अगरबत्ती बनाने का बिजनेस कैसे शुरू करें। 9 easy steps to Start Agarbatti Making.

Agarbatti Making Business in India: एक ऐसा बिजनेस है जो लोगों की आस्था से जुड़ा है जिस की हम वास्तविक दुनिया में देखते आ रहे हैं की आस्था से जुड़े हुए व्यापार या काम भारत में काफी जोरों शोरों से फलते फूलते रहे हैं।

वह इसलिए क्योंकि भारत में अनेकों धर्मों सम्प्रदायों को मानने वाले लोग निवासित रहते हैं और यहाँ के लोग किसी अदृश्य शक्ति पर बहुत अधिक विश्वास करते हैं। खैर यहाँ पर बात सिर्फ अगरबत्ती की हो रही है वह भी इसलिए क्योंकि यह एक ऐसा बिजनेस है जिसे बेहद कम निवेश के साथ आसानी से शुरू किया जा सकता है।

अगरबत्ती नामक यह उत्पाद एक ऐसा उत्पाद है जिसका इस्तेमाल लगभग हर धर्म को मानने वाले लोग एक सुगन्धित उत्पाद के तौर पर करते हैं। धार्मिक क्रियाकलापों को करते समय इसका इस्तेमाल तो किया ही जाता है लेकिन कुछ लोग केवल सुगंध इत्यादि के लिए भी इसका इस्तेमाल करते हैं।

इसलिए इस तरह के उत्पाद की आवश्यकता भारत में निवासित लगभग सभी परिवारों को रहती है कहने का आशय यह है की भारत में शायद ही कोई ऐसा घर हो जहाँ आपको अगरबत्ती का कोई पैकेट न मिले।

अब जिस उत्पाद की इतने बड़े स्तर पर माँग विद्यमान हो तो उस उत्पाद को बेचना एवं इससे कमाई करना बहुत अधिक कठिन कार्य तो नहीं है। लेकिन बाजार में पहले से स्थापित ऐसे ब्रांड हैं जिनसे उद्यमी की सीधे तौर पर प्रतिस्पर्धा होगी। इसलिए आज इस लेख के माध्यम से हम अगरबत्ती बनाने के बिजनेस के बारे में विस्तार से जानने की कोशिश करेंगे।

Agarbatti-Making-Business

अगरबत्ती बिजनेस क्या है (What is Agarbatti Making Business in Hindi)

अगरबत्ती को अंग्रेजी में Incense Stick  कहा जाता है हिंदी में यह अगरबत्ती के नाम से काफी मशहूर है।  अगरबत्ती की यदि हम बात करें तो यह एक 6-7 इंच लम्बी एक छड़ होती है। जिस पर काला या भूरे रंग का एक सुगन्धित लेप लगा होता है। जब इस छड़ को जलाया जाता है तो इससे उत्पन्न होने वाला धुआँ वातावरण में सुगंध पैदा कर देता है।

यही कारण है की लोग इसका इस्तेमाल पूजा पाठ एवं दुर्गन्ध इत्यादि दूर करने के लिए करते हैं । जब किसी उद्यमी द्वारा व्यवसायिक तौर पर इस तरह का यह बिजनेस किया जाता है तो उसके द्वारा किया जाने वाला यह व्यापार अगरबत्ती बनाने का बिजनेस (Agarbatti making) कहलाता है।

अगरबत्ती बनाने का काम कैसे शुरू करें (How to Start Agarbatti Making in India):

इस बिजनेस को बेहद छोटे स्तर पर यहाँ तक की कुटीर उद्योग के तौर पर भी आसानी से शुरू किया जा सकता है। भारत में इस तरह का यह बिजनेस इसलिए लाभकारी है क्योंकि अगरबत्ती का इस्तेमाल लगभग हर एक घर में होता है। और दूसरी बात की अगरबत्ती बनाने की प्रक्रिया को बड़ी तीव्र गति से आसानी से समझा जा सकता है। इसके अलावा इस बिजनेस को मशीन खरीदकर एवं बिना मशीन अर्थात मैन्युअल तरीके से अगरबत्ती बनाकर भी शुरू किया जा सकता है।

