ब्लड बैंक बिजनेस कैसे शुरू करें? How to Start a Blood Bank Business in India.

जनसंख्या की दृष्टी से भारत एक विशालकाय देश है इसलिए यहाँ लगभग हर भौगौलिक क्षेत्र में Blood Bank की नितांत आवश्यकता है। क्योंकि इतने बड़े जनाधिक्य वाले देश में प्रतिदिन हजारों हज़ार लोगों को किसी न किसी कारणवश ब्लड अर्थात रक्त की आवश्यकता पड़ती रहती है। यही कारण है की आज लगभग हर बड़े हॉस्पिटल का अपना ब्लड बैंक होता है।

लेकिन इसके बावजूद रक्त की मांग पूर्ति से हमेशा अधिक होती है यही कारण है की सिर्फ हॉस्पिटल इत्यादि में ही नहीं अपितु अलग से भी लोग Blood Bank Business कर रहे होते हैं। जैसा की हम सब अच्छी तरह से जानते हैं की इस ब्रहमांड में पैदा हुए प्रत्येक जीवधारी के लिए रक्त यानिकी खून जीवन प्रदान करने वाला तरल है । और जहाँ तक मनुष्य की बात है मानव ह्रदय प्रत्येक चौबीस घंटे में ह्रदय रक्त वाहिकाओं के माध्यम से 36000 लीटर रक्त को पंप करता है।

कहने का आशय सिर्फ इतना है की मनुष्य जीवन के लिए रक्त बेहद महत्वपूर्ण है और इसके बिना जीवन की कल्पना तक नहीं की जा सकती है। वैसे देखा जाय तो भारत में स्वास्थ्य उद्योग बड़ी तेजी के साथ फल फूल रहा है लेकिन आज भी दूषित रक्त की अनियंत्रित बिक्री एवं खरीद के कारण अनेकों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है।

भारत में देखें तो यहाँ पर रुधिर आधान की विकेंद्रीकृत प्रणाली विद्यमान है क्योंकि अलग अलग राज्य में इसके लिए अलग अलग मानक एवं नियम निर्धारित हैं। यही कारण है की जो भी व्यक्ति खुद का Blood Bank शुरू करना चाहता है उसे पहले राज्य के नियमों एवं मानकों के बारे में अच्छी तरह से जानकारी होना नितांत आवश्यक है।

वैसे देखा जाय तो रुधिर प्रदान करने वाला यह व्यवसाय मानवता एवं इंसानियत से जुड़ा हुआ है इसलिए अक्सर लोग इसे बिजनेस कहने से भी कतराते हैं । लेकिन सच्चाई यह है की इस तरह का व्यापार करके अनेकों उद्यमी अच्छी खासी कमाई भी कर रहे हैं। इसलिए आज हम हमारे इस लेख के माध्यम से कोई व्यक्ति खुद का Blood Bank कैसे शुरू कर सकता है के बारे में जानकारी देने का प्रयत्न कर रहे हैं।

Blood bank kaise shuru kare

ब्लड बैंक किसे कहते हैं (What is a Blood Bank)

एक Blood Bank ऐसा स्थान, संगठन, संस्थान, इकाई या अन्य कोई व्यवस्था है जहाँ से रक्त का संग्रह भण्डारण, प्रसंस्करण, वितरण इत्यादि प्रक्रियाओं को अंजाम दिया जाता है। यहाँ पर रुधिर दानकर्ताओं द्वारा रुधिर दान भी किया जा सकता है और इस रुधिर को यह संस्थान उचित मानकों का अनुसरण करते हुए संग्रह, भण्डारण, प्रसंस्करण एवं वितरण का कार्य करते हैं।  

एक ब्लड बैंक में एफेरेसिस की प्रक्रिया को भी अंजाम दिया जाता है यह एक ऐसी प्रक्रिया है।  जिसके द्वारा किसी डोनर के रक्त से प्लाज्मा, प्लेटलेट्स या ल्यूकोसाइट्स को अलग किया जाता है और उसके बाद उसी डोनर में बचे हुए ब्लड को दुबारा चढ़ा दिया जाता है।

