डिटर्जेंट पाउडर बनाने का व्यापार कैसे शुरू करें।Detergent Powder Making.

आज जब आधुनिक समाज लगातार त्वरित, प्रभावी और किफायती सफाई एजेंटो की तलाश कर रहा है ऐसे में Detergent Powder वर्तमान जीवनशैली में बेहद महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं । द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सिंथेटिक डिटर्जेंट की मांग बेहद अधिक बढ़ी और यह एक नियमित उद्योग के तौर पर सामने आया।

इस औद्योगिक क्षेत्र का विकास घनिष्ठ रूप से पेट्रो केमिकल इंडस्ट्री से जुड़ा हुआ है। Detergent Powder जब पानी में घुल जाता है तो वह बेहतर सफाई के गुण प्रदान करता है इसलिए इससे गंदगी, धूल, ग्रीज इत्यादि कपड़ों इत्यादि से आसानी से साफ़ की जा सकती हैं। घरों में कपड़े धोने के इस्तेमाल के अलावा डिटर्जेंट पाउडर का इस्तेमाल व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में भी किया जाता है। जिन औद्योगिक क्षेत्रों में डिटर्जेंट का इस्तेमाल होता है उनमें से कुछ प्रमुख औद्योगिक क्षेत्र इस प्रकार हैं।

  • लांड्री एवं ड्राई क्लीनिंग इंडस्ट्री में.
  • कपड़ा प्रसंस्करण, अनाज मिलिंग, मेटल प्लेटिंग और खाद्य डिब्बाबंदी में
  • डेयरी खाद्य पदार्थ, पेय प्रसंस्करण एवं रेस्टोरेंट में
  • प्लांट मेंटेनेंस और इंडस्ट्रियल हाउस कीपिंग में    

Detergent Powder किफायती एवं प्रभावी होने के कारण इनका इस्तेमाल कपड़े धोने के साबुन की जगह भी किया जाता है। चूँकि साबुन पानी में मौजूद प्राकृतिक चूने और मैग्नीशियम लवण की उपस्थिति से प्रभावित होता है जबकि डिटर्जेंट इनकी उपस्थिति से प्रभावित नहीं होता है। और व्यवहारिक रूप से बिना किसी वेस्टेज के कठोर पानी में भी सफाई के गुणों को बनाये रखता है। इसलिए साबुन की तुलना में डिटर्जेंट पाउडर अधिक किफायती होता है।

इसका इस्तेमाल कपड़ों को धोने के लिए तो किया ही जाता है साथ में वाणज्यिक भवनों, होटल, अस्पतालों, रेलवे कोच, वाहनों, हवाई जहाज, दूध बॉटलिंग संयत्रों की सफाई में भी इसका बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है। टेक्सटाइल इंडस्ट्री यानिकी कपड़ा उद्योग Detergent Powder के सबसे बड़े उपभोक्ताओं में से एक है। कपास, रेयान और सिंथेटिक फाइबर को प्रसंस्करण के दौरान रासायनिक डिटर्जेंट से गीला किया जाता है रंगाई, परिष्करण कार्यों, ऊनी वस्त्र में मुद्रण इत्यादि में इनका इस्तेमाल किया जाता है। और डिटर्जेंट का इस्तेमाल कच्चे माल, धागे एवं बुने हुए कपड़ों के परिमार्जन में भी किया जाता है।

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डिटर्जेंट पाउडर बनाने का बिजनेस क्या है (What is Detergent Powder Business)

Detergent Powder को वाशिंग पाउडर के नाम से भी जाना जाता है यह एक प्रकार का डिटर्जेंट यानिकी एक सफाई एजेंट है जिसका इस्तेमाल कपड़े इत्यादि की सफाई के लिए किया जाता है। इस पाउडर का निर्माण बैच या साबुन बनाने की निरंतर प्रक्रिया को इस्तेमाल में लाकर किया जाता है। साधारणतया डिटर्जेंट का निर्माण एक से अधिक सर्फेक्टेंट, ऑप्टिकल ब्राइटनर्स, शेलेटिंग एजेंट, डिटर्जेंट बिल्डर, फैब्रिक सॉफ्टनर, एंजाइम एवं अन्य एजेंट का इस्तेमाल करके किया जाता है।

