दलिया बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें? Daliya Manufacturing Business In Hindi.

Daliya Manufacturing यानिकी दलिया बनाने के व्यवसाय के बारे में बात करना इसलिए जरुरी हो जाता है, क्योंकि दलिया नामक इस खाद्य पदार्थ से शायद सभी लोग अच्छी तरह से अवगत होंगे। वह इसलिए क्योंकि यह एक बेहद आम खाद्य पदार्थ है जिसे लोग नाश्ते या फिर हल्के पाचक खाद्य पदार्थ के रूप में खाना बेहद पसंद करते हैं । भारत सरकर द्वारा आँगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से भी दलिया इत्यादि खाद्य पदार्थ बांटे जाते थे, ताकि बच्चों में प्रोटीन, कार्बोहायड्रेट और कैलोरी की कोई कमी न हो।

घरों में दलिया का इस्तेमाल नाश्ते में बड़े पैमाने पर किया जाता है यद्यपि अलग अलग राज्यों के खानपान के आधार पर इसे बनाने के तरीके अलग अलग हैं। कई लोग इसे दूध के साथ पकाकर इसमें चीनी रखकर इसे मीठे व्यंजन के तौर पर खाना पसंद करते हैं, तो वहीँ कई लोग इसे नमकीन बनाकर भी खाना पसंद करते हैं।

इसके अलावा राज्य एवं केंद्र सरकारें भी विभिन्न कार्यक्रमों एवं योजनाओं के तहत लोगों को दलिया बांटती है। इसलिए ऐसा व्यक्ति जो खुद का व्यवसाय शुरू करने की योजना बना रहा हो वह चाहे तो Daliya Manufacturing Business के बारे में भी विचार कर सकता है।

Daliya Manufacturing Business in Hindi

दलिया बनाने का बिजनेस क्या है (What is Daliya Manufacturing Business):

दलिया बनाने के बिजनेस यानिकी Daliya Manufacturing की यदि हम बात करें तो इसे गेहूं से बनाया जाता है। यानिकी दलिया निर्माण करने में कच्चे माल के तौर पर मुख्य रूप से गेहूं का इस्तेमाल किया जाता है। और गेहूं की यदि हम बात करें तो यह कैलोरी पाने का सबसे सस्ते स्रोतों में से एक है। और यह मनुष्य शरीर के लिए आवश्यक कार्बोहायड्रेट एवं प्रोटीन की आवश्यकता की पूर्ति भी करता है।

दलिया का इस्तेमाल अनेकों तरह के पोषक व्यंजन एवं ब्रेकफास्ट के तौर पर बड़े पैमाने पर किया जाता है। कहने का आशय यह है की दलिया की मांग को ध्यान में रखते हुए जब किसी उद्यमी द्वारा दलिया निर्माण का काम व्यवसायिक तौर पर अपने कमाई करने के वशीभूत होकर किया जाता है। तो उसके द्वारा किया जाने वाला यह काम Daliya Manufacturing Business कहलाता है।

दलिया के बिकने की संभावना

भारत में ऐसे खाद्य पदार्थों की मांग हमेशा से बढती हुई देखी गई है जो खाद्य पदार्थ आसानी से एवं जल्दी बनाये जा सकें और पाचन में भी ये आसान हों। दलिया भी आसानी एवं जल्दी से पकाए जाने वाला खाद्य पदार्थ है जो पाचन में भी अधिक समय नहीं लगाता है। शायद यही कारण है की जब भी लोगों को डॉक्टर या किसी के द्वारा हल्का पाचनयुक्त खाना खाने के लिए बोला जाता है तो उनका ध्यान दलिया की तरफ भी अवश्य जाता है।

जैसा की हमने बताया इसे मीठा या नमकीन किसी भी स्वाद में बनाया जा सकता है इसलिए ऐसे लोग जिन्हें मीठा पसंद है वे भी इसे खाते हैं और जिन्हें नमकीन पसंद है वे भी इसे खाते हैं। दलिया बनाने के लिए सबसे पहले इसे गरम पानी में भिगोया जाता है और जब ये नरम हो जाता है तो इसे चूल्हे में रखकर इसमें दूध, पानी, नमक या चीनी इत्यादि स्वादनुसार डाला जाता है।

Daliya Manufacturing Business करने वाले उद्यमी के संभावित ग्राहकों में वे लोग भी शामिल रहते हैं, जो खुद का मोटापा घटाकर फिट रहना चाहते हैं। क्योंकि यह कम कैलोरी, अधिक फाइबर, एंटी ओक्सिडेंट और वजन कम करने वाला खाद्य पदार्थ है। यही कारण है की दलिया के बिक्री होने की पर्याप्त संभावनाएं व्याप्त हैं।