चूँकि यह मनुष्य के स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ बिजनेस है इसलिए एक Blood Bank शुरू करने के लिए लाइसेंस की आवश्यकता होती है। और बिना लाइसेंस के इस तरह का व्यापार करना ड्रग्स एवं कॉस्मेटिक अधिनियम के तहत एक क़ानूनी अपराध है।

ब्लड बैंक की आवश्यकता

एक आंकड़े के मुताबिक भारत दुनिया में सबसे अधिक रक्त की कमी से जूझने वाला देश है यहाँ हजारों हज़ार लोग रक्त न मिलने के कारण अपनी जिन्दगी से हाथ धो बैठते हैं। हालांकि वर्तमान में सार्वजनिक क्षेत्र में, रेड क्रोस सोसाइटी के, एनजीओ एवं प्राइवेट सेक्टर सभी Blood Bank स्थापित करने एवं इन्हें संचालित करने में अपनी अपनी भूमिका निभा रहे हैं।

भारत में अनेकों लोगों को सर्जरी, बीमारी, चोट, दुर्घटना के कारण रक्त की आवश्यकता होती है क्योंकि उनका शरीर रक्त का निर्माण कर पाने में असमर्थ हो जाता है। इसके अलावा ऐसे मरीज जो एनीमिया, सिकल सेल रोग, हेमोफिलिया या कैंसर जैसे रक्तस्रावों के विकारों से ग्रसित हों उन्हें रुधिर आधान की आवश्यकता पड़ती रहती है। और एक आंकड़े के मुताबिक एक कैंसर रोगी को कम से कम सौ यूनिट रक्त की आवश्यकता हो सकती है।

और चूँकि अक्सर लोग अपनों का ईलाज कराने के लिए अपना घर शहर छोड़कर किसी दुसरे शहर में भी जाते हैं जहाँ वे किसी को भी जानते नहीं है। यही कारण है की जब उनके अपने को रक्त की आवश्यकता पड़ती है तो वे किसी डोनर का प्रबंध नहीं कर पाते हैं और उनका रुख Blood Bank की तरफ होता है। चूँकि भारत में गर्भावस्था जनित विकारों एवं जटिलताएँ अधिक होती हैं इसलिए भारत में रुधिर की माँग अधिक होने का एक कारण इसे भी माना जा सकता है।

एक आंकड़े के मुताबिक देश में प्रतिवर्ष लगभग 60 मिलियन सर्जरी ऐसी की जाती हैं जिनमें रक्त आधान की आवश्यकता होती है। और देश में प्रतिदिन 1200 से अधिक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं। प्रति वर्ष 200 मिलियन ऑपरेशन, 331 मिलियन कैंसर के उपचार सम्बंधित प्रक्रियाएं, 10 मिलियन गर्भावस्था से जुड़ी जटिलताएं ऐसी हैं जिनमें रुधिर चढ़ाने की आवश्यकता हो सकती है। इसलिए रुधिर की इस मांग की पूर्ति के लिए लगभग हर भौगौलिक क्षेत्र में Blood Bank का होना नितांत आवश्यक है।

ब्लड बैंक काम कैसे करते हैं (How Blood Bank Works)

वैसे देखा जाय तो हम अपने आस पास बहुत सारे ऐसे लोगों को देखते हैं जो ब्लड डोनेशन के लिए हमेशा तैयार रहते हैं और वे लगभग हर साल छह महीने में ब्लड डोनेशन करते रहते हैं। लेकिन दूसरी तरफ हम यह भी किस्से आये दिन सुनते रहते हैं की रक्त न मिलने की वजह से उन्हें अनेकों परेशानीयों का सामना करना पड़ा। अब सवाल यह उठता है की जब लोग ब्लड डोनेट करते हैं तो फिर यह ब्लड जिन्हें उनकी आवश्यकता है उनके लिए उपलब्ध क्यों नहीं हो पाता है।