चूँकि डिटर्जेंट का इस्तेमाल एक सफाई एजेंट के तौर पर होता है इसलिए भारत जैसे जनाधिक्य वाले देश में इसके लिए बहुत बड़ा बाजार उपलब्ध है। लोगों की इसी आवश्यकता को ध्यान में रखकर जब किसी व्यक्ति द्वारा व्यवसायिक तौर पर Detergent Powder बनाने का काम किया जाता है तो उसके द्वारा किया जाने वाला यह काम ही डिटर्जेंट पाउडर बनाने का बिजनेस कहलाता है।

डिटर्जेंट पाउडर की बिक्री संभाव्यता

भारत के डिटर्जेंट इंडिया आउटलुक 2021 के अनुसार पिछले पांच वर्षों से डिटर्जेंट का समग्र बाजार 13.06 % CAGR के साथ बढ़ रहा है। और जहाँ तक डिटर्जेंट के प्रकारों की बात है यह बाजार में मुख्य रूप से तीन स्वरूपों Detergent Powder , Bar Detergent  और लिक्विड डिटर्जेंट के तौर पर बिकता है। लेकिन इन सबमें भारतीय बाज़ारों में डिटर्जेंट पाउडर सबसे अधिक बिकने वाला एवं ग्राहकों द्वारा ख़रीदे जाना वाला डिटर्जेंट है।

हालांकि इसमें कोई दो राय नहीं की भारत में डिटर्जेंट इंडस्ट्री पर संगठित खिलाडियों का कब्ज़ा है लेकिन इन सबके बावजूद ग्रामीण इलाकों में असंगठित खिलाडियों की पकड़ मजबूत है। इस क्षेत्र में संगठित खिलाडियों की बात करें तो इनमें हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड, रोहित सर्फैक्टेंट्स, पीएंडजी, निरमा और ज्योति लेबोरेटरीज इत्यादि प्रमुख हैं। जिनके प्रमुख उत्पादों में घड़ी, सर्फ एक्सेल, एक्टिव व्हील, रिन, टाइड, मिस्टर वाइट, एरिएल, निरमा इत्यादि लोकप्रिय ब्रांड शामिल हैं।

संगठित डिटर्जेंट मार्किट को मूल्य निर्धारण के आधार पर तीन श्रेणियों सस्ते, मध्यम एवं प्रीमियम में विभाजित किया जा सकता है। सस्ते एवं लोकप्रिय श्रेणी में घड़ी, व्हील एवं निरमा जैसे ब्रांड शामिल हैं और मिड रेंज में टाइड, ऋण और मिस्टर वाइट शामिल हैं तो वहीँ प्रीमियम रेंज में सर्फ एक्सेल, एरिएल, हेंको इत्यादि शामिल हैं। टेक्सटाइल इंडस्ट्री में Detergent Powder के इस्तेमाल से हम वाकिफ हो चुके हैं लेकिन पेपर इंडस्ट्री में भी डिटर्जेंट का इस्तेमाल गीले एजेंट के तौर पर किया जाता है ताकि लुगदी बनाने वाली प्रक्रिया को आसान बनाया जा सके।

डिटर्जेंट का इस्तेमाल रंगों को कम करने इलेक्ट्रोप्लेटिंग और गैल्वनाइजिंग प्रक्रिया को दुरुस्त करने, अयस्कों को गीला करने एवं खनिज निष्कर्षण प्रक्रिया में भी किया जाता है। रबर उद्योग एवं चमड़ा उद्योग में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है इसके अलावा विभिन्न उद्योगों में इस्तेमाल में लाये जाने वाले कंटेनर, डिब्बों, टंकियों इत्यादि की सफाई के लिए भी डिटर्जेंट पाउडर का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता है।

डिटर्जेंट पाउडर बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें (How to Start Detergent Powder Making Business)

जैसा की हम पहले भी बता चुके हैं की डिटर्जेंट उद्योग संगठित कम्पनियों के कब्जे में है लेकिन स्थानीय स्तर या ग्रामीण इलाकों में आज भी स्थानीय विनिर्माणकर्ताओं का दबदबा है। इसलिए यदि उद्यमी Detergent Powder Making Business शुरू करना चाहता है तो उसे एक बात तो स्पष्ट तौर पर समझनी होगी की इसमें बहुत अधिक प्रतिस्पर्धा व्याप्त है। चूँकि डिटर्जेंट का इस्तेमाल सिर्फ घरों में कपड़े या अन्य वस्तुओं की सफाई के लिए नहीं किया जाता है ।

