कृषि से जुड़े बिजनेस आईडियाज। Top 21 Agriculture Business Ideas in Hindi (2022).

एग्रीकल्चर बिजनेस आइडियाज की यदि हम बात करें तो इसमें कोई दो राय नहीं की आज के दौर में कृषि सबसे अधिक विकसित और माँग वाले क्षेत्रों में से एक हैं । वर्तमान में कृषि से सम्बंधित सैकड़ों ऐसे बिजनेस हैं जो बड़ी तीव्र गति से बढ़ रहे हैं । इन्हीं बिजनेस में से कुछ की लिस्ट हम नीचे बता रहे हैं जिन्हें वर्तमान समय में शुरू करना बेहद लाभकारी हो सकता है। हालांकि इसमें कुछ ऐसे व्यवसाय हैं जिन्हें बेहद कम निवेश से शुरू किया जा सकता है तो कुछ ऐसे भी हैं जिनके लिए बड़ी मात्रा में निवेश की आवश्यकता हो सकती है।

कृषि क्षेत्र एक बहुत बड़ा एवं विशाल क्षेत्र है जिसमें पशुपालन, वानिकी, मछली पालन, मधुमक्खी पालन इत्यादि जैसी कई अन्य चीजें भी शामिल हैं। देश में कई प्रकार के उत्पादों के विनिर्माण के लिए कच्चे माल का स्रोत प्रमुख तौर पर कृषि ही है। कोई भी व्यक्ति जो कृषि से जुड़े बिजनेस में रूचि रखता है यदि वह कृषि सम्बंधित व्यवसाय को जूनून और प्रतिबद्धता के साथ शुरू करता है तो इस तरह के ये व्यवसाय उद्यमी को बहुत अच्छी आय के साथ पुरस्कृत कर सकते हैं।

लेकिन कृषि से सम्बंधित व्यवसाय शुरू करने से पहले उद्यमी को अपनी कार्यक्षमता और निवेश करने की क्षमता का आकलन भी अवश्य कर लेना चाहिए। तो आइये जानते हैं की ऐसे कौन कौन से एग्रीकल्चर बिजनेस आइडियाज हैं जो उद्यमी के आय को बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो सकते ।

20 low and profitable agriculture business ideas hindi

पूरा लेख एक नजर में

1. डेयरी बिजनेस (Dairy- Agriculture Business)

दूध एक ऐसा उत्पाद है जिसकी माँग हमेशा हर जगह रहती है शहरों में तो वर्तमान में शुद्ध दूध के लिए लोग अधिक पैसे भी खर्च करने को तैयार हैं। इसके अलावा ग्रामीण इलाकों में भी दूध और दूध से निर्मित उत्पादों की माँग हमेशा रहती है। इसलिए हमने डेरी बिजनेस को कृषि व्यवसायों की लिस्ट में पहले स्थान पर रखा हुआ है क्योंकि दूध और दूध से निर्मित उत्पादों जैसे दही, घी, पनीर इत्यादि का इस्तेमाल लगभग प्रत्येक घर में होता है।

हालांकि इस तरह का यह व्यवसाय शुरू करने के लिए उद्यमी को सही मात्रा में पूँजी और डेरी विशेषज्ञों से सलाह लेने एवं मार्गदर्शन की भी आवश्यकता होती है। इस व्यापार को यदि उद्यमी पूरी प्रतिबद्धता एवं जूनून के साथ करता है तो यह व्यवसाय कम समय में ही एक लाभकारी कारोबार बन सकता है।

डेयरी फार्म बिजनेस कैसे शुरू करें.