आज भी जब किसी के नाते रिश्तेदार को हॉस्पिटल में रुधिर की आवश्यकता होती है तो उन्हें पहले Blood Bank में ब्लड जमा करने के लिए कहा जाता है उसके बाद ब्लड बैंक से ब्लड जारी किया जाता है। अनेक स्थितियों में तो हॉस्पिटल द्वारा सेम ग्रुप यानिकी जिस ब्लड ग्रुप की मरीज को आवश्यकता है उसी ग्रुप का ब्लड जमा कराने को कहा जाता है। इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखते हुए न सिर्फ Blood Bank Business करने की सोच रहे व्यक्ति की उत्सुकता यह जानने की हो जाती है की ब्लड बैंक आखिर काम कैसे करते हैं बल्कि आम लोगों के मष्तिष्क में भी यह प्रश्न उठना स्वभाविक है।

जैसा की हम सब जानते हैं सरकारी एवं एनजीओ द्वारा संचालित ब्लड बैंकों का प्रमुख मकसद मानवता की सेवा ही होता है इसलिए अक्सर इन संस्थानों में लोग ब्लड डोनेशन के लिए अधिक पहुँचते हैं। लेकिन जब बात निजी या प्राइवेट क्षेत्र के ब्लड बैंकों की अति है तो इसमें कोई दो राय नहीं की उन्होंने यह काम लाभ कमाने के उद्देश्य से ही शुरू किया है।

अब प्रश्न यह उठता है की आखिर Blood Bank चलते कैसे हैं? अर्थात इनकी कार्यशैली क्या होती है? या ये अपनी कमाई कैसे करते हैं? वैसे सवाल सही भी है क्योंकि भारत में रक्त बेचना एवं खरीदना क़ानूनी अपराध है तो सवाल यही उठता है की फिर ब्लड बैंक की कमाई होती कैसे है? लेकिन एक सचाही यह भी है की भारत में रक्त का गैरकानूनी धंधा भी जोरों शोरों से चलता है।

बहुत सारे ब्लड बैंक पेड डोनर के माध्यम से ब्लड संग्रहित करते हैं और उसमें से प्लाज्मा, प्लेटलेट्स या ल्यूकोसाइट्स को अलग अलग करके भंडारित करते हैं और जरुरतमंदों को इन्हें उच्च दामों में बेचते हैं। बड़े बड़े हॉस्पिटल इत्यादि के बाहर आपको ऐसे एजेंट मिल जायेंगे जो तीन चार हज़ार रूपये प्रति यूनिट ब्लड के लेकर आपके लिए ब्लड की व्यवस्था करें। लेकिन चूँकि ये प्रोफेशनल डोनर होते हैं इसलिए इनका रक्त किसी और के लिए खतरा भी हो सकता है ।

ब्लड बैंक कैसे शुरू करें ? (How to Start a Blood Bank in India) 

जैसा की हम सब अच्छी तरह से जानते हैं की मनुष्य जीवन में जीवन से बड़ा कुछ नहीं है क्योंकि इस दुनिया में कोई भी सुख या दुःख केवल और केवल जीवनधारी के लिए है। निष्प्राण जीव को इस धरती से विदा कर दिया जाता है और इसमें कोई दो राय नहीं की जीवन प्रदान करने में रक्त का इतना अहम् योगदान है। अर्थात जीवन को सुचारु रूप से संचालित करने में रक्त का अहम् योगदान है शरीर तभी क्रियाशील रहता है जब उसमें रक्त का संचार सुचारू रूप से चलता है।

वर्तमान में लोगों को तरह तरह की बीमारियों एवं दुर्घटनाओं से बचाने के लिए बड़े पैमाने पर रुधिर की आवश्यकता पड़ती है इसलिए ऐसे में Blood Bank Business को चलाने में दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ता है। तो आइये जानते हैं की कैसे कोई ब्लड बैंक का बिजनेस शुरू कर सकता है।

1. फ्रैंचाइज़ी या खुद की स्थापना का निर्णय लें

जैसा की अन्य क्षेत्र में होता है की व्यक्ति के पास व्यवसाय शुरू करने के दो तरीके होते हैं एक तरीका पहले से स्थापित ब्रांड के तहत व्यवसाय करने का होता है जिसे फ्रैंचाइज़ी मॉडल भी कहा जाता है। दूसरा खुद का ब्रांड स्थापित करके स्वतंत्र रूप से व्यवसाय शुरू करने का होता है। Blood Bank Business शुरू करने के लिए भी उद्यमी के पास दो विकल्प होते हैं।