बल्कि अनेकों औद्योगिक क्षेत्रों में भी इसका बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होता हुआ देखा गया है। इसलिए उद्यमी को सिर्फ घरेलू ग्राहकों को ही नहीं अपितु व्यवसायिक ग्राहकों को भी ध्यान में रखने की आवश्यकता होती है। तो आइये जानते हैं की कैसे कोई इच्छुक व्यक्ति स्वयं का डिटर्जेंट पाउडर बनाने की इकाई स्थापित कर सकता है।

1. स्थानीय स्तर पर रिसर्च जरुरी

Detergent Powder Making Business शुरू करने वाले उद्यमी को सर्वप्रथम लोकल स्तर पर विभिन्न बातों पर रिसर्च करना अति आवश्यक है। जैसा की हम सब जानते हैं की डिटर्जेंट पाउडर का इस्तेमाल लगभग हर घर में होता है और घरों के अलावा व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में भी विभिन्न कार्यों को निष्पादित करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। और जैसा की हम सब जानते हैं यह उद्योग संगठित क्षेत्रों के कब्जे में है इसलिए उद्यमी के लिए अपने नए उत्पाद को बेचना किसी चुनौती से कम नहीं है।

लेकिन यदि उद्यमी स्थानीय स्तर पर लोगों की सफाई से सम्बंधित आदतों, उनकी डिस्पोजेबल इनकम, डिटर्जेंट पाउडर से उनकी अपेक्षा इत्यादि के बारे में पता कर सके तो वह अपने व्यवसाय को कम से कम उस एरिया विशेष में तो सफलतापूर्वक चलाने में कामयाब हो सकता है। उद्यमी को पता करना चाहिए की उस एरिया में निवासित लोगों द्वारा डिटर्जेंट पाउडर खरीदते समय किन किन बातों पर ध्यान दिया जाता है।

क्या वे Detergent Powder की गुणवत्ता पर ध्यान देते हैं? ब्रांड पर ध्यान देते हैं? कीमत पर ध्यान देते हैं? या फिर किसी अन्य बात पर ध्यान देते हैं। जब उद्यमी इस बात का पता लगाने में सक्षम होगा तभी वह ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए योजनायें भी बना पायेगा।       

2. जगह का प्रबंध (Land & Building for Detergent Powder making):

उद्यमी छोटे स्तर पर इस तरह की यह इकाई उस एरिया के स्थानीय बाजार के दस बीस किलोमीटर के रेडियस में जहाँ पर बिजली, पानी, सड़क इत्यादि की अच्छी सुविधा हो कहीं पर भी स्थापित कर सकता है।

वह इसलिए क्योंकि उद्यमी को भीड़ भाड़ वाली जगह पर इस तरह की इकाई स्थापित करने की आवश्यकता नहीं होती है, बल्कि वह अपने उत्पाद का निर्माण करके आसानी से इसे स्थानीय बाजार में भेज सकता है। यदि उद्यमी जगह या बिल्डिंग किराये पर ले रहा हो तो उसे इसका रेंट एग्रीमेंट इत्यादि अवश्य बनवा लेना चाहिए क्योंकि यह व्यवसाय के पता प्रमाण के तौर पर इस्तेमाल में लाया जा सकता है।    

3. जरुरी लाइसेंस एवं पंजीकरण

Detergent Powder Manufacturing Business करने वाले उद्यमी को सबसे पहले अपने व्यवसाय को एक वैधानिक स्वरूप प्रदान करने की आवश्यकता होती है। इसके लिए उद्यमी रजिस्ट्रार ऑफ़ कम्पनीज में अपने व्यवसाय को प्रोप्राइटरशिप, वन पर्सन कंपनी, पार्टनरशिप, प्राइवेट लिमिटेड कंपनी इत्यादि में से किसी भी एंटिटी का चुनाव करके रजिस्टर कर सकता है।