2. जैविक खाद का उत्पादन (Production of organic fertilizer)

जैविक खाद का उत्पादन करने का यह बिजनेस कम निवेश के साथ शुरू किया जाने वाला व्यवसाय है क्योंकि इस प्रक्रिया में उद्यमी प्राकृतिक एवं घरेलु कचरे इत्यादि का इस्तेमाल कर रहा होता है और कोई भी उद्यमी इसे ग्रामीण क्षेत्र में भी आसानी से शुरू कर सकता है। वर्तमान में वर्मीकम्पोस्ट और जैविक खाद तैयार करना एक घरेलू व्यवसाय बन चूका है।

केमिकल युक्त खेती करने के अनेकों दुष्परिणाम लोगों एवं सरकारों के सामने हैं इसलिए सरकारें भी जैविक खाद के उत्पादन को बढ़ावा दे रही हैं और कृषि उत्पादक भी जागरूकतावश जैविक खाद और वर्मीकम्पोस्ट का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह Agriculture Business idea उन लोगों के लिए अच्छा है जो कम निवेश के साथ अपने घर से ही कुछ व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं।

3. उर्वरक वितरण व्यवसाय (fertilizer distribution business)  

जैसा की हम सब जानते हैं की भारत एक कृषि प्रधान देश है और कृषि करने के लिए या यूँ कहें की अच्छे उत्पादन के लिए किसानों को फसलों को खाद पानी देने की प्रमुख आवश्यकता होती है। इस कृषि से जुड़े व्यवसाय को अपनाकर उद्यमी बड़े शहरों से खाद या उर्वरक खरीदकर उसे छोटे शहरों या ग्रामीण इलाकों में बेच सकता है।

लेकिन ध्यान रहे उद्यमी की दुकान ऐसी लोकेशन पर होनी चाहिए जिस एरिया में खेती की जाती हो और किसान बाहुल्य क्षेत्र हो। क्योंकि रिटेल उर्वरक शॉप के मुख्य ग्राहक के तौर पर किसान ही रहने वाले हैं जिन्हें अपनी फसलों के लिए खाद या उर्वरक की आवश्यकता होती है।

खाद या उर्वरक वितरण व्यवसाय शुरू करने की जानकारी.

4. मशरुम फार्मिंग (Mushroom Farming a High Demanded Agriculture Business)

हालांकि मशरुम एक फफूंद होती है इसलिए इसका उत्पादन करने के लिए जमीन की आवश्यकता तो नहीं होती लेकिन उद्यमी को छायादार कमरों की आवश्यकता अवश्य होती है। मशरुम की घरेलू एवं अंतराष्ट्रीय बाजार में भी बड़ी मांग है क्योंकि इससे होटल, रेस्तरां, घरों इत्यादि में अनेको तरह की डिश तैयार की जाती है। इसलिए किसी भी इच्छुक व्यक्ति के लिए यह बिजनेस कम समय में ही अच्छा लाभ प्रदान करने वाला हो सकता है। शुरुआती दौर में इसे बेहद कम निवेश के साथ कम जगह से भी शुरू किया जा सकता है।

मशरुम फार्मिंग कैसे शुरू करें.

5. फूलों का बिजनेस (Flower Cultivation)

पिछले दस वर्षों में फूलों के व्यापार नामक इस व्यवसाय में काफी वृद्धि हुई है, क्योंकि वर्तमान में हर आयोजन, त्यौहार पर फूलों की आवश्यकता होती ही होती है। इसलिए यदि आपके पास भी कोई खाली जमीन है तो आप भी उसमें फूलों की खेती शुरू कर सकते हैं। इसके अलावा सूखे हुए फूलों को शिल्प भंडार में भी रखा जाता है या फिर फूलों के शौक़ीन लोगों को भी बेचा जाता है।

6. पेड़ों की खेती (Plants farming)

यदि आप किसी ऐसे बिजनेस के बारे में सोच रहे हैं जो लम्बी अवधि में अच्छा रिटर्न देने में सक्षम हो तो पेड़ों की खेती नामक यह व्यापार आपके लिए है। उद्यमी विभिन्न प्रकार के इमारती लकड़ी के पेड़ों की खेती करके पांच छह सालों बाद अच्छा खासा मुनाफा कमा सकता है। हालांकि इस व्यवसाय में पेड़ों को लम्बा एवं मोटा होने में लम्बा समय लगता है इसलिए उद्यमी को लम्बे समय तक धैर्य बनाये रखने की आवश्यकता होती है।