इसलिए सबसे पहले उद्यमी को यही निर्णय लेना होता है की वह इस तरह के व्यापार को फ्रैंचाइज़ी के तहत शुरू करना चाहता है या फिर स्वतंत्र रूप से। फ्रैंचाइज़ी के तहत जहाँ उसे हर एक बिक्री पर मूल कंपनी जिसके ब्रांड के तहत वह बिजनेस कर रहा हो को कुछ कमीशन देने की आवश्यकता होती है वहीँ स्वतंत्र रूप से इस तरह का व्यवसाय करने पर किसी को किसी प्रकार का कोई कमीशन देने की आवश्यकता नहीं होती है।

2. लोकेशन का चयन करें

Blood Bank Business शुरू करने के लिए भी उपयुक्त लोकेशन का चयन करना बेहद आवश्यक है ध्यान रहे यदि उद्यमी चाहता है की उसका ब्लड बैंक का यह व्यवसाय अच्छी तरह संचालित रहे। तो उसे अधिक से अधिक डोनर की आवश्यकता होगी इसलिए उद्यमी को किसी ऐसी लोकेशन का चयन करना चाहिए जहाँ से उसे अधिक से अधिक रक्त दान करने वाले लोग मिल सकें।

इसके अलावा यदि Blood Bank Center की यह लोकेशन किसी भीड़ भाड़ वाली जगह, हॉस्पिटल, नर्सिंग होम इत्यादि के नज़दीक हो तो इस तरह के व्यवसाय के सफल होने की अधिक संभावना होती है। उद्यमी को कम से कम  500-700 Square Feet  की जगह की आवश्यकता हो सकती है। इसमें ब्लड डोनेशन वाली जगह से लेकर ब्लड स्टोरेज, लैब, ऑफिस इत्यादि के लिए जगह की आवश्यकता होगी।

3. लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन प्राप्त करें

Blood Bank Business शुरू करने के लिए उद्यमी को तरह तरह के लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता हो सकती है । सबसे पहले तो उद्यमी को अपने ब्लड बैंक को एक वैधानिक स्वरूप प्रदान करना होगा। वैधानिक स्वरूप से आशय उसे अपने बिजनेस को विभिन्न बिजनेस एंटिटी जैसे प्रोप्राइटरशिप, पार्टनरशिप, प्राइवेट लिमिटेड कंपनी, वन पर्सन कंपनी इत्यादि  में से किसी एक के तहत रजिस्टर करने की आवश्यकता होगी।

उसके बाद उद्यमी को बैंक में चालू खाता, एमएसएमई रजिस्ट्रेशन, टैक्स रजिस्ट्रेशन इत्यादि करने की भी आवश्यकता होगी। लेकिन इस व्यवसाय को शुरू करने में एक बेहद जरुरी लाइसेंस फ़ूड सेफ्टी एवं ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन भी चाहिए होता है। यही वह लाइसेंस होता है जिसके बाद उद्यमी ब्लड बैंक का व्यवसाय शुरू करने के लिए पात्र हो पाता है।

4. आवश्यक उपकरणों की खरीदारी करें

हालांकि Blood Bank Business शुरू कर रहे उद्यमी को एक बात का विशेष ध्यान रखना होगा की किसी भी ब्लड बैंक में इस्तेमाल में लाये जाने वाले उपकरणों की लिस्ट में उसके द्वारा प्रदान की जाने वाली सर्विस के आधार पर अंतर हो सकता है। कहने का स्पष्ट सा अभिप्राय यह है की सभी ब्लड बैंक में एक जैसे उपकरण इस्तेमाल में नहीं लाये जाते हैं। उपकरणों की लिस्ट ब्लड बैंक द्वारा प्रदान की जाने वाली सर्विस, स्थापना का आकार, एक्टिविटीज इत्यादि पर निर्भर करता है।