इसके अलावा टैक्स रजिस्ट्रेशन, लोकल अथॉरिटी जैसे नगर निगम इत्यादि से ट्रेड लाइसेंस, फैक्ट्री लाइसेंस की भी आवश्यकता हो सकती है। उद्यमी को राज्य के प्रदूषण विभाग से नों ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट की भी आवश्यकता हो सकती है।  इसके अलावा BIS Certification, उद्योग आधार रजिस्ट्रेशन, ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन इत्यादि भी आवश्यक हो सकते हैं।

4. मशीनरी एवं उपकरणों की खरीदारी

यद्यपि डिटर्जेंट बनाने वाली मशीनों की यदि हम बात करें तो इनमें वे सिस्टम एवं उपकरण शामिल होते हैं जिनकी मदद से पाउडर, लिक्विड, जैल स्वरूप में डिटर्जेंट बनाया जा सके। लेकिन यहाँ पर हम सिर्फ Detergent Powder बनाने की बात कर रहे हैं। इसलिए हम इसी प्रक्रिया के इस्तेमाल में लायी जाने वाली मशीनरी एवं उपकरणों की बात करेंगे। वैसे देखा जाय तो पहले से टेक्नोलॉजी में काफी परिवर्तन हो गया है और इसी के साथ डिटर्जेंट विनिर्माण की तकनीक भी काफी बदल गई है।

वैसे डिटर्जेंट बनाने में इस्तेमाल में लायी जाने वाली मशीनों की यदि हम बात करें तो इन्हें साबुन निर्माण में प्रयोग में लायी  जाने वाली विभिन्न प्रक्रियाओं को ध्यान में रखकर बनाया गया है। और इनकी विशेषताओं में संचालित करने में आसान, मजबूत डिजाईन, इनका टिकाऊपन, बिजली की कम खपत इत्यादि शामिल हैं। Detergent Powder Manufacturing में इस्तेमाल में लायी जाने वाली कुछ प्रमुख मशीन एवं उपकरणों की लिस्ट इस प्रकार से है।

  • हैण्ड ऑपरेटेड मिक्सर/ ब्लेंडर
  • स्टेनलेस स्टील से निर्मित ट्रे एवं बर्तन
  • ग्राइंडिंग मशीन
  • भार मापने की मशीन
  • ग्लव्स एवं बैग सिलने की मशीन
  • फर्नीचर, प्रिंटर, कंप्यूटर इत्यादि   

 जहाँ तक मशीनरी एवं उपकरणों को खरीदने का सवाल है उद्यमी चाहे तो इन्हें लोकल सप्लायर से खरीद सकता है । या फिर सबसे पहले कुछ सप्लायर से कोटेशन मंगाकर इनका तुलनात्मक विश्लेषण करने के पश्चात सप्लायर का चुनाव कर सकता है।

आम तौर पर Detergent Powder मशीनरी सप्लायर इसके लिए कच्चा माल भी प्रदान करने में सहायता करते हैं इसलिए उद्यमी को कच्चे माल के बारे में भी सप्लायर से अवश्य बात करनी चाहिए। और यदि उद्यमी को दोनों चीजें एक ही सप्लायर से खरीदने में कुछ सस्ती पड़ती हों तो उसे कच्चा माल भी इसी सप्लायर से खरीदने की कोशिश करनी चाहिए।  

5. कच्चा माल एवं कर्मचरियों की नियुक्ति

Detergent Powder Manufacturing में प्रमुख रूप से कच्चे माल के तौर पर सोडा ऐश, कार्बोक्षी मिथाइल क्लोराइड, सोडियम perborate, लेदर फोर्मिंग केमिकल, रंग एवं परफ्यूम का इस्तेमाल किया जाता है। इस प्रक्रिया में इनके उपयोग निम्नलिखित हैं।

सोडा ऐश (सोडियम कार्बोनेट)

सोडा ऐश का काम एसिड ब्लेयर को दबाना एवं धोने की प्रक्रिया को क्षारीय बनाने का होता है इसके अलावा सोडा ऐश को गंदगी को दूर करने वाला सस्ता नमक भी कहा जा सकता है।

कार्बोक्षी मिथाइल क्लोराइड (सेल्यूलोज)

सेल्यूलोज कपड़े की सतह पर गंदगी को जमने से रोकता है और विशेषकर यह सूती कपड़ों के लिए उपयोगी होता है।