7. हाइड्रोपोनिक रिटेल स्टोर (Hydroponic – A Technology Based Agriculture Business) 

जनसँख्या में हो रही लगातार वृद्धि और औद्यौगिकीकरण के चलते कृषि योग्य भूमि का लगातार विघटन होता जा रहा है। ऐसे में शहरों में हाइड्रोपोनिक्स तकनीक का उपयोग बहुत तीव्र गति से बढ़ रहा है इस तरह की तकनीक की मदद से पौधों और फसलों की खेती बिना मिटटी के की जाती है। इसलिए इस व्यवसाय को अपनाकर उद्यमी कई हाइड्रोपोनिक्स उपकरण बेचकर कमाई कर सकता है।

8. ऑर्गेनिक ग्रीनहाउस (Organic Greenhouse)

आर्गेनिक यानिकी जैविक खेती के माध्यम से उगाये गए उत्पादों की माँग लगातार बढती जा रही है क्योंकि केमिकलयुक्त खेती के अनेकों दुष्परिणाम लोगों के सामने आ चुके हैं। शहरों में तो लोग आर्गेनिक उत्पादों के लिए साधारण उत्पादों की तुलना में अधिक खर्चा करने के लिए भी तैयार रहते हैं।

इसलिए यदि आप भी कृषि से जुड़ा व्यापार शुरू करने के बारे में सोच रहे हैं तो आप आर्गेनिक ग्रीनहाउस शुरू करके उसमें आर्गेनिक उत्पादों का उत्पादन करके उन्हें जरूरतमंद लोगों को बेचकर कमाई कर सकते हैं। इसके लिए उद्यमी को जमीन खरीदने की आवश्यकता हो सकती है।

9. चाय पत्ती के बागान (Tea gardens)

भारत में चाय सर्वाधिक प्रचलित पेय में से एक है, और वर्तमान में विदेशों में भी भारतीय चाय पत्ती की मांग बढती जा रही है। चाय पत्ती की बढती माँग के चलते कोई भी व्यक्ति इस तरह के बिजनेस को शुरू करके अच्छे खासे लाभ की कमाई कर सकता है। लेकिन चाय पत्ती के बागान के लिए उपयुक्त जलवायु एवं उपयुक्त मौसम का होना नितांत आवश्यक है।

इसलिए उद्यमी चाहे तो सर्वप्रथम राज्य के कृषि विभाग से संपर्क करके इस बात की जानकारी ले सकता है की जहाँ पर वह चाय के बागान शुरू करना चाहता है क्या वहाँ की जलवायु और मौसम इनके लिए उपयुक्त है। इस बिजनेस में पूँजी निवेश तो अधिक है लेकिन बाद में लाभ भी अधिक ही प्राप्त होता है।

10. मधुमक्खी पालन (Beekeeping )

शहद का मनुष्य के स्वास्थ्य को स्वस्थ रखने में बड़ा अहम् योगदान होता है यही कारण है की इसके अनेकों औषधीय इस्तेमाल भी होते हैं। जैसे जैसे लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होते जा रहे हैं वैसे वैसे शहद की मांग भी लगतार बढती जा रही है। इसलिए ऐसे लोग जो कृषि क्षेत्र से जुड़ा व्यापार करने की सोच रहे हैं वे मधुमक्खी पालन शुरू करने पर भी विचार कर सकते हैं। लेकिन इस तरह का यह बिजनेस शुरू करने के लिए उद्यमी को प्रशिक्षण लेने की आवश्यकता होती है।

11. सब्जी और फलों का निर्यात (Export of Vegetable and fruit)

