार की लकड़ी ही है। और लकड़ी भी ऐसी होनी चाहिए जो मजबूत एवं टिकाऊ हो। कुछ प्रमुख कच्चे माल की लिस्ट इस प्रकार से है।

  • शाल
  • शीशम
  • अखरोट
  • सागौन 
  • महोगनी
  • रोज़वुड
  • आबनूस
  • देवदार
  • स्टील
  • प्लास्टिक
  • शीशा
  • गोंद      

5. काम करें और कमायें

ध्यान रहे इस बिजनेस से कमाने के लिए उद्यमी को ग्राहकों के आर्डर के मुताबिक या फिर ट्रेंड के मुताबिक फर्नीचर बनाने की आवश्यकता होती है। कहने का आशय यह है की उद्यमी या तो ट्रेंड यानिकी जो फर्नीचर बहुत अधिक मांग में हो उसका पहले से ही निर्माण करके ग्राहकों को बेच सकता है या फिर ग्राहकों का आर्डर लेकर फिर उन्हें दो तीन दिन का समय देकर उनकी आवश्यकता के मुताबिक फर्नीचर का निर्माण करके उन्हें बेच सकता है।

Furniture Making Business करने वाले उद्यमी को उस एरिया में स्थित बिल्डर, प्रॉपर्टी डीलर, मकान बनाने का ठेका लेने वाले ठेकेदारों के संपर्क में रहना चाहिए। क्योंकि इन लोगों के माध्यम से उद्यमी को आसानी से बड़ा काम मिल सकता है।  

FAQ (सवाल जवाब)

  1. फर्नीचर बनाने के बिजनेस के लिए क्या कोई लाइसेंस की जरुरत होती है?

    छोटे स्तर पर इस तरह का बिजनेस शुरू करने के लिए टैक्स रजिस्ट्रेशन के अलावा किसी तरह के लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होती। लेकिन लकड़ियों के ट्रांसपोर्ट इत्यादि के लिए फारेस्ट डिपार्टमेंट से लाइसेंस की आवश्यकता हो सकती है।  

  2. फर्नीचर बनाने का काम कैसे सीखें?

    Furniture Making सीखने के लिए आप किसी कारपेंटर के साथ करना शुरू कर सकते हैं।

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