कहने का अभिप्राय यह है की यदि उद्यमी के पास निवेश करने के लिए अधिक पैसे नहीं हैं तो वह इसे मैन्युअल तरीके से भी कर सकता है। हालांकि मशीन खरीदने से उद्यमी उच्च गुणवत्तायुक्त अगरबत्ती बेहद कम समय एवं लागत में बना पाने में समर्थ होगा। इसलिए आगे इस लेख में हम स्टेप बाई स्टेप अगरबत्ती बनाने के बिजनेस के बारे में वार्तालाप करेंगे।

1. अगरबत्ती बनाने की मशीन लें (Purchase Agarbatti Making Machine):

अगरबत्ती बनाने के बिजनेस में Agarbatti Making Machine सबसे महत्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि इसे इस व्यवसाय की रीढ़ माना जाता है। इस तरह की मशीनों को बेचने वाली कई कम्पनियाँ बाजार में उपलब्ध हैं लेकिन उद्यमी को किसी विश्वसनीय कंपनी से ही इस तरह की मशीन खरीदनी चाहिए। एक ऐसी कंपनी जो मशीन के ब्रेक डाउन इत्यादि होने पर सर्विस प्रदान करती हो से इस तरह की मशीन खरीदना उचित हो सकता है।

इस तरह की यह मशीने खरीदने के एक दो महीने या छह महीने तक सुचारू रूप से काम करती हैं लेकिन उसके बाद इन्हें अधिक रखरखाव एवं सर्विसिंग की आवश्यकता होती है। वैसे देखा गया है की इस तरह की मशीनों के विनिर्माणकर्ता या आपूर्तिकर्ता गुजरात से होते हैं इसलिए मशीन खरीदने से पहले यह अवश्य पता कर लें की वे आपके क्षेत्र में सर्विस प्रदान करते हैं की नहीं।

जहाँ बड़ी कम्पनियों ने भारत के हर राज्य में अपनी डीलरशिप स्थापित की होगी वहीँ कुछ ऐसी कम्पनियाँ भी होंगी जो स्थानीय स्तर पर कार्य करती होंगी। इसलिए ध्यान रहे अपने शहर में स्थित डीलर से ही मशीन खरीदें ताकि इमरजेंसी में वह आपको सेवा प्रदान कर सके।

जहाँ तक अगरबत्ती बनाने की मशीन की कीमत का सवाल है इसकी कीमत इसकी स्पीड एवं उत्पादन क्षमता पर निर्भर करती है। आम तौर पर बाजार में इस तरह की मशीनें 125000से 155000 में आसानी से खरीदी जा सकती हैं। इस तरह की इन मशीनों की क्षमता बारह घंटे में लगभग 100 किलो कच्चे अगरबत्ती का उत्पादन करने की होती है। इसके अलावा उत्पादन क्षमता के आधार पर इससे सस्ती या महंगी मशीनें भी बाजार में उपलब्ध हो सकती हैं।          

2. कच्चा माल खरीदें (Purchase Raw Material For Agarbatti Making):

यद्यपि अगरबत्ती मशीन बेचने वाले डीलरों को पता रहता है की इस काम के लिए आपको कच्चा माल कहाँ से मिल सकता है। इसलिए आप चाहें तो मशीन खरीदते वक्त उनसे कच्चे माल सप्लायर के बारे में पता कर सकते हैं। चूँकि इस बिजनेस के लिए कच्चे माल के तौर पर कोयला पाउडर, गोंद पाउडर, बाँस की छड़ें, जिकिट पाउडर एवं खुशबु के लिए इत्र अर्थात परफ्यूम की आवश्यकता होती है। इसलिए इस तरह का यह सामान किसी भी शहर के स्थानीय बाजार में आसानी से मिल जाता है।

यदि आपको कच्चे माल का सप्लायर आसानी से नहीं मिल पा रहा है तो आप अपने एरिया में किसी ऐसी इकाई की खोज कर सकते हैं जो पहले से अगरबत्ती बना रहे हों। उनके माध्यम से आपको अपने एरिया में सप्लायर ढूँढने में आसानी होगी इसके अलावा आप इंडियामार्ट, अलीबाबा जैसी वेबसाइट का भी सहारा सप्लायर ढूँढने के लिए ले सकते हैं।