सब्जी और फलों के निर्यात से आशय अंतराष्ट्रीय बाज़ारों में सब्जी और फलों को बेचने से नहीं बल्कि एक शहर से दुसरे शहर एक राज्य से दुसरे राज्य को सब्जी और फलों की सप्लाई करने से है। हालांकि उद्यमी चाहे तो बाहरी देशों की ओर भी फल और सब्जियों को निर्यात कर सकता है।

लेकिन इसके लिए उद्यमी को इम्पोर्ट एक्सपोर्ट कोड के अलावा अनेकों सरकारी दिशानिर्देशों का पालन करने की आवश्यकता होती है। इसलिए शुरूआती दौर में इस व्यवसाय को धरातल के पटल पर उतारने के लिए उद्यमी स्थानीय किसानों से फल सब्जियाँ खरीदकर उन्हें अन्य राज्यों या शहरों में भेजने का कार्य कर सकता है। इस व्यवसाय को भी उद्यमी कम निवेश के साथ आसानी से शुरू कर सकता है।

सब्जी बेचने का व्यापार कैसे शुरू करें.

12. औषधीय जड़ी बूटियों की खेती

जड़ी बूटियों के माध्यम से चिकित्सा की पद्यति बेहद पुरानी है वर्तमान में ऐसे लोगों की संख्या में बड़ा इजाफा हुआ है जो जड़ी बूटियों से निर्मित दवाइयां ही लेना पसंद करते हैं। यही कारण है की देश में ऐसी अनेकों विनिर्माण इकाइयाँ विद्यमान हैं जो जड़ी बूटियों के माध्यम से विभिन्न प्रकार की बीमारियों की औषधि का निर्माण करती हैं।

यदि आपके पास पर्याप्त जमीन और औषधीय पौधों के बारे में बुनियादी जानकारी या ज्ञान है तो आप औषधीय जड़ी बूटियों के खेती के माध्यम से अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं। इस तरह के बिजनेस को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार बैंक ऋण इत्यादि पर सब्सिडी भी प्रदान करती है।

13. मसालों का प्रसंस्करण (Processing of Spice)

मसालों के प्रसंस्करण से आशय मसालों को उनके मूल रूप से पाउडर स्वरूप में परिवर्तन करने से है हालांकि सभी मसालों को पाउडर स्वरूप में परिवर्तित करने की आवश्यकता नहीं होती लेकिन उनसे धूल, मिटटी, कंकड़ इत्यादि दूर करके पैकिंग करने की आवश्यकता अवश्य होती है।

इस बिजनेस में उद्यमी स्थानीय किसानों से विभिन्न प्रकार के मसाले जैसे हल्दी, मिर्च, धनिया, जीरा, लहसुन, अदरक इत्यादि खरीदकर इन्हें कूट पीसकर पैकिंग करके बाजार में बेचने के लिए भेज सकता है। मसालों को प्रसंस्कृत करने की प्रक्रिया बहुत अधिक जटिल नहीं है इसलिए इसे बेहद कम निवेश के साथ भी आसानी से शुरू किया जा सकता है और मसालों की जरुरत भारत में ही नहीं दुनिया में भी बड़े पैमाने पर है।

14. बकरी पालन (Goat Farming – A traditional Agriculture Business Idea)

बकरी पालन एक ऐसा व्यवसाय है जो बेहद प्राचीन समय से ही किसानों की आजीविका चलाने का प्रमुख साधन रहा है। लेकिन बदलते वक्त के साथ इसकी महत्वता और बढती गई है क्योंकि बकरियों का पालन दुग्ध और माँस सम्बन्धी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए किया जाता है। सम्पूर्ण विश्व में बकरी के मांस की बड़े पैमाने पर माँग है लेकिन उद्यमी स्थानीय स्तर पर भी बकरियों को आसानी से बेच सकता है। और इस तरह का यह बिजनेस भी बेहद कम निवेश के साथ आसानी से शुरू किया जा सकता है।

बकरी पालन बिजनेस कैसे शुरू करें.