लेकिन एक ब्लड बैंक में कुछ आधरभूत उपकरण जैसे रेफ्रीजिरेटर, डी फ्रीजर, इंसुलेटेड कैरियर बॉक्सेज, माइक्रोस्कोप और सेंट्रीफ्यूज, ऑटोमेटेड ब्लड टाइपिंग, ब्लड कंटेनर, बक्ट्रियोलॉजिकल इनक्यूबेटर, भार मापने वाले उपकरण, पैस्टर पिपेट, ग्लास ट्यूब, ग्लास स्लाइड, टेस्ट ट्यूब, रबर टाट, ग्लव्स, डिस्पोजेबल रबर ग्लव्स, ब्लॉटिंग या टिश्यू पेपर , टेम्परेचर रिकॉर्डर, बीपी उपकरण, डोनर चेयर इत्यादि। यद्यपि यहाँ पर हमने कुछ आधारभूत उपकरणों की लिस्ट ही प्रदान की है इसलिए उद्यमी को अपनी व्यवसायिक योजना के मुताबिक इस बात का निर्णय लेना चाहिए की उसे अपने Blood Bank Business के लिए कौन कौन से उपकरणों की आवश्यकता होगी।

5. प्रशिक्षण प्राप्त करें

उद्यमी के Blood Bank Business में जितने भी सवास्थ्य कर्मचारी, डॉक्टर, तकनीशियन इत्यादि हों उद्यमी को चाहिए की वह उनके लिए प्रशिक्षण का प्रबंध करे । हालांकि यदि स्टाफ अनुभवी नियुक्त किया गया है तो उन्हें शायद ही प्रशिक्षण की आवश्यकता पड़ेगी। 

लेकिन नए स्टाफ को प्रशिक्षण प्रदान करवाना बेहद जरुरी है इसके लिए उद्यमी किसी अन्य लाइसेंस्ड ब्लड बैंक, राज्य एवं केंद्र सरकार से सर्टिफाइड केन्द्रों से प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए आवेदन कर सकता है। ध्यान रहे उद्यमी जिस भी सेण्टर का चुनाव प्रशिक्षण के लिए करे उसके पास ट्रेनिंग इत्यादि देने के लिए संसाधनों, इंफ्रास्ट्रक्चर इत्यादि की कोई कमी नहीं होनी चाहिए।

6. ब्लड स्टोरेज एवं ट्रांसपोर्टेशन की उचित व्यवस्था करें

जैसा की हम सब जानते हैं की Blood Bank Business में ब्लड स्टोरेज एवं ट्रांसपोर्टेशन की व्यवस्था कितना बड़ा कठिन एवं चुनौतीपूर्ण कार्य है। क्योंकि रुधिर को खराब होने से बचाना सबसे बड़ा कार्य होता है इसलिए स्टोरेज करने से पहले ब्लड की स्थिति का जायजा लिया जाता है और उसके बाद ही उसे स्टोरेज में रखा जाता है। इसलिए आधान से उत्पन्न किसी भी समस्या के लिए स्टोरेज सेण्टर ही जिम्मेदार होता है।

यही कारण है की भण्डारण से पहले रुधिर की अच्छी तरह से जाँच की जानी चाहिए और उसमें किसी भी प्रकार का कोई तरल जैसे आंसू, हेमोलिसिस या फिर रंग में परिवर्तन दिखने पर उसे स्टोरेज करने के लिए नहीं रखा जाना चाहिए। रुधिर की स्टेरिलिटी बनाये रखने के लिए स्टोर को हमेशा साफ़ सुथरा रखना अति आवश्यक है। रक्त भण्डारण सेण्टर का निर्माण ही आपातकालीन स्थिति में रक्त की सुरक्षित एवं तेज डिलीवरी करने के उद्देश्य से किया गया है।

इसलिए रक्त को ट्रांसपोर्ट करने के दौरान अच्छी तरह से आइस पैक ठंडे बक्सों में ठीक से पैकिंग किया जाना अति आवश्यक है। बर्फ के इस्तेमाल में काफी सावधानियाँ बरतनी होती है जैसे रक्त बैग सीधे बर्फ के संपर्क में नहीं आने चाहिए। Blood Bank Business में रक्त को ट्रांसपोर्ट करते समय ब्लड बैंक रेफ्रीजिरेटर का भी इस्तेमाल किया जाता है। ताकि रक्त गंतव्य तक सुरक्षित पहुँच सके।

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