सोडियम पेर्बोरेट

Detergent Powder बनाने में इसका इस्तेमाल इसलिए किया जाता है क्योंकि यह एक आदर्श ब्लीच के तौर पर कार्य करता है और कपड़ों के रंगों को बरक़रार रखने में मदद करता है। इसके अलावा इसका काम गंदगी के कणों को तोड़ने का भी होता है।

परफ्यूम

जहाँ तक परफ्यूम या इत्र के इस्तेमाल की बात है इसका इस्तेमाल इसलिए किया जाता है ताकि डिटर्जेंट के तीव्र गंध को कम किया जा सके और डिटर्जेंट से आकर्षक खुशबु आ सके। पी मेथोक्सी, पी मिथाइल, डि-ऑक्साइड, कस्तूरी केटोन इत्यादि डिटर्जेंट में इस्तेमाल में लाये जाने वाले कुछ प्रमुख इत्र हैं।

इन सबके अलावा रंग के तौर पर कॉपर फथलोसाइनिन का इस्तेमाल किया जाता है और लेदर प्रोड्यूसिंग केमिकल का इस्तेमाल क्लीनिंग क्षमता बढाने एवं झाग बनाने के लिए किया जाता है।      

 6. डिटर्जेंट पाउडर का निर्माण शुरू करना (Start Detergent Powder Manufacturing)  

जहाँ तक Detergent Powder Manufacturing Process  का सवाल है विभिन्न विनिर्माण कम्पनियों द्वारा भिन्न भिन्न निर्माण प्रक्रिया अपनाई जाती है । उद्यमी अपने टारगेट ग्राहकों की पसंद नापसंद, खर्च करने की क्षमता इत्यादि के आधार पर स्वयं का विनिर्माण फार्मूला विकसित कर सकता है। यद्यपि यहाँ पर हम एक आम फार्मूला के बारे में जान्लारी प्रस्तुत कर रहे हैं।

सामग्रीप्रीमियम ग्रेड (%)पोपुलर ग्रेड(%)
85% एक्टिव लैब एसिड स्लरी1815
सोडियम कार्बोनेट (सोडा ऐश)3532
सोडियम मेटासिलिकेट20
एल्कलाइन सोडियम सिलिकेट07
सोडियम बाईकार्बोनेट1010
सोडियम सलफेट2025
सोडियम ट्रिपोलीफास्पेट107
सोडियम कार्बोक्सी मिथाइल (सेल्यूलोज)1.51
कलर0.10.1
ऑप्टिकल व्हाइटनर0.30.2
परफ्यूम0.10.1

यद्यपि Detergent Powder का निर्माण तीन तरीकों में से किसी भी एक तरीके को अपनाकर किया जा सकता है लेकिन आज के समय में केवल दो ही तरीकों का इस्तेमाल अधिक किया जाता है। छोटी कम्पनियों द्वारा ब्लेंडर प्रोसेस को अपनाया जाता है, इसमें डिटर्जेंट को पैकिंग करने से पहले एक बड़े से बर्तन में मिलाया जाता है। डिटर्जेंट पाउडर बनाने का दूसरा प्रोसेस एग्लोमरेशन प्रोसेस है अर्थात इस प्रक्रिया को ब्लेंडर प्रोसेस के बाद सबसे अधिक इस्तेमाल में लाया जाता है।

चूँकि यह प्रक्रिया लागातार जारी रहने वाली प्रक्रिया है इसलिए बड़े विनिर्माणकर्ताओं की यह पहली पसंद है। तीसरी विधि में सामग्री को गर्म हवा में सुखाने से पहले पानी में मिक्स किया जाता है हालांकि इस प्रक्रिया से जो उत्पाद उत्पादित होता है, वह होता तो उच्च गुणवत्ता का है। लेकिन ईधन में लागत अधिक लगने, वेंटिंग से जुड़े इंजीनियरिंग समस्याओं, दुबारा हीटिंग एवं हवा के दुबारा इस्तेमाल के चलते इस प्रक्रिया में Detergent Powder बनाने की लागत बहुत अधिक आ जाती है। जिसके कारण यह पद्यति चलन से पूरी तरह से बाहर हो गई है।

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