दलिया बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें? (How to Start Daliya Manufacturing Business)

वैसे देखा जाय तो भारत में Daliya Manufacturing Business शुरू करना काफी आसान है वह इसलिए क्योंकि भारत एक कृषि प्रधान देश है और दलिया बनाने के लिए उपलब्ध जैसे गेहूं, मक्का, मूंगफली, मैली इत्यादि यहाँ हर जगह आसानी से मिल जाती है।

इसके अलावा ग्रामीण इलाकों में सस्ते श्रमिक भी आसानी से मिल जाते हैं यहं तक की उद्यमी चाहे तो महिलाओं को अपनी फैक्ट्री में कार्यरत कर सकता है। और इस व्यवसाय में इस्तेमाल में लायी जाने वाली मशीन भी कुछ हज़ार रुपयों में आसानी से खरीदी जा सकती है। तो आइये जानते हैं की कैसे कोई व्यक्ति खुद का दलिया निर्माण का यह व्यवसाय शुरू कर सकता है।

1. आवश्यक जगह का प्रबंध करें

यद्यपि उद्यमी के Daliya Manufacturing Business के लिए कितनी जगह उपयुक्त रहेगी यह इस बात पर निर्भर करेगा की उद्यमी की योजना किस आकार की फैक्ट्री खोलने का है। कहने का आशय यह है की यदि उद्यमी कम उत्पादन क्षमता का प्लांट स्थापित करेगा तो उसे कम ही जगह की आवश्यकता होगी। और यदि उद्यमी अधिक उत्पादन क्षमता का प्लांट स्थापित करेगा, तो उसे अधिक जगह की आवश्यकता होगी वैसे एक औसत उत्पादन क्षमता प्लांट के लिए 300-400 Square Feet जगह उपयुक्त रहेगी।

उद्यमी चाहे तो बनी बनाई बिल्डिंग किराये या लीज पर ले सकता है और या फिर खुद की जमीन में निर्माण कार्य भी शुरू करा सकता है। यदि उद्यमी किराये या लीज पर जमीन या बिल्डिंग ले रहा हो तो उसे सभी औपचारिकतायें जैसे लीज एग्रीमेंट इत्यादि अवश्य पूरे करने चाहिए। इसके अलावा उद्यमी को कमर्शियल बिजली कनेक्शन, पानी कनेक्शन इत्यादि की भी आवश्यकता हो सकती है।

और चूँकि इस व्यवसाय में उद्यमी को किसी प्रकार के केमिकल के इस्तेमाल की आवश्यकता नहीं होती है इसलिए पोल्यूशन कण्ट्रोल से लाइसेंस इत्यादि की भी आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन बिल्डिंग भवन निर्माण में स्थानीय प्राधिकरण जैसे नगर पालिका, नगर निगम इत्यादि से अप्रूवल इत्यादि की आवश्यकता हो सकती है।        

2. जरुरी लाइसेंस एवं पंजीकरण कराएँ (License for Daliya Manufacturing Business):

वैसे उद्यमी चाहे तो अपने व्यवसाय को प्रोप्राइटरशिप के तहत रजिस्टर कराकर भी यह व्यवसाय शुरू कर सकता है, क्योंकि इसमें उद्यमी को बहुत अधिक औपचारिकतायें पूर्ण करने की आवश्यकता नहीं होती। और इस रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को पूर्ण रूप से ऑनलाइन भी संपन्न किया जा सकता है इसके अलावा उद्यमी को फैक्ट्री अधिनियम के तहत भी अपने व्यवसाय को रजिस्टर करने की आवश्यकता होगी।

स्थानीय प्राधिकरण से ट्रेड लाइसेंस लेने की आवश्यकता के अलावा टैक्स रजिस्ट्रेशन कराने की भी आवश्यकता होगी। Daliya Manufacturing Business खाद्य से जुड़ा हुआ बिजनेस है इसलिए इसके लिए फ़ूड लाइसेंस लेने की भी आवश्यकता होगी। यदि उद्यमी चाहता है की उसके उत्पाद को सरकारी एजेंसी भी खरीदें और उसकी इकाई को एमएसएमई योजनाओं का लाभ मिले तो उसे उद्योग आधार रजिस्ट्रेशन, एमएसएमई डाटा बैंक रजिस्ट्रेशन इत्यादि भी पूर्ण करने होंगे।     