एक जानकारी के मुताबिक अगरबत्ती बनाने में जिन बाँस की छड़ों का इस्तेमाल किया जाता है इन बाँस की छड़ों को चीन एवं वियतनाम से मँगाया जाता है जो लगभग 120-130 रूपये किलो आसानी से मिल जाती हैं। इस व्यवसाय में इस्तेमाल होने वाला कच्चा माल भारत के किसी भी कोने में आसानी से उपलब्ध है।        

3. लोकेशन पर मशीन इनस्टॉल करें (Install Agarbatti Making Machine):

हालांकि हमने यहाँ पर जिक्र नहीं किया है लेकिन हम यहाँ पर यह मान के चलते हैं की उद्यमी ने अपने अगरबत्ती बिजनेस के लिए लोकेशन का चुनाव मशीन खरीदने से पहले कर लिया होगा। इस स्थिति में यदि उद्यमी उसी शहर में स्थित किसी डीलर से अगबत्ती बनाने की मशीन खरीदेगा।

तो वह डीलर उस मशीन को उद्यमी की लोकेशन पर इनस्टॉल करने के लिए अपना तकनीशियन अवश्य भेजेगा। लेकिन हो सकता है की उद्यमी को उस तकनीशियन के सभी खर्चे वहन करने होंगे वह इंस्टालेशन शुल्क इत्यादि ले सकता है। और उद्यमी को मशीन को चलाने का प्रशिक्षण भी दे सकता है।

यह प्रशिक्षण वह उद्यमी को कुछ घंटों में या फिर 1-2 दिनों में पूरा कर सकता है और जब उद्यमी खुद मशीन चलाने लगेगा तो उसके द्वारा दिया जाने वाला प्रशिक्षण पूरा हो जायेगा। किसी इमरजेंसी या फिर मशीन ब्रेक डाउन की स्थिति में आप उसी व्यक्ति को फोन करें जिससे आपने मशीन खरीदी हो।

यदि आप थोड़े बड़े स्तर पर इस तरह का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं जिससे आप महीने में लगभग 50-60 हजार रूपये कमाई कर पायें तो आपको एक नहीं बल्कि तीन चार मशीन इंस्टाल करनी होंगी। हालांकि आप चाहें तो पहले एक मशीन से भी शुरू कर सकते हैं।         

4. मैनपावर एवं प्रशिक्षण का प्रबंध करें (Staff & Training) :

इस तरह का यह बिजनेस करने वाले उद्यमी को इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा की वह जितनी मशीन खरीदेगा उसे कम से कम उतने ही आदमी मशीन चलाने के लिए रखने पड़ेंगे। कहने का अभिप्राय यह है की हर मशीन के लिए कम से कम एक आदमी अवश्य चाहिए होगा।

इसलिए यदि उद्यमी के पास कुल पांच मशीनें होंगी तो उद्यमी को इन पांच व्यक्तियों को विशेष प्रशिक्षण दिलवाने की आवश्यकता हो सकती है क्योंकि प्रत्येक आदमी प्रत्येक मशीन से अच्छी तरह से काम लेने में माहिर होना चाहिए।

इस तरह के सेटअप में इन पांच कर्मचारियों के अलावा उद्यमी को कम से कम तीन ऐसे स्टाफ की भी आवश्यकता होगी जो इन पांच मशीनों के लिए मिक्सचर तैयार करने के अलावा ड्राईग एवं पैकिंग भी कर सके।

हालांकि शुरूआती दौर में उद्यमी चाहकर भी मशीनों की क्षमता के मुताबिक उत्पादन करने में सक्षम नहीं हो पायेगा इसका मुख्य कारण नया स्टाफ होना होगा लेकिन धीरे धीरे यानिकी 15-20 दिनों में स्टाफ मशीनों से उनकी क्षमता के मुताबिक काम लेने में सक्षम हो जायेंगे।        

5. मिक्सचर तैयार करना (Prepare mixture for Agrabtti Making) :

अगरबत्ती बनाने के बिजनेस का यह बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा है वह इसलिए क्योंकि यदि उद्यमी द्वारा बनाया गया मिक्सचर सही नहीं होगा तो बनने वाली अगरबत्ती भी सही नहीं होगी। यानिकी हो सकता है की अगरबत्ती अंत तक जले बिना ही बुझ जाय जिससे आपके ग्राहकों पर बुरा असर पड़ सकता है।