15. सर्टिफाइड बीज डीलर (Seed Dealership)

वर्तमान में सरकार किसानों और उनकी उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए अनेकों कदम उठा रही है इन्हीं क़दमों में से एक कदम उन किसानों को अच्छा गुणवत्तायुक्त बीज उपलब्ध कराना है ताकि किसानों के उत्पादन में बढ़ोत्तरी हो। यदि आप किसी किसान बाहुल्य एरिया में रहते हैं तो आपके लिए सर्टिफाइड बीज डीलर बनना लाभकारी हो सकता है हालांकि इसके लिए आपको कुछ औपचारिकतायें करनी होंगीं जिनका विवरण आप अपने राज्य के कृषि विभाग से ले सकते हैं।

16. पोल्ट्री फार्मिंग (Poultry Farming Agriculture Business)

वर्तमान में अण्डों और मुर्गे के मांस की बड़े पैमाने पर मांग उपलब्ध है यही कारण है जहाँ मुर्गी पालन को पहले एक सहायक आजीविका के साधन के तौर पर किया जाता था वर्तमान में यह व्यवसाय तकनिकी व्यवसायिक उद्योग में बदल गया है। एक एक पोल्ट्री फार्म में सैकड़ों हजारों पक्षी एक साथ पाले जाते हैं। छोटे स्तर पर इस तरह के व्यापार को बेहद कम निवेश के साथ शुरू किया जा सकता है। सबसे अच्छी बात यह है की इस व्यवसाय में उद्यमी अपने उत्पाद को स्थानीय स्तर पर भी उचित दामों में आसानी से बेच सकता है।

17. मछली पालन (Fish Farming)

भारत में अधिकतर लोग अपनी मछली सम्बन्धी आवश्यकता के लिए उस एरिया में उपलब्ध नदी, नालों पर निर्भर रहते हैं जबकि एक व्यवसायिक तौर पर शुरू किया जाने वाला मछली पालन व्यवसाय बहुत ही आकर्षक व्यवसायों की लिस्ट में शामिल है ।

वर्तमान में मछली पालन करने के लिए विभिन्न तकनीकें उपलब्ध हैं जिनका उपयोग करके उद्यमी उत्पादन और गुणवत्ता में काफी हद तक सुधार कर सकता है। हालांकि इस तरह का यह व्यवसाय शुरू करने के लिए उद्यमी को काफी तकनीकी चीजों की जानकारी के लिए प्रशिक्षण लेने की आवश्यकता हो सकती है और इसमें निवेश भी अधिक करना पड़ सकता है।

मछली पालन व्यवसाय कैसे शुरू करें.

18. मिटटी जाँच करने की लैब (Soil Testing lab)

यह बात तो हम सब अच्छी तरह से जानते हैं की अलग अलग पोषण वाली मिटटी में अलग अलग फसलें उगाई जा सकती हैं। इसलिए किसानों के मन में कोई नई फसल बोने से पहले यही शंका रहती है की क्या उस मिटटी में यह फसल हो पायेगी या फिर नहीं इसके लिए उन्हें उस खेत की मिटटी की जाँच कराने की आवश्यकता हो सकती है।

इस व्यवसाय में उद्यमी अपने ग्राहकों को मिटटी में मौजूद पोषक तत्वों की जाँच करने की सुविधा प्रदान करता है इसके अलावा उद्यमी विभिन्न फसलों के लिए आवश्यक उर्वरकों की सिफारिश भी ग्राहकों को दे सकता है । लेकिन उद्यमी को इस तरह की लैब सरकारी प्रमाणन के साथ ही शुरू करनी चाहिए ।

19. एग्रीकल्चर कंसल्टेंसी (Agriculture Consultancy business )

यदि आप फार्मिंग यानिकी खेती के किसी विशिष्ट क्षेत्र में विशेज्ञता रखते हैं तो आप कृषि परामर्शदाता के तौर पर कार्य कर सकते हैं। इसमें उद्यमी के मुख्य ग्राहक के तौर पर वे खेती पाती से जुड़े लोग यानिकी किसान ही रहने वाले हैं। उन्हें समय समय पर उत्पादन, बीज, मिटटी, जलवायु, मौसम इत्यादि पर परामर्श की आवश्यकता होती है।   

20. पशुओं का चारा (Animal feed production)

इसमें कोई दो राय नहीं की मनुष्य पशुओं का पालन अपनी दुग्ध सम्बन्धी आवश्यकताओं एवं माँस सम्बन्धी आवश्यकताओं को पूर्ण करने के लिए करता है। इसके अलावा कुछ पशु ऐसे होते हैं जिनका पालन बोझा ढोने के उद्देश्य के लिए भी किया जाता है इनमें गाय, भैंस दुग्ध उत्पादन के लिए तो बकरी, भेड़ इत्यादि मांस के लिए घोड़ा, गधा, खच्चर इत्यादि बोझा ढोने के उद्देश्य से पाले जाते हैं। इन सबकी अच्छी परफॉरमेंस के लिए इन्हें अच्छा चारा देना आवश्यक होता है।

यही कारण है की पशुपालक अपने पशुओं के लिए बाजार में उपलब्ध चारा खरीदते हैं। इस व्यापार को धरातल के पटल पर उतारने के लिए भी उद्यमी को अच्छे खासे निवेश की आवश्यकता हो सकती है।

21. तुलसी की खेती

तुलसी का इस्तेमाल अनेकों तरह की दवाइयां और कॉस्मेटिक प्रोडक्ट बनाने के लिए किया जाता है। चूँकि तुलसी में औषधीय गुण विद्यमान होते हैं इसलिए इसका इस्तेमाल घरों में होम रेमेडी के तौर पर भी किया जाता है। लेकिन इस कृषि व्यापार में आपके ग्राहक के तौर पर फार्मास्यूटिकल कम्पनीयां और आयुर्वेदिक उत्पादों और कॉस्मेटिक उत्पादों का निर्माण करने वाली कम्पनियां रहने वाली हैं। इच्छुक किसान या उद्यमी चाहे तो तुलसी की खेती का बिजनेस भी शुरू कर सकता है।

एग्रीकल्चर बिजनेस आइडियाज से सम्बंधित प्रश्नोत्तर

  1. सबसे ज्यादा प्रॉफिट वाला कृषि व्यवसाय कौन सा है?

    वैसे तो यहाँ पर हमने सभी प्रॉफिटेबल बिजनेस का ही जिक्र किया है, लेकिन आज के हिसाब से डेयरी फार्मिंग, आर्गेनिक ग्रीनहाउस, औषधीय जड़ी बूटियों की खेती, मिटटी जांच लैब इत्यादि सबसे अधिक प्रॉफिट देने वाले बिजनेस की लिस्ट में शामिल हैं।

  2. क्या सभी कृषि व्यवसाय गाँव से भी शुरू किये जा सकते हैं?

    जी हाँ, कृषि से सम्बंधित व्यवसायों के लिए ग्रामीण क्षेत्र ही सबसे उपयुक्त होता है।

  3. नए कृषि व्यवसाय कौन कौन से हैं?

    जैविक खाद का उत्पादन, आर्गेनिक ग्रीनहाउस, मिटटी जाँच लैब, एग्रीकल्चर कंसल्टेंसी और पशुओं का चारा बनाने का बिजनेस इत्यादि नए Agriculture Business में शामिल हैं।

  4. कृषि व्यवसाय शुरू करने के लिए क्या किसी लाइसेंस की आवश्यकता होती है?

    अधिकतर कृषि व्यवसायों के लिए लाइसेंस की बाध्यता नहीं है, लेकिन फिर भी यह व्यवसाय की प्रकृति पर निर्भर करता है। जैसे आप खाद वितरण व्यवसाय बिना सरकार की अनुमति और लाइसेंस के नहीं शुरू कर सकते।