3. मशीनरी एवं कच्चा माल खरीदें

जहाँ तक मशीनरी एवं उपकरणों का सवाल है इनकी कीमत इनकी उत्पादन क्षमता के मुताबिक भिन्न भिन्न हो सकती है। जिस मशीनरी की उत्पादन क्षमता जितनी अधिक होगी उसकी कीमत भी उतनी ही अधिक होगी इसलिए इस व्यवसाय में इस्तेमाल में लायी जाने वाली मशीनरी की कीमत 30 हज़ार रूपये से 2.5 लाख रूपये तक कुछ भी हो सकती है। Daliya Manufacturing में प्रयुक्त होने वाली कुछ प्रमुख मशीनरी एवं उपकरणों की लिस्ट निम्नवत है।

  • दलिया बनाने वाली मशीन पल्वराइजर एवं क्रशिंग चैम्बर के साथ
  • छानने वाली मशीन
  • मिड स्टील फैब्रिकेटेड फाउंडेशन प्लेट
  • विभिन्न फ्राइंग पैन
  • पैकिंग मशीन
  • सर्किट ब्रेकर एवं फिटिंग सामग्री

Daliya Manufacturing Business के लिए जहाँ तक कच्चे माल का सवाल है गेहूं दलिया उत्पादन के लिए मुख्य घटक है। लेकिन उद्यमी चाहे तो दलिया में पोषण को बढाने के लिए मूल्य वर्धन के तौर पर मिक्स ग्रेन, मक्का, माल्ट ज्वार हरी मटर, मूंगफली इत्यादि का इस्तेमाल भी कर सकता है। ध्यान रहे दलिया की कीमत भी उसमें इस्तेमाल किये गए कच्चे माल के आधार पर परिवर्तित होगी।

मशीनरी खरीदने के लिए उद्यमी चाहे तो ऑनलाइन वेबसाइट के माध्यम से सप्लायर से संपर्क कर सकता है या फिर किसी स्थानीय सप्लायर से संपर्क करके भी यह काम किया जा सकता है। जहाँ तक कच्चे माल का सवाल है यदि उद्यमी के नजदीकी एरिया में किसानों द्वारा कृषि की जाती हो तो उद्यमी सीधे किसानों से भी कच्चा माल खरीद सकता है।      

4. सस्ते श्रमिक नियुक्त करें (Appoint Manpower for Daliya Manufacturing):

यदि उद्यमी ने अपनी Daliya Manufacturing Unit किसी ग्रामीण क्षेत्र में स्थापित की हो तो उसे वहां कच्चा माल तो उचित दरों पर मिलेगा ही साथ में उसे श्रमिक भी सस्ती दरों पर मिलने की पूरी संभावना है। और चूँकि वह इकाई उस ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार पैदा करेगी इसलिए उस परियोजना को सरकार से भी पूरी मदद मिलने की संभावना जताई जा सकती है।

जहाँ तक संभव हो उद्यमी चाहे तो ग्रामीण गृहणियों को भी रोजगार के अवसर प्रदान करके उनमें एक नए आत्मविश्वास का विगुल फूंक सकता है। आम तौर पर ग्रहिणीयां कम वेतन में भी अपने गृह क्षेत्र में काम करने के लिए राजी हो जाती हैं, जिससे उद्यमी श्रमिकों पर होने वाले खर्च को कम कर पाने में सफल हो पायेगा ।  

5. दलिया निर्माण शुरू करें (Start Daliya Manufacturing Process):

अब यदि Daliya Manufacturing Business शुरू कर रहे उद्यमी ने सभी प्रक्रियाएं पूर्ण कर ली हों, तो अब उसे दलिया का निर्माण कार्य शुरू कर देना चाहिए। इस प्रक्रिया में सबसे पहले कच्चे माल यानिकी गेहूं को अच्छी तरह से साफ़ कर लिया जाता है उसके बाद इन्हें नरम करने के लिए पानी में 5 से 6 घंटों के लिए भिगोया जाता है। अंकुरण के बाद इन्हें सूर्य की रोशनी में सुखाया जाता है।

उसके बाद सूखे हुए इन गेहूं को दलिया बनाने वाली मशीन में डाल दिया जाता है इस मशीन में गेहूं को दरदरा सा काट दिया जाता है जब दलिया का साइज़ अच्छे ढंग से बन जाता है। उसके बाद ग्राइंडिंग चैम्बर के नीचे लगे स्क्रीन यानिकी छानने वाली मशीन के माध्यम से इसे पास कराया जाता है। यह स्क्रीन मोटे पदार्थ को आगे नहीं गुजरने देता है और केवल दलिया ही इससे होकर गुजरता है। दलिया निर्माण के बाद इसे पैकिंग मशीन की मदद से पैकिंग करके बाजार में बिक्री के लिए उतार दिया जाता है।

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