इसलिए ध्यान रहे उद्यमी को अगरबत्ती मशीन तकनीशियन या मशीन बेचने वाले डीलर से इसके लिए मिश्रण तैयार करने की विधि को भी सीखना होगा। ध्यान रहे यदि मिक्सचर सही नहीं बनेगा तो अगरबत्ती भी अच्छी नहीं बनेगी और यदि अगरबत्ती अच्छी नहीं बनेगी तो लोग इसे कम ही खरीदेंगे। इसलिए सबसे पहले उद्यमी को या प्रक्रिया सटीक तौर पर स्वयं सीखनी होगी और उसके बाद कार्यरत कर्मचारियों को इसका प्रशिक्षण देना होगा।     

6. मिक्सचर को मशीन में लोड करना:

जब मिश्रण अच्छी तरह से तैयार कर लिया जाता है तो उसके बाद इसे बाँस की छड़ों के साथ अगरबत्ती बनाने वाली मशीन में लोड कर दिया जाता है। और कच्ची अगरबत्तियों का निर्माण किया जाता है। आप मशीन की उत्पादन क्षमता के आधार पर प्रति घंटें कुछ किलो कच्ची अगरबत्तियों का उत्पादन कर सकते हैं। ध्यान रहे कच्ची अगरबत्तियों को संग्रहित करने में उद्यमी को एक स्टाफ पूरी तरह सिर्फ इसी काम पर लगाना बेहद जरुरी है।       

7. अगरबत्ती को सूखायें (Dry Agrbatti Sticks):

हालांकि कच्ची अगरबत्तियों को सीधे सूरज की रौशनी में भी सुखाया जा सकता है लेकिन यदि आपकी इकाई की छत पर या आँगन में कोई ऐसी जगह नहीं है जहाँ आप इन्हें सूरज की रौशनी में सूखा सकते हैं। तो ध्यान रखिये उद्यमी को अपने बिजनेस के लिए एक ड्रायर मशीन की भी आवश्यकता हो सकती है। इस मशीन की बाजार में कीमत 35 से 40 हजार के बीच हो सकती है और यह मशीन बरसात के मौसम में भी काफी उपयोगी सिद्ध होती है।   

8. परफ्यूम एड करना :

जानकारी के मुताबिक इस तरह के व्यवसाय में परफ्यूम एड करने की प्रक्रिया करने के लिए एक अलग सी शाखा होती है। यही कारण है की बहुत सारी अगरबत्ती बनाने वाली कम्पनियाँ केवल कच्ची अगरबत्तियाँ अर्थात ऐसी अगरबत्तियाँ जिनमें सुगंध एड नहीं की गई हो कम्पनियों को बेचते हैं।

लेकिन यदि आप पूर्ण रूप से अगरबत्ती बनाकर स्वयं के ब्रांड नाम के साथ मार्किट में अगरबत्ती बेचना चाहते हैं तो आपको अपने बिजनेस की एक लग सी शाखा जिसमें कच्ची अगरबत्तियों पर सुगंध चढ़ाई जाय स्थापित करनी होगी। और अपने ग्राहकों को अगरबत्ती के माध्यम से नई नई सुगंध प्रदान करने के लिए अनेकों शोध करने होंगे।    

9. पैकिंग एवं सप्लाई करना (Packaging & Supply) :

जहाँ तक पैकिंग का सवाल है पैकिंग सामग्री भी इस बात पर निर्भर करती है की उद्यमी कच्ची अगरबत्ती बेचना चाह रहा है या फिर पूर्ण रूप से निर्मित सुगन्धित अगरबत्ती।

जहाँ कच्ची अगरबत्तियाँ बेचने के लिए उद्यमी को अगरबत्तियों को जूट बैग जिनकी क्षमता 40 किलो होती है में पैक करना होता है। वहीँ Agarbatti Making Business में सुगन्धित एवं पूर्ण रूप से तैयार अगरबत्तियाँ बेचने के लिए उद्यमी को उच्च गुणवत्तायुक्त पैकिंग सामग्री की आवश्यकता होती है जिसमें उद्यमी के ब्रांड का नाम भी अंकित